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जिले में डेंग्यू के 325 संदेहित

 मेलघाट व भातकुली में सर्वाधिक प्रमाण

  • 16 की रिपोर्ट पॉजीटीव, स्वास्थ्य विभाग उठा रहा ऐहतियाती कदम

अमरावती/प्रतिनिधि दि.14  – इस समय जहां एक ओर कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या कम हो रही है, वहीं दूसरी ओर एडीस इजिप्ती मच्छरों की वजह से होनेवाली डेंग्यू नामक बीमारी ने पांव पसारना शुरू कर दिया है और अब तक जिले में डेंग्यू के 325 संदेहित पाये जा चुके है. जिसमें से 16 मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटीव आने की जानकारी स्वास्थ्य महकमे द्वारा दी गई है. साथ ही बताया गया है कि, जिले के मेलघाट व भातकुली क्षेत्र में डेंग्यू का लक्षण रहनेवाले सर्वाधिक मरीज पाये गये है.
बता दें कि, वर्ष 2018 के दौरान जिले में डेंग्यू के सर्वाधिक 630 संक्रमित मरीज पाये गये थे. वहीं इसके बाद वर्ष 2019 में 307 तथा वर्ष 2020 में 206 संक्रमित मरीज पाये गये. वहीं जारी वर्ष में भी बारिश का मौसम शुरू होते ही डेंग्यू की बीमारी अपने पांव पसारती नजर आ रही है. बता दें कि, एडीस इजिप्ती नामक डेंग्यू का मच्छर एक ही जगह पर जमा रहनेवाले साफ-सुथरे पानी में पैदा होता है और कूलर व टायर में जमा पानी तथा रांजन व मटके में भरे गये पानी में इन मच्छरों की उत्पत्ति होती है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा नागरिकों से हर बार बारिश के मौसम में आवाहन किया जाता है कि, वे अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दे और कूलर व बालटी आदि में रहनेवाले पानी को हमेशा बदलते रहे. साथ ही पेयजल हेतु प्रयुक्त होनेवाले पानी को उबालकर व छानकर ही प्रयोग में लाये. इसके अलावा सप्ताह में कम से कम एक दिन सूखा दिवस का पालन करे और अपने घर व परिसर में पानी का प्रयोग किये बिना पूरी तरह सूखा रखे. स्वास्थ्य महकमे द्वारा बताया गया है कि, एडिस इजिप्ती मच्छर द्वारा डंक मारे जाने के बाद डेंग्यू की संक्रामक बीमारी होती है. इन मच्छरों द्वारा साफ-सूथरे पानी में अपने अंडे दिये जाते है और इस प्रजाति के मच्छर रात की बजाय दिन में डंक मारते है. इन मच्छरों द्वारा डंक मारे जाने के पांच से छह दिन बाद दिखाई देते है. वहीं कई बार यह कालावधि तीन से दस दिन का हो सकता है. ऐसे में सभी नागरिकों ने अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग व सतर्क रहना चाहिए.

  •  शहर में मिले 9 संदेहित मरीज

इस समय अमरावती शहर में डेंग्यू के 9 संदेहित मरीज पाये गये है. जिनके रक्तजल सैम्पल जांच हेतु प्रयोगशाला में भेजे गये है. वहां से रिपोर्ट मिलने के बाद ही इन मरीजोें में डेंग्यू का संक्रमण है अथवा वे किसी अन्य बीमारी की चपेट में है, इसे लेकर ठोस जानकारी मिलेगी, ऐसा मनपा के चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विशाल काले द्वारा बताया गया.

  • ये हैं डेंग्यू के लक्षण

सिरदर्द, बुखार, बदनदर्द, जोडों का दर्द, आंखों में दर्द व जलन, भूख कम हो जाना, जी मचलाना, चेहरे, कान व हाथ-पैर पर मुरूम आना और कभी-कभी नाक, दाढ व गुदाद्वार के जरिये रक्त निकलना आदि को डेंग्यू बुखार का लक्षण माना जा सकता है और यदि इसमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो तुरंत ही स्वास्थ्य जांच करवाई जानी चाहिए.

  • ये हैं प्रतिबंधात्मक उपाय

बुखार रहनेवाले व्यक्ति का तुरंत ही ब्लड सैम्पल लेकर उसे जांच हेतु भिजवाये. अपने घर व आसपास के परिसर में फवारणी व धुवारणी करवाये. किसी भी पानीवाले बर्तन में यदि इल्लियां दिखाई देती है, तो तुरंत ही सभी बर्तनों का पानी खाली करते हुए बर्तनों को साफ-सूथरे ढंग से धोये. जिन बर्तनों अथवा टाकों को खाली नहीं किया जा सकता उनमें टेमीपफॉस की गोलियां डाले. साथ ही मच्छर प्रतिबंधात्मक दवाईयों का प्रयोग करे. घर की खिडकियों पर जालियां लगाये और वेंट पाईप पर नायलॉन की पतली थैली बांधे.

इस समय जिले में किटकजन्य बीमारी डेंग्यू के मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है. जिसके मद्देनजर घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच करने और पानी में गप्पी मछलिया छोडने आदि कदम उठाये जा रहे है.
डॉ. शरद जोगी
जिला मलेरिया अधिकारी

ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों का प्रमाण शहरों की तुलना में काफी अधिक है. जिसके लिए स्वास्थ्य महकमा काम पर लगा हुआ है और नागरिकों को भी तमाम आवश्यक सतर्कता के निर्देश दिये गये है.

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