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अगस्त माह में मिले ३ हजार नये मरीज

  • १ अगस्त को २२०५ पर था आंकडा

  • २६ दिनों में ५ हजार के स्तर पर पहुंची संख्या

  • कल एक दिन में सर्वाधिक १८० संक्रमित व सर्वाधिक ६ मौते

  • जिले में विकराल होती जा रही है कोरोना संक्रमण की समस्या

अमरावती /प्रतिनिधि दि.२७ – इस समय अमरावती शहर सहित जिले में कोरोना(Covid-19) संक्रमण की समस्या विकराल होती जा रही है और आये दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढने के साथ ही कोरोना संक्रमण का शिकार मरीजों की बडे पैमाने पर मौत हो रही है. गत रोज बुधवार २६ अगस्त को एक दिन के दौरान रिकॉर्ड १८० कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये. वहीं बुधवार को ६ कोरोना संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हुई. यह एक दिन के दौरान मिलनेवाले कोरोना संक्रमितों और होनेवाली मौतों का सर्वाधिक आंकडा है. इसके साथ ही अमरावती में कोरोना संक्रमितों की संख्या ४ हजार ९८० यानी ५ हजार के मुहाने पर पहुंच गयी. वहीं कोरोना से मरनेवालों का आंकडा १२० पर जा पहुंचा है. बता दें कि, जारी माह की शुरूआत में १ अगस्त को कोरोना संक्रमितोें की संख्या २२०५ पर थी और १ अगस्त तक ६० कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी थी. वहीं अब यह आंकडे लगभाग दोगुने बढ गये है.

रोजाना १०० के आसपास मरीज मिलना अब आम बात

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती में कोरोना संक्रमितों की संख्या के पहले शतक को पूरा होने में करीब ४२ दिन का समय लगा था, लेकिन अब रोजाना १०० नये संक्रमित मिलना मानो आम बात हो गयी है. वहीं अब रोजाना मिल रहे संक्रमितों का आंकडा १५० के स्तर को भी पार करने लगा है और गत रोज तो रिकॉर्ड १८० नये मरीज सामने आये. यहां यह भी ध्यान दिलाया जा सकता है कि, अब पहले की तुलना में टेस्टिंग की संख्या को बढाया गया है और कोविड टेस्ट लैब में आरटी-पीसीआर टेस्ट करने के साथ-साथ लोगों की बडे पैमाने पर रैपीड एंटीजन टेस्ट भी की जा रही है. यहीं वजह है कि अब पहले की तुलना में कहीं अधिक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे है. जिससे उनका समय रहते इलाज शुरू किया जा रहा है.

ग्रामीण क्षेत्रों में हालात चिंतनीय

यहां यह ध्यान देनेवाली बात है कि, कोरोना संक्रमण के शुरूआती दौर में जिले के ग्रामीण इलाके लंबे समय तक इस बीमारी से बचे हुए थे, लेकिन मई, जून माह के आसपास इस बीमारी ने जिले के ग्रामीण इलाकों में भी धीरे-धीरे पांव पसारने शुरू कर दिये और इस समय आलम यह है कि, जिले के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमितों का आंकडा १४०० के स्तर पर जा पहुंचा है. इसमें भी वरूड, दर्यापुर, परतवाडा व अचलपुर जैसे तहसील क्षेत्र कोरोना संक्रमण के लिहाज से हॉटस्पॉट बने हुए है.

शहर में अब कोई इलाका अछूता नहीं

ज्ञात रहे कि, अमरावती में कोरोना का सबसे पहला संक्रमित मरीज अमरावती शहर के हाथीपूरा परिसर में ३ अप्रैल को पाया गया था. इसके बाद शहर के पश्चिमी छोर पर बसे रिहायशी इलाके कोरोना के लिहाज से हॉटस्पॉट बन गये थे और यहां से धीरे-धीरे आसपास के रिहायशी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण ने पांव पसारना शुरू किया. काफी लंबे समय तक शहर के अधिकांश इलाके इस संक्रमण से बचे हुए थे, लेकिन आज स्थिति यह है कि, अब शहर का कोई भी इलाका इस संक्रमण की चपेट से अछूता नहीं है. साथ ही रोजाना शहर के लगभग सभी क्षेत्रों से कोई न कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जा रहा है.

