इंसानों की जान बचाने के लिए मारी गई 33 हजार मूर्गियां
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पहले मूर्गियों को मारा गया, फिर बडे गढ्ढे में चुना डालकर दफना दिया
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अब तीन महिने अंडा और चिकन पर यहां पाबंदी रहेगी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – अभी तक हम पिछले कई वर्षों से बर्ड फ्ल्यू को लेकर खबरें देखते और पढते थे. परंतू अमरावती जिले के भानखेडा परिसर में मुर्गियों में बर्ड फ्ल्यू बीमारी का प्रादुर्भाव पाये जाने से आज इस परिसर व आसपास के विविध पोल्ट्री फार्म की 33 हजार से अधिक मूर्गियों को जिंदा दफना दिया गया. कोरोना की इस महामारी के बीच इस नई बीमारी को ज्यादा न फैलने देने के लिए सरकारी आदेश पर जिले के स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम उठाया.
बडे-बडे गढ्ढे कर जिलाधिकारी शैलेश नवाल की देखरेख में अलग-अलग 32 दल ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. पहले मूर्गियों को दवा, इंजेक्शन देकर मारा गया और फिर हजारों की संख्या में दफना दिया गया.
भले ही किसी भी बीमारी से निपटने के लिए ऐसा किया गया हो, परंतू दिल दहला देनेवाली इस कार्रवाई में शास्त्रोक्त पध्दति से भानखेडा व उसके आसपास के एक किलोमीटर से मूर्गियां इकठ्ठा कर उन्हेें मार दिया गया.
भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्था ने अमरावती तहसील के भानखेडा में एक पोल्ट्री फार्म में मृत पायी गयी मूर्गियों में बर्ड फ्ल्यू की पॉजीटिव रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट के आने के बाद जिले में हडकंप मचा हुआ था. आज उपविभागीय अधिकारी उदयसिंह राजपुत के नेतृत्व में 150 कर्मचारी व अधिकारी 33 हजार मूर्गियों को मारने के काम में लगे रहे.
पशु संवर्धन अधिकारी डॉ. मोहन गोहत्रे, जिला पशुसंवर्धन अधिकारी डॉ. विजय रहाटे, सहायक आयुक्त डॉ. कावरे, डॉ. अवघड व डॉ. पेठे की देखरेख में मूर्गियों को मौत दी गई.
पहले जेसीबी के द्वारा एक बडा गढ्ढा बनाया गया. इस गढ्ढे में बडी मात्रा में चुना और अन्य डीग्रेडेशन सामग्री डाली गयी और मूर्गियों को मारकर दफना दिया गया. बताया गया कि 90 दिनोें के लिए इस परिसर के सभी पोल्ट्रीफार्म सीलबंद कर दिये गये है. हालांकि प्रशासन प्रत्येक मूर्गी के लिए उसके मालिक को 70 रूपयों का मुआवजा देगा.
यह भी बता दें कि, मूर्गियोें के साथ-साथ उनका खाना, अंडे, अंडे के ट्रे, बास्केट, पक्षियों का खत और उनका मलमूत्र सभी नष्ट किया गया.
जिला प्रशासन ने आवाहन किया है कि, दस किलोमीटर के आसपास के सर्वेक्षण क्षेत्र में तीन महिने के लिए चिकन और कुक्कुट पक्षी खाद्य तथा अंडों के लाने-ले जाने पर पाबंदी रहेगी.