35 हजार करोड रुपए यूं ही पडे हैं बैंकों में
10 करोड 24 लाख 599 बैंक खातों में कई वर्षों से कोई व्यवहार ही नहीं
नई दिल्ली/दि.26 – देश के राष्ट्रीयकृत बैंकों में खोले गए करोडों बैंक खातों में कई-कई वर्ष तक कोई व्यवहार ही नहीं होता और उन बैंक खातों में जमा रकम यूं ही पडी रहती है. क्योंकि खाता रहने वाले खातेदार बैंक की ओर आते ही नहीं और अपने बैंक खाते से कोई व्यवहार भी नहीं करते. देश में ऐसे लगभग 10 करोड 24 लाख 599 बैंक खाते है. जिनमें विगत कई वर्षों से कोई व्यवहार नहीं हुआ है. ऐसे बचत खातों में फरवरी 2023 के अंत तक करीब 35 हजार करोड रुपए की अनक्लेम रकम जमा है. सालोंसाल यूं ही पडी रहने वाली इस रकम की जानकारी रिजर्व बैंक को देने के साथ ही यह रकम भी रिजर्व बैंक के पास हस्तांतरीत करनी पडती है.
ज्ञात रहे कि, अधिकांश लोगों के राष्ट्रीयकृत बैंकों में बचत खाते होते है. जिसमें से खाताधारक की मृत्यु हो जाने के बाद उसके बैंक खाते में कोई व्यवहार नहीं होता. ऐसे में संबंधित खाताधारक के उत्तराधिकारियों को इसकी जानकारी दी जाती है. इसके अलावा जिन बैंक खातों में एक साल से अधिक समय तक कोई व्यवहार नहीं होता, ऐसे खाताधारकों को भी बैंक की ओर से अपने खाते को दुबारा क्रियाशील करने के लिए सूचित किया जाता है. परंतु इसके बावजूद जिन बैंक खातों में कई साल तक कोई व्यवहार नहीं होता ऐसे खातों की जानकारी को बैंक द्बारा संकलित किया जाता है और जिन खातों में विगत 10 वर्ष से कोई व्यवहार नहीं हुआ है, ऐसे खातों की सूची बनाकर उसकी जानकारी रिजर्व बैंक को दी जाती है.
जानकारी के मुताबिक फरवरी 2023 तक देश में स्टेट बैंक के पास सर्वाधिक 2 करोड 17 लाख 80 हजार 757 बैंक खाते थे. जिनमें 8 हजार 86 करोड रुपए अदावाकृत यानि अनक्लेम्ड थे. इसके साथ ही कैनरा बैंक ने 1 करोड 56 लाख 22 हजार 262 बैंक खाते थे. जिनमें 4 हजार 558 करोड रुपए अनक्लेम्ड पडे हुए थे. उल्लेखनीय है कि, कई लोगों के एक से अधिक बैंकों में खाते होते है. लेकिन उसमें से अधिकांश लोग उन सभी खातों का प्रयोग नहीं करते ऐसे में जिस बैंक खाते में एक साल तक कोई भी व्यवहार नहीं होता, ऐसेे खातों को निष्क्रिय मान लिया जाता है. इसके तहत यदि किसी खाते में 24 माह तक कोई व्यवहार नहीं होता है, तो ऐेसे खातों को डॉर्मंट खातों की श्रेण्ी में डाल दिया जाता है. हालांकि डॉर्मंट श्रेणी में डाले गए निष्क्रिय खातों को दुबारा एक्टीव किया जा सकता है. जिसके लिए केवायसी कराना जरुरी होता है. लेकिन इसके बावजूद कई बैंक खाते ऐसे भी होते है, जिनमें सालोंसाल तक कोई व्यवहार नहीं होता.
बैंक का नाम जमा रकम (करोड रुपए) खाताधारकों की संख्या
बैंक ऑफ बडौदा 3,904 89,30,915
बैंक ऑफ इंडिया 2,557 92,56,380
बैंक ऑफ महाराष्ट्र 838 18,63,192
कैनरा बैंक 4,558 1,56,22,262
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 1,240 30,84,349
इंडियन बैंक 2,445 85,21,443
इंडियन ओवरसीज बैंक 1,790 46,17,573
पंजाब एण्ड सिंध बैंक 494 12,56,602
पंजाब नैशनल बैंक 5,340 1,50,48,156
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 8,086 2,17,80,757
युको बैंक 583 14,78,743
युनियन बैंक ऑफ इंडिया 3,177 1,09,40,247
कुल 35,012 10,24,00,599