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शहर में 38 कंटेनमेंट झोन

अब प्रतिबंधक क्षेत्रों का दायर हुआ छोटा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१९ – इस समय जिस रफ्तार से कोविड संक्रमित मरीज पाये जा रहे है और चारों ओर संक्रामक बीमारी को लेकर डर और हडकंप का माहौल है, उसे देखते हुए पिछले वर्ष के अप्रैल माह की यादें ताजा हो रही है, जब अमरावती में पहला कोविड संक्रमित मरीज पाये जाने और उसकी मौत होने के साथ ही शहर सहित जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने और मौतों का सिलसिला शुरू हुआ था. आज एक वर्ष बाद भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी है. साथ ही अब संक्रमण की रफ्तार और संक्रमितोें की संख्या गत वर्ष की तुलना में कई गुना अधिक बढ गई है. ऐसे में जिन-जिन इलाकों में संक्रमित मरीज पाये जा रहे है, वहां पर अब भी कंटेनमेंट झोन साकार किये जा रहे है.
बता दें कि, गत वर्ष कोविड संक्रमित मरीज पाये जाने पर उसके निवास से करीब डेढ किमी के दायरे को सील करते हुए कंटेनमेंट झोन घोषित किया जाता था. किंतु बाद में धीरे-धीरे कंटेनमेंट झोन को लेकर नियमों में कई तