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2478 मंदिरों पर आश्रित व्यवसाय पूरी तरह ठप्प

कोरोना का ऐसा भी परिणाम, फूल व प्रसाद विक्रेता बैठे हैं खाली हाथ

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२३लॉकडाउन के बाद शुरु की गई अनलॉक की प्रक्रिया के तहत जहां एक ओर सभी तरह के व्यापार व्यवसाय पहले की तरह पटरी पर लौट आये है. वहीं दूसरी ओर मंदिर अब भी बंद है. ऐसे में इन मंदिरों पर आश्रित रहने वाले व्यवसायियों के आर्थिक समिकरण अब भी गडबडाये हुए है और भाविक श्रद्धालूओं व मंदिर ट्रस्टियों के साथ-साथ मंदिरों के खुलने की प्रतिक्षा अब मंदिरों के आसपास व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों को भी है, जो नवरात्र जैसे सिजन वाले समय में भी खाली हाथ बैठे है.
बता दें कि, अमरावती जिले में कुल 2478 पंजीकृत मंदिर है. इसके अलावा सैकडों गैर पंजीकृत मंदिर भी है. पंजीकृत मंदिरों में से 20 मंदिरों को बडे मंदिर माना जाता है. विगत 8 माह से यह सभी मंदिर बंद पडे है और मंदिरों में भाविक श्रद्धालूओं की आवाजाही बंद रहने की वजह से करीब 10 करोड रुपयों के आर्थिक व्यवहार रुक गये है. क्योंकि मंदिरों में दर्शन हेतु आम श्रद्धालूओं को आने की अनुमति नहीं है और चूंकि मंदिरों में देव दर्शन हेतु श्रद्धालू ही नहीं आ रहे है तो मंदिरों के सामने व आसपास हार-फूल व प्रसाद का व्यवसाय करने वाले सभी व्यवसायी खाली हाथ बैठे हुए है.

Balaji-Mandir-Amravati-Mandal

सरकारी नियमों का पालन इसके आगे भी किया जाएगा. देवी देवताओं के प्रति भाविक श्रद्धालूओं की प्रगाढ श्रद्धा रहने के चलते मुख्य प्रवेश द्बार के समक्ष नतमस्तक होने वाले भाविकों के लिए मंदिर को खोलना अब बेहद जरुरी हो चला है.
– रविंद्र कर्वे, सचिव श्री अंबादेवी मंदिर संस्थान

  • मंदिरों में विधिविधान से चल रही पूजा

इस समय यद्यपि मंदिरों में भाविक श्रद्धालूओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा. लेकिन सभी मंदिरों के गर्भगृह में नित्य-नियम के साथ दोनों समय की पूजा अर्चना मंदिर के पूजारियों द्बारा कुछ चुनिंदा ट्रस्टियों की उपस्थिति के बीच की जा रही है. ऐसे में इस समय यद्यपि मंदिरों को होने वाली दान की आवक पूरी तरह से बंद है. लेकिन मंदिरों में पूजा अर्चना हेतु लगने वाले साहित्य पर होने वाला खर्च, पूजारियों का वेतन, बिजली का बिल, पानी का बिल सहित अन्य तमाम खर्चे बदस्तुर जारी है. ऐसे में मंदिर के प्रवेश द्बार पर ही दानपेटी रख दी गई है. जहां पर भाविक श्रद्धालूओं द्बारा अपनी इच्छानुसार दान किया जाता है. यहां पर एक कर्मचारी की भी नियुक्ति की गई है. इस जरिये जमा होने वाली राशि से मंदिरों का खर्च चलाया जा रहा है.

– 20 बडे मंदिर
– 10 करोड का है बाजार

5 बडे मंदिरों में पूजारियों की संख्या
– अंबादेवी मंदिर – 7
– एकविरा देवी मंदिर – 5
– बालाजी मंदिर – 3
– सतिधाम मंदिर – 3
– महादेव मंदिर – 3

मंदिरों के पास स्थित दूकानें
– अंबादेवी मंदिर – 200
– एकविरा देवी मंदिर -125
– सतिधाम मंदिर – 10
– महादेव मंदिर – 9
– बालाजी मंदिर – 5

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