31 जुलाई तक 7/12 में दुुरुस्ती जरुरी, अन्यथा पटवारियों पर दर्ज होंगे मामले
पुणे/दि.16- राज्य में 7/12 के दस्तावेज पर दर्ज क्षेत्र तथा प्रत्यक्ष जमीन पर रहनेवाले क्षेत्र में काफी फर्क रहने के अनेको उदाहरण है. कई स्थानों पर पटवारियों व्दारा की गई चालाकी व लापरवाही के चलते ऐसे मामले घटित हुए है, लेकिन ऐसी गडबडियों की वजह से जमीनों की खरीदी-बिक्री के व्यवहार रुके पडे है. ऐसे में राज्य के गलत रहनेवाले हजारों 7/12 क्षेत्र के आंकडों को दुुरुस्त करने का काम शुरु किया जाएगा और आगामी 31 जुलाई तक इस दुुरुस्ती अभियान को चलाया जाएगा और यदि इस अवधि के भीतर 7/12 के दस्तावेज पूरी तरह से दुरुस्त नहीं होते है तो संबंधित क्षेत्र के पटवारी के खिलाफ अराधिक मामला दर्ज किया जाएगा. ऐसे में अब 7/12 के दस्तावेज दुुरुस्त होकर विगत कई वर्षो से अटके पडे रहनेवाले जमीन के व्यवहार दुबारा शुरु होने की संभावना बन गई है.
बता दें कि राज्य में करीब 2 लाख 62 हजार 7/12 के दस्तावेज है. लेकिन कई दस्तावेजों में दर्ज क्षेत्र एवं जमीन के क्षेत्र का आपस में मिलान नहीं होता. जिसके चलते कुछ भूधारक जमीन मालक अथवा किसान व्दारा भूमि अभिलेख विभाग की कम्प्यूटर प्रणाली में कोई भी व्यवहार नहीं किया जा सकता. विगत अनेक वर्षो से इसके चलते संबंधित 7/12 धारक परेशान हो चले है. ऐसे में गडबडी वाले फेरफार में दुरुस्ती होना काफी जरुरी है. इस बात को ध्यान में रखते हुए भूमि अभिलेख विभाग ने 7/12 दस्तावेजों की दुरुस्ती का अभियान शुरु करने का निर्णय लिया. जिससे संबंधित प्रस्ताव जमाबंदी आयुक्त व भूमिअभिलेख संचालक निरंजन कुमार सुधांशु को सौंपा गया है जिस पर जल्द ही अमल हो सकता है.