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लम्पी से जानवर मरे 3246, मुआवजा केवल 180 का

नुकसान भरपाई में विलंब से किसान दिक्कत में

मुंबई/दि.26 – राज्य में इस वर्ष गोवंशिय जानवरों के बीच लम्पी नामक चर्मरोग का संक्रमण फैला. इसकी वजह से जारी आर्थिक वर्ष में अप्रैल माह से अब तक 25 जिलों में 38 हजार 697 पशुधन लम्पी से संक्रमित हुए. जिसमें से 3 हजार 246 जानवरों की मौत हुई. लेकिन नुकसान भरपाई केवल 180 जानवरों के मालिकों को ही दी गई. ऐसे में नुकसान भरपाई के तौर पर मुआवजा मिलने में विलंब होने की वजह से संबंधित मवेशी पालक आर्थिक दिक्कतों में फंसे नजर आ रहे है.
बता दें कि, राज्य मेें 1 करोड 39 लाख 92 हजार 304 गोवंशिय पशुधन है. जिन्हें लम्पी की बीमारी से बचाने हेतु ‘गोट पॉक्स’ नामक प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगाई जाती है. अब तक 1 करोड 25 लाख पशुधन का टीकाकरण हो चुका है. वहीं टीकाकरण के बचे हुए काम को जारी सप्ताह में पूरा करने का नियोजन पशुसंवधन विभाग द्बारा किया गया है. जहां एक ओर टीकाकरण को तेज गति से पूरा किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर लम्पी से मृत जानवरों के मालिकों को नुकसान भरपाई देने में पशु संवर्धन विभाग द्बारा सुस्त गति से काम किया जा रहा है.
ज्ञात रहे कि, लम्पी से मौत होने के चलते गाय के लिए 30 हजार रुपए, बैल के लिए 25 हजार रुपए व बछडे के लिए 16 हजार रुपए की भरपाई पशु पालकों को दी जाती है. वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में लम्पी की बीमारी से 28 हजार 437 पशुधन की मौत हुई थी. जिसमें से 16 हजार 539 पशुपालकों को 41 करोड 88 लाख रुपयों की भरपाई दी गई थी. 2020 में नुकसान भरपाई देने की अवधी मार्च 2023 तक तय की गई थी. ऐसे में अब नुकसान भरपाई दी जाएगी अथवा नहीं, इसे लेकर प्रशासन ने काफी संभ्रम था. वहीं किसानों व जनप्रतिनिधियों द्बारा इसे लेकर आवाज उठाए जाने पर जुलाई माह के दौरान पशु पालकों को नुकसान भरपाई देने का निर्णय लिया गया.
उल्लेखनीय है कि, मृत जानवरों का पंचनामा करने के बाद जिला परिषद के सीईओ की अध्यक्षतावाली समिति नुकसान भरपाई के लाभधारक को पात्र ठहराती है. परंतु इस बार सभी कामों में पशु संवर्धन विभाग द्बारा काफी हद तक टालमटोल की गई. जिसके चलते मृत मवेशियों के मालिकों को सहायता मिलने में काफी दिक्कत आयी.
विशेष उल्लेखनीय यह भी है कि, राज्य में वर्ष 2015 में गोवंश हत्या प्रतिबंध कानून अस्तित्व में आया. साथ ही गौसेवा आयोग स्थापित करने हेतु विधेयक मंजूर किया गया. गौसेवा करने हेतु 34 स्वयंसेवी संस्थाओं को सरकार द्बारा एक-एक करोड रुपयों का अनुदान भी दिया जाता है. परंतु गोवर्गीय पशुधन का पालन-पोषण करने वाले पशु पालकों को नुकसान भरपाई देने के मालमे में पशु संवर्धन विभाग काफी हद तक उदासीनता बरत रहा है.

* राज्य में फिर बढ रहा लम्पी का प्रकोप
उल्लेखनीय है कि, राज्य के 10 जिलों में एक बार फिर गोवंशिया जानवरों के बीच लम्पी की बीमारी का संक्रमण फैलता दिखाई दे रहा है. जिनमें प्रमुख तौर पर सोलापुर, अ. नगर, हिंगोली व सांगली जिलों का समावेश है. राज्य सरकार द्बारा लम्पी के संक्रमण को रोकने हेतु हर संभव प्रयास करने का आश्वासन पशु संवर्धन मंत्री राधेकृष्ण विखे पाटिल द्बारा दिया गया है. साथ ही यह भी बताया गया है कि, राज्य में अब तक 70 फीसद जानवरों को लम्पी प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगाई जा चुकी है.

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