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अकोला जिले को जलापूर्ति करनेवाले काटेपूर्णा बांध में ३२ फीसदी जलसंग्रह

  • काटेपूर्णा प्रकल्प के अधिकारी व कर्मियों के आवास भी जर्जर

  • बगीचे भी हुए उजाड, बोटींग भी बंद

मूर्तिजापुर/दि.१५ – अकोला जिले के काटेपूर्णा नदी पर स्थित महान का प्रकल्प काफी मायने रखता है. यहां के काटेपूर्णा बांध से अकोला शहर के अलावा एमआईडीसी व मूर्तिजापुर शहर को जलापूर्ति की जाती है. महान बांध के जरिए अकोला शहर सहित मूर्तिजापुर शहर की प्यास साल १९७६ से बुझायी जा रही है. लेकिन महान बांध में हाल की घड़ी में पर्याप्त जलसंग्रह होने से जलसंकट के आसार काफी कम दिखाई दे रहे है. जिसके चलते चहुंओर संतोषजनक माहौल है. कोरोना महामारी के दौर में जलसंकट चुनौती बन सकती थीं. हालांकि बीते तीन वर्षों से बांध शतप्रतिशत भरने से जलसंकट का सामना नहीं करना पड़ रहा है. इस वर्ष भी यहीं आलम है. गर्मी के दिन खत्म होते आ रहे है और बारिश भी मुहाने पर है. फिर भी सुखद खबर यह है कि बांध में अब भी ३२ फीसदी से अधिक जल संग्रह है. जिससे जिलावासियों को कोई चिंता करने की बात नहीं है. इस वर्ष भी खेत की फसलों को भरपूर पानी बांध से मिला है. जिसके चलते किसान गेंहू, चना और अन्य ग्रीष्मकालीन फसलें ले पाने में सफल हुए.
बीते वर्ष भी लगभग ३० से ३५ फीसदी जलसंग्रह बांध में उपलब्ध था. बारिश समय पर आने पर निश्चित तौर पर ५० फीसदी बांध भरने में देरी नहीं लगेगी. बांध में कुल २७.७८ एमएम क्यूसेस जलसंग्रह उपलब्ध है..
जलसंग्रह तो संतोषजनक, आवास जर्जर
यहां के काटेपूर्णा बांध में जलसंग्रह तो संतोषजनक है. लेकिन बांध पर काम करनेवाले कर्मचारियों का अभाव अब भी बना हुआ है. बांध परिसर में बनाया गया कार्यालय व कर्मचारियों के आवास जर्जर अवस्था में है. इतना ही नहीं तो यहां पर पहले बाग-बगीचे, बोटींग का लुफ्त उठाने के लिए पर्यटक बडे पैमाने पर आते थे. लेकिन वर्तमान स्थिति में बांध परिसर में बनाए गए बाग-बगीचे पूरी तरह से उजाड नजर आ रहे है. यहीं नहीं तो बोटस भी ध्ाूल खाते पड़े हुए है.
जिसके चलते महान काटेपूर्णा बांध को भेंट देनेवाले पर्यटकों की संख्या अब निरंतर घटते जा रही है. इस ओर प्रशासन से ध्यान देने की मांग अब जोर पकडती जा रही है.

इस वर्ष आनेवाले जून व जुलाई महीने में ज्यादातर कर्मचारी सेवा निवृत्त हो रहे है. जिससे कर्मचारियों की कमी अगले साल भी महसूस होगी. इस वर्ष बांध के मार्ग पर मुरूम व खडीकरण का कार्य किया गया है. बांध परिसर में सिक्यूरिटी गार्ड की तैनाती का भी विचार चल रहा है.

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