पुलिस, प्रशासन व जनप्रतिनिधि भी हतबल

२२ मार्च के जनता कफ्र्यू और २३ मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के साथ ही प्रशासन एवं पुलिस महकमे ने कोरोना के संभावित खतरे को टालने हेतु बेहद ऐहतियाती कदम उठाने शुरू किये थे. जिसके चलते लंबे समय तक हालात काबू में रहे. हालांकि इस दौरान अमरावती में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने शुरू हो गये थे, लेकिन जून माह तक संक्रमण की रफ्तार बेहद सुस्त रही. मई माह की समाप्ती तक अमरावती में कोरोना संक्रमितों की संख्या करीब २२५ के आसपास थी और जून माह के प्रारंभ में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने और लॉकडाउन में छूट मिलने के साथ ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढनी शुरू हुई और जून माह के अंत व जुलाई माह के प्रारंभ में यह आंकडा बढकर ६०० के स्तर को पार कर गया. उस समय ६०० के आंकडे को भी काफी qचतनीय माना जा रहा था, लेकिन जुलाई माह के खत्म होते-होते कोरोना संक्रमितों का आंकडा २२०० के स्तर पर जा पहुंचा. यानी एक ही माह के दौरान करीब १४०० नये संक्रमित मरीज मिले. वहीं अब जारी माह में संक्रमण की रफ्तार दोगूना से अधिक हो गयी है और अगस्त माह के दौरान २६ दिनों में लगभग २८०० नये मरीज पाये गये है, यानी अगस्त माह में रोजाना १०० से अधिक संक्रमित मरीज पाये गये. यदि संक्रमित मरीज मिलने की यहीं रफ्तार कायम रहती है, तो सितंबर माह के अंत तक अमरावती में कुल संक्रमितों की संख्या १० हजार होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता.

लोगों की लापरवाही व बेफिक्री पड रही भारी

ज्ञात रहे कि, इन दिनों शहर में लॉकडाउन के तहत छूट मिलने के बाद हर ओर जबर्दस्त भीडभाडवाला आलम है और लोगबाग सोशल डिस्टंqसग के नियमों से पूरी तरह बेफिक्र और लापरवाह होकर बाहर घुम रहे है. अब अधिकांश लोगों के चेहरों पर मास्क दिखाई नहीं देता. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बढ रहा है. जिसके परिणाम कोरोना संक्रमितों की लगातार बढती संख्या के तौर पर दिखाई दे रहा है. प्रशासन द्वारा आये दिन लोगों से प्रतिबंधात्मक उपायों पर अमल करने का आवाहन किया जा रहा है, लेकिन बावजूद इसके ऐसे तमाम प्रयास बेअसर दिखाई दे रहे है. यदि स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों एवं नियमों को लेकर यहीं उदासिनता जारी रही तो आनेवाले समय में हालात और बिगड सकते है.

