कल सुबह तक पहुंचेगा 35 टन ऑक्सिजन
ऑक्सिजन की किल्लत को लेकर कलेक्ट्रेट में हुई बैठक
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जिलाधीश ने डॉक्टरों व ऑक्सिजन सप्लायर से की चर्चा
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१९ – इस समय अमरावती शहर में रोजाना 20 टन कृत्रिम ऑक्सिजन की जरूरत पड रही है और इस वक्त शहर में 13 टन ऑक्सिजन का स्टॉक उपलब्ध है. ऐसे में फिलहाल केवल इमरजन्सी रहनेवाले कोविड व नॉन कोविड मरीजों को ही भरती करते हुए उन्हें ऑक्सिजन उपलब्ध कराया जाये. वहीं नॉन इमरजन्सीवाले मरीजों का इलाज व ऑपरेशन कुछ समय के लिए टाल दिया जाये. इस आशय के दिशानिर्देश जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा सोमवार को अपने कार्यालय में बुलायी गयी डॉक्टरों व ऑक्सिजन सप्लायर की मीटींग में जारी किये गये.
बता दें कि, अमरावती शहर के कुछ निजी कोविड अस्पतालों में सोमवार की सुबह कुछ देर के लिए ऑक्सिजन सप्लाय को लेकर किल्लत और दिक्कत पैदा हो गयी. जिसे लेकर काफी समय तक हडकंप मचा रहा. बता दें कि, अमरावती जिले को छत्तीसगढ के भिलाई, पुणे के चाकण तथा नागपुर के बुटीबोरी क्षेत्र से ऑक्सिजन की आपूर्ति की जाती है. किंतु विगत कुछ दिनों से ऑक्सिजन की मांग में अचानक वृध्दि होने से आपूर्ति का गणित गडाबडा गया है. ऐसे में शहर सहित जिले में मरीजों के इलाज हेतु ऑक्सिजन की किल्लत देखी जा रही है. इस स्थिति की समीक्षा करने हेतु जिलाधीश नवाल द्वारा सोमवार की सुबह अपने कार्यालय में निजी कोविड अस्पताल के डॉक्टरों तथा जिले को कृत्रिम ऑक्सिजन की सप्लाय करनेवाले वल्लभ गैसेस के संचालक हिमांशू वेद के साथ बैठक बुलायी. इस बैठक में बताया गया कि, इस समय भिलाई से 20 टन व चाकण से 15 टन कृत्रिम ऑक्सिजन की खेप अमरावती के लिए रवाना हो चुकी है, जो कल मंगलवार को अमरावती पहुंच जायेगी. जिसके जरिये शहर सहित समूचे जिले के कोविड व नॉन कोविड अस्पतालों को इमरजनसीवाले मरीजों हेतु ऑक्सिजन की आपूर्ति की जायेगी. यह जानकारी देने के साथ ही जिलाधीश नवाल ने सभी डॉक्टरों से आवाहन किया कि, फिलहाल केवल और केवल गंभीर स्थिति में रहनेवाले मरीजों को ही ऑक्सिजन बेड पर भरती किया जाये. वहीं नॉन इमरजन्सीवाले मरीजों के ऑपरेशन व इलाज को कुछ समय के लिए टाला जाये. जिलाधीश ने बताया कि, इस समय मुंबई ऑक्सिजन की सप्लाय को लेकर वॉर रूम स्थापित किया गया है. जहां से समूचे राज्य के सभी जिलोें में कृत्रिम ऑक्सिजन की उपलब्धता पर नजर रखी जा रही है और वे लगातार वॉर रूम के साथ संपर्क में बने हुए है और इस वॉर रूम के जरिये ही अमरावती जिले को 35 टन ऑक्सिजन की खेप उपलब्ध करायी जा रही है. इसके अलावा जल्द ही और भी कृत्रिम ऑक्सिजन उपलब्ध कराते हुए शहर सहित जिले के कोविड अस्पतालों से ऑक्सिजन की किल्लत को दूर कर लिया जायेगा.
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रेमडेसिविर व वैक्सीन का स्टॉक हैं भरपूर
इस बैठक में जिलाधीश नवाल ने बताया कि, गत रोज ही अमरावती जिले को स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय से कोविशिल्ड व को-वैक्सीन की नई खेप प्राप्त हुई है. जिसके जरिये टीकाकरण का काम पहले की तरह शुरू कर दिया गया है. इसके साथ ही जिले में इस समय यहां के मरीजों की जरूरत के लिहाज से रेमडेसिविर के इंजेक्शन का स्टॉक भी उपलब्ध है. अत: किसी को भी ऑक्सिजन, रेमडेसिविर व वैक्सीन को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
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बाहरी जिलों के 200 पेशंट हैं भरती
इस बैठक में बताया गया कि, इस समय अमरावती के सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में बाहरी जिलों के करीब 200 कोविड संक्रमित मरीज भरती है और चूंकि आसपडौस के जिलों में हालात नियंत्रण से बाहर जा चुके है. ऐसे में इंसानियत के नाते अन्य जिलों के मरीजों को स्थानीय अस्पतालों में भरती किया जा रहा है और उन्हें यहां इलाज हेतु आने से रोका नहीं जा सकता.
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अब हर श्मशान भूमि में होगा कोविड मृतकों का अंतिम संस्कार
इस बैठक में यह भी तय किया गया कि, अब शहर सहित जिले की सभी श्मशान भूमियों में कोविड संक्रमण की वजह से मृत हुए मरीजों के पार्थिवों का अंतिम संस्कार किया जायेगा. हालांकि इसके लिए सभी श्मशान भूमियोें में स्वतंत्र तौर पर व्यवस्था की जायेगी और यदि किसी भी श्मशान भूमि में कोविड मृतकों के अंतिम संस्कार हेतु किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा अडंगा डाला जाता है, तो संबंधितों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कडी कार्रवाई की जायेगी.