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30 को सुरेखा ठाकरे व 1 को प्रकाश कालबांडे के भाग्य का फैसला

 दोनों की दावेदारी को हाईकोर्ट में दी गई है चुनौती

अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – आगामी 4 अक्तूबर को जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के 21 सदस्यीय संचालक मंडल का चुनाव होने जा रहा है. जिसमें 4 सीटों पर संचालकों का निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है. वहीं शेष 17 सीटों के लिए प्रत्यक्ष मतदान कराया जायेगा. इस समय सभी उम्मीदवार बैंक के मतदाताओं से प्रत्यक्ष संपर्क करते हुए जबर्दस्त चुनाव प्रचार कर रहे है. किंतु सहकार पैनल की ओर से चुनाव लड रहे सुरेखा ठाकरे व प्रकाश कालबांडे की दावेदारी पर एक तरह से अदालती तलवार लटकी हुई है. क्योंकि इन दोनोें की दावेदारी को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. साथ ही सुरेखा ठाकरे के मामले में आगामी 30 सितंबर को व प्रकाश कालबांडे मामले में आगामी 1 अक्तूबर को अंतिम सुनवाई होकर फैसला आने की उम्मीद है. ऐसे में सभी की निगाहें अब इन दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये जानेवाले फैसलों की ओर लगी हुई है.
बता दें कि, जिला परिषद की पूर्व अध्यक्षा सुरेखा सुरेंद्र ठाकरे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के महिला आरक्षित संचालक पद का चुनाव लड रही है और उनकी दावेदारी को मोहन विधले द्वारा नागपुर के सहकार न्यायालय में चुनौती दी गई है. जिसमें कहा गया है कि, सुरेखा ठाकरे चांदूर बाजार तहसील अंतर्गत जवला सेवा सहकारी सोसायटी का प्रतिनिधित्व करती है. किंतु उन्हें प्रतिनिधि चुनने के लिए बोगस पध्दति से मतदान कराया गया. इस मामले को लेकर दायर याचिका पर अदालत द्वारा आगामी 6 अक्तूबर को निर्णय दिया जाना था. किंतु इससे दो दिन पहले 4 अक्तूबर को बैंक के चुनाव हेतु मतदान कराया जाना है. ऐसे में शिकायतकर्ता मोहन विधले द्वारा पिटीशन टेकन ऑन बोर्ड दाखिल किये जाने पर अदालत ने उसे मंजूरी देते हुए 30 सितंबर को फैसला सुनाना मान्य किया. इस मामले में मोहन विधले की ओर से एड. मनीष मोडक व सुरेखा ठाकरे की ओर से एड. पराग कडू द्वारा पैरवी की जा रही है.
वहीं दूसरी ओर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक का चुनाव लड रहे प्रकाश कालबांडे के खिलाफ इस चुनाव में उनके प्रतिस्पर्धी रहनेवाले राजेंद्र महल्ले द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दाखिल की गई है. जिसे लेकर गत रोज हुई सुनवाई में प्रकाश कालबांडे ने खुद उपस्थित रहते हुए अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष पेश किया. वहीं अब न्यायालय द्वारा आगामी 1 अक्तूबर को इस मामले में संभवत: अपनी अंतिम सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुना दिया जायेगा. बता दें कि, कालबांडे और महल्ले द्वारा इससे पहले एक-दूसरे की दावेदारी को बैंक के निर्वाचन निर्णय अधिकारी सहित जिला उपनिबंधक के समक्ष चुनौती दी जा चुकी है. वहीं अब यह मामला राजेंद्र महल्ले द्वारा हाईकोर्ट में ले जाया गया है.
चूंकि अब जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के चुनाव हेतु गिनती के और गिने-चुने कुछ ही दिन शेष बचे हुए है और हर कोई अपने-अपने समर्थक मतदाताओं को अपने पाले में करने की जुगत भीडा रहा है. वहीं ऐन चुनाव से पहले जिला बैंक के चुनाव लड रहे दो प्रत्याशियों की दावेदारी पर अनिश्चितता की तलवार लटक रही है. यदि फैसला इन दोनों प्रत्याशियों के खिलाफ जाता है, तो इनकी दावेदारी अपने आप ही खत्म हो जायेगी. साथ ही इन दोनों सीटों पर प्रतिस्पर्धी प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना रहेगी. किंतु यदि अदालत द्वारा इन प्रत्याशियों की दावेदारी को ग्राह्य माना जाता है, तो इन सीटों पर भी रोचक मुकाबला दिखाई दे सकता है.

  • एक-एक मतदाता को किया जा रहा अपने पक्ष में

– समर्थक मतदाताओं को प्रतिस्पर्धियों से छिपाकर रखा गया है
– कई मतदाता सुरक्षित स्थानों पर भेजे गये
– जिला बैंक के चुनाव की वजह से राजनीतिक वातावरण जमकर है तपा हुआ

वहीं दूसरी ओर इस समय जिला बैंक के संचालक मंडल का चुनाव पूरी तरह से अपने रंग में आ चुका है. यद्यपि यह चुनाव सहकार क्षेत्र से संबंधित है. किंतु इसकी वजह से जिले का राजनीतिक वातावरण भी जमकर तपा हुआ है और अब सभी प्रत्याशियों द्वारा अपने समर्थक एक-एक मतदाता को संभालने और उसे प्रतिस्पर्धियों के हाथ नहीं लगने देने की नीति पर काम किया जा रहा है. इसके तहत कई मतदाताओं को अमरावती जिले से बाहर सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. जिसके तहत कई मतदाता शिर्डी व पंढरपुर जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा पर है. वहीं कई मतदाता मुंबई, पुणे व गोवा में ‘तारांकित’ सुविधाओं का आनंद ले रहे है. संबंधित प्रत्याशियों द्वारा इन सभी मतदाताओं को ऐन मतदानवाले दिन बाहरगांव से वापिस अमरावती लाया जायेगा, ऐसा कहा जा रहा है, ताकि प्रतिस्पर्धि प्रत्याशी व पैनल उनके मतदाताओं पर डोरे न डाल सके. ऐसे में इन दिनों मतदाताओं को छिपाने के साथ-साथ उन्हेें प्रतिस्पर्धी पैनल व प्रत्याशी से बचाये रखने के लिए भी तमाम तरह की जुगत भिडाई जा रही है.

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