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२४ मीटर उंची इमारतों को दमकल विभाग के एनओसी की जरूरत नहीं

डिसीपीआर के नये नियमों से मिली निर्माण व्यवसायियों को राहत

अमरावती/प्रतिनिधि दि. १६ – राज्य सरकार द्वारा महानगरपालिका व नगर पालिका क्षेत्रों के लिए हाल ही में घोषित की गई विकास नियंत्रण व प्रोत्साहन नियमावली (DCPR) भवन निर्माण क्षेत्र को एक बडी राहत दी है. क्योंकि नये नियमानुसार अब 24 मीटर तक की उंचाईवाली इमारतों को अग्निशमन विभाग की एनओसी लेना और अग्निशमन व्यवस्था करना बंधनकारक एवं अनिवार्य नहीं रहेगा. इससे पहले यह मर्यादा 15 मीटर तक थी. इसके साथ ही अब अनिवासी इमारतों के लिए 150 चौरस मीटर की मर्यादा को बढाकर 500 चौरस मीटर तक कर दिया गया है.
इस संदर्भ में एक नई नियमावली विगत 3 दिसंबर को नगर विकास विभाग द्वारा जारी की गई है. जिसमें मुंबई को छोडकर राज्य की सभी महानगरपालिकाओं व नगर पालिकाओं के लिए यह नियमावली लागू रहेगी. इससे पहले अग्निशमन विभाग का ना-हरकत प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य रहनेवाली इमारतोें की वर्गवारी उंची इमारतों यानी हाईराईज्ड बिल्डींग में की जाती थी. सर्वसमावेशक निर्माण नियमावली (यूनीफाईड) डीसीआर में भी उंची इमारतों का यह दर्जा कायम रखा गया है. और ऐसी इमारतों का उल्लेख विशेष इमारत के तौर पर किया गया है. इसी तरह शैक्षणिक, संस्थात्मक, औद्योगिक, गोदाम आदि के लिए प्रयोग में लायी जानेवाली और 500 चौरस मीटर से अधिक का निर्माण रहनेवाली इमारतों का भी समावेश विशेष इमारत के तौर पर किया गया है. इसमें संबंधित इमारतों के लिए उंचाई की सीमा तय नहीं की गई है. भवन निर्माण क्षेत्र द्वारा इन नये नियमों का स्वागत किया गया है, लेकिन इस क्षेत्र के कुछ विशेषज्ञों के मूताबिक इन नियमों में शिथिलता दिये जाने से नागरिकोें की सुरक्षा पर सवालियां निशान लगता नजर आ रहा है.
सूत्रों के मुताबिक इन नये नियमों का निश्चित तौर पर फायदा होगा, क्योंकि कई बार अग्निशमन विभाग से एनओसी प्राप्त करते समय और अग्निशमन व्यवस्था लगाते समय अनेकों तरह की समस्याओं का सामना करना पडता है. जिसमें भवन निर्माण व्यवसायियों का बडे पैमाने पर पैसा व समय खर्च होता है. लेकिन अब नये नियमों की वजह से शहर में उंची इमारतों के निर्माण का प्रमाण बढेगा. साथ ही भवन निर्माण व्यवसायियों एवं संबंधित निवासी संकुल की सोसायटी द्वारा यहां के निवासियों की सुरक्षा हेतु मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी. ऐसे में नागरिकोें की सुरक्षा से संबंधित किसी भी तरह की कोई समस्या या दिक्कत नहीं आयेगी. ऐसी उम्मीद की जा सकती है. इस आशय की प्रतिक्रिया एक भवन निर्माण व्यवसायी द्वारा व्यक्त की गई. वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक नये नियमोें में काफी हद तक शिथिलता दिये जाने की वजह से कई निर्माण व्यवसायी सुरक्षा की उपाययोजनाएं नहीं करेंगे. शहर में जहां एक ओर बडे पैमाने पर उंची इमारतोें का निर्माण होगा, वहीं उनमें अग्निशमन व्यवस्था भी उपलब्ध नहीें होगी. ऐसे में ये इमारतें बिल्कूल भी सुरक्षित नहीं रहेगी. साथ ही अग्निशमन विभाग के पास आज भी अत्याधूनिक व्यवस्था व साधन तथा पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध नहीं है, ऐसे में नये नियम को उंची इमारतों में रहनेवाले लोगों की जान के साथ खिलवाड माना जा सकता है. अत: इस नये नियम को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए. ऐसी मांग भी कई लोगों द्वारा की जा रही है.

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