नागपुर/दि.21- उद्योगों की अवस्था यू तो पूरे विदर्भ में विकट है. उसमें भी अमरावती संभाग अंतर्गत पांच जिलों में हालत खस्ताहाल कहे जा सकते हैं. संभाग के अधिकांश एमआइडीसी प्लॉट खाली पड़े हैं. जिन पर यूनिट शुरु हुए, उनमें से भी 266 यूनिट बीमार कहे जा सकते हैं. सर्वाधिक 82 उद्यम अमरावती जिले में बीमार या बंद होने की अवस्था में बताए जा रहे. यवतमाल, अकोला जिलों में भी हालात बहुत अच्छे नहीं है.
यवतमाल में 54, पुसद और वणी में 3 उद्योग संकट में है. अकोला में 100 से अधिक उद्योग संकट की दशा में है. अमरावती में 75 और नांदगांव पेठ के 3 उद्यम शुरु तो जोश से हुए थे, मगर अब यह यूनिट बीमार की स्थिति में है. अकोला के 62, मूर्तिजापुर के 4 तथा वाशिम का एक उद्योग संकट में बताया जा रहा. खामगांव में 81 तथा चिखली में 11 औद्योगिक यूनिट की हालत ठीक नहीं बताई जा रही.
* युवकों को उद्यमों की आंस
विदर्भ में 7612 औद्योगिक प्लॉट ऐसे हैं, जिनका वितरण किया गया. मगर अब तक कोई यूनिट वहां नहीं लगाए गए. इस क्षेत्र में रोजगार की भयंकर समस्या है. प्रदेश के अन्य भागों की तुलना में विदर्भ के युवकों को उद्योगों की आंस है, मगर एमआइडीसी में उद्योग यूनिट नहीं के समान शुरु है. हालांकि दावा किया जा रहा कि अगले कुछ वर्षों में स्थिति बदलेगी. विशेषकर अमरावती संभाग के अमरावती और यवतमाल में टेक्सटाईल पार्क को बढ़ावा मिलेगा. किन्तु ताजा स्थिति यहां के उद्योगों को लेकर बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती.