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निजी अस्पतालोें में हुई मौतों का आंकडा अलग
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दो माह में मिले 388 मरीज, कई निकले कोरोना संक्रमित
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पिछले साल मिले थे 2600 मरीज, 255 मौतें
अमरावती/प्रतिनिधि दि.4 – इस समय जहां एक ओर हर ओर कोविड संक्रमण को लेकर चिंता व्यक्त करने के साथ ही जबर्दस्त चर्चा चल रही है, वहीं दूसरी ओर कोरोना सदृश्य लक्षण रहनेवाले सीवियर एक्यूट रेस्पीरेटरी इलनेस यानी सारी नामक बीमारी के भी रोजाना 5 से 7 मरीज पाये जा रहे है. जारी वर्ष के जनवरी व फरवरी इन दो माह के दौरान सारी के 388 मरीज पाये जा चुके है. जिनमें से अकेले जिला सामान्य अस्पताल में ही 32 मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं सारी संक्रमित मरीजों का इलाज करनेवाले पीडीएमसी अस्पताल सहित अन्य निजी अस्पतालों में हुई मौतोें का आंकडा अलग है. बता देें कि, बीते एक वर्ष के दौरान सारी से संक्रमित 2 हजार 600 मरीज पाये गये थे. जिसमें से 255 मरीजोें की मौत हो गयी. ऐसी में कोविड संक्रमण काल के दौरान सारी के संक्रमण की वजह से भी अमरावती जिले की चिंताएं बढी हुई है.
उल्लेखनीय है कि, सर्दी-खांसी व श्वसन संबंधी तकलीफ जैसे कोरोना सदृश्य लक्षण रहने के चलते शुरूआती दौर से अक्तूबर माह तक प्रशासन द्वारा सारी संक्रमित मरीजों की ओर विशेष ध्यान दिया गया. किंतु इसके बाद धीरे-धीरे इस बीमारी को लेकर विशेष गंभीरता नहीं बरती गयी. इन दिनों निजी अस्पतालों में सारी से संक्रमित मरीजों को ही कोरोना संक्रमित मरीज समझकर उनका इलाज किया जा रहा है. ऐसे अनेकोें उदाहरण देखे जा रहे है. इस बीमारी के संदर्भ में राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष दिशानिर्देश जारी रहने के बावजूद भी उन निर्देशों की अनदेशी की जा रही है. इस समय जिला सामान्य अस्पताल सहित पीडीएमसी अस्पताल में सारी संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु विशेष कक्ष बनाया गया है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ओपीडी में ही ऐसे मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, इस बार जनवरी व फरवरी माह में कोरोना का संक्रमण फैलना शुरू हुआ. साथ ही साथ सारी संक्रमित मरीजोें की संख्या में भी अच्छाखासा इजाफा हुआ. इन दो माह के दौरान ही सारी से संक्रमित 388 मरीज पाये गये. जिनकी कोविड टेस्ट किये जाने पर इसमें से 144 मरीज कोरोना संक्रमित भी निकले. वहीें इससे पहले बीते एक वर्ष के दौरान सारी संक्रमित पाये गये मरीजोें में से करीब 600 मरीजों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव आयी. अमरावती जिले में जनवरी माह के प्रारंभ से ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ गयी और दो माह की कालावधि के दौरान जिले में 15 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये. इसमें भी सारी का संक्रमण बेहद खतरनाक माना जा रहा है.
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सारी संक्रमितों पर न हो कोविड का इलाज
कोरोना की तरह लक्षण रहने के चलते सारी के कई मरीजोें को कोविड का मरीज समझकर उनका उसी तरह इलाज किये जाने के कई उदाहरण है. जिसके लिए एचआरसीटी स्कैन का आधार दिया गया. किंतु कोई व्यक्ति कोविड संक्रमित है अथवा नहीं, यह आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिये ही तय होता है. किंतु कई मामलोें में आरटी-पीसीआर टेस्ट का इंतजार किये बिना ही सारी संक्रमित मरीजों पर कोरोना संक्रमि मरीजों की तरह इलाज किया गया. उक्ताशय की जानकारी देते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले ने बताया कि, सारी संक्रमित मरीजों को कोविड रेमडेसिविर इंजेक्शन का डोज नहीं दिया जाना चाहिए.
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सारी के 37.11 फीसद मरीज कोविड पॉजीटीव
जिले में जनवरी से फरवरी इन दो माह के दौरान सारी के 388 मरीज पाये गये. जिनकी कोविड टेस्ट करने पर उसमें से 144 मरीज कोविड पॉजीटिव निकले. यह 37.11 फीसद प्रमाण है. वहीं इससे पहले अप्रैल से दिसंबर माह में 435 ेेसारी संक्रमित मरीजों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव आयी थी. जिसमें से 260 मरीजोें की इलाज के दौरान मौत हुई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, इन दिनों कोरोना के साथ-साथ सारी का संक्रमण भी बेहद जानलेवा रूप लेने लगा है.
यदि संक्रमण की चपेट में आते ही मरीज इलाज के लिए भरती हो जाये, तो सारी संक्रमित मरीज को पूरी तरह से स्वस्थ किया जा सकता है. इन दिनोें सारी संक्रमित मरीजों की संख्या में काफी हद तक कमी आयी है. वहीं जिला सामान्य अस्पताल में सारी संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु स्वतंत्र कक्ष की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है.
– डॉ. श्यामसुंदर निकम
जिला शल्य चिकित्सक