कोरोना टेस्टिंग की संशोधित दरें निश्चित

निजी लैब द्वारा ज्यादा शुल्क लेने पर होगी कार्रवाई इन दिनों कोरोना संदेहित मरीजों के थ्रोट स्वैब सैम्पल की जांच हेतु सरकारी लैब रैपीड एंटीजन टेस्ट सेंटर के साथ-साथ निजी कोविड टेस्ट लैब व निजी अस्पतालों में रैपीड एंटीजन टेस्ट सेंटर को मान्यता दी गई है. निजी क्षेत्र में होनेवाली टेस्ट के लिए सरकार एवं प्रशासन द्वारा दरें निश्चित की गई है. वहीं सरकारी लैब व टेस्ट सेंटर में नि:शुल्क जांच की जा रही है. ऐसे में स्थानीय जिलाधीश शैलेश नवाल ने स्पष्ट किया है कि, यदि किसी भी निजी टेस्ट लैब व टेस्ट सेंटर द्वारा थ्रोट स्वैब जांच करानेवाले लोगोें से तय दरों के अलावा कोई अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है तो संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. जानकारी दी गई है कि, एलीजा फॉर एंटीबॉडीज टेस्ट के लिए मरीज के खुद प्रयोगशाला में जांच हेतु आने पर ४५० रूपये, संकलन केंद्र के जरिये सैम्पल लेने पर ५०० रूपये तथा मरीज के घर जाकर सैम्पल लेने पर ६०० रूपये शुल्क लिया जा सकता है. इसके अलावा रैपीड एंटीजन टेस्ट हेतु मरीज के खुद प्रयोगशाला में आने पर ६०० रूपये तथा संकलन केंद्र से सैम्पल लेने पर ७०० रूपये का शुल्क लिया जा सकता है. वहीं सीएलआयए फॉर एंटीबॉडीज टेस्ट के लिए खुद प्रयोगशाला में जाने पर ५०० रूपये, संकलन केंद्र के जरिये सैम्पल देने पर ६०० रूपये व घर जाकर सैम्पल लेने पर ७०० रूपये शुल्क देना होगा. इसके अलावा आरटी-पीसीआर टेस्ट हेतु कले्नशन सेंटर से सैम्पल प्राप्त होने पर १९०० रूपये, कले्नशन सेंटर, कोरोंटाईन सेंटर व अस्पतालों में जाकर सैम्पल लेने पर २२०० रूपये तथा मरीज के घर जाकर सैम्पल लेने पर २५०० रूपये का शुल्क लिया जा सकेगा.

सेेंट्रल जेल में लगातार बढ रहा खतरा, १२ नये मरीज मिले

इन दिनों शहर एवं जिले व रिहायशी क्षेत्रों के अलावा बेहद सुरक्षित मानी जाती अमरावती की सेंट्रल जेल की चार दिवारियोें के भीतर भी कोरोना संक्रमण ने अपनी पहुंच बना ली है. गत रोज सेंट्रल जेल में १२ नये संक्रमित मरीज पाये गये. इसके साथ ही सेंट्रल जेल में कुल संक्रमितों की संख्या बढकर ४५ पर जा पहुंची है. बता दें कि, इससे पहले विगत सप्ताह सेंट्रल जेल में एक साथ २४ कैदी कोरोना संक्रमित पाये जा चुके थे. वहीं इससे पहले भी यहां पर ९ कैदियों की रिपोर्ट पॉजीटिव आयी थी. जिसमें से एक कैदी की मौत हो चुकी थी. जेल में बंद कैदियों के

होम आयसोलेशनवाले मरीजों के लिए भी हो स्वास्थ्य पैकेज

अमरावती मनपा क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों की लगातार बढती संख्या की वजह से सरकारी कोविड अस्पताल सहित निजी कोविड हॉस्पिटल पर लगातार बढ रहे काम के बोझ को देखते हुए प्रशासन ने एसिम्टोमैटिक यानी लक्षण विरहित व सौम्य लक्षणवाले कोरोना संक्रमित मरीजों को उनके घर पर ही अलग रहने की व्यवस्था उपलब्ध रहने पर होम आयसोलेट करने की सुविधा प्रदान की है. qकतु पाया जा रहा है कि, होम आयसोलेशन में रहनेवाले अधिकांश मरीजों में कुछ समय पश्चात लक्षण तीव्र होने लगते है और उन्हें कोविड अस्पताल में भरती कराना पडता है. वहीं होम आयसोलेशन के दौरान लोगबाग विलगीकरण को लेकर पूरी तरह से अनुशासित नहीं रह पाते. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, होम आयसोलेशन के तहत रहनेवाले मरीजोें के लिए भी नियमित स्वास्थ्य जांच और औषधोपचार हेतु कोई व्यवस्था उपलब्ध करवायी जाये तथा इसके लिए निजी कोविड व नॉन कोविड अस्पतालों की सेवाएं ली जाये, ताकि ऐसे सभी मरीजों का उनके घर पर ही यथायोग्य उपचार एवं स्वास्थ्य निगरानी हो सके.

 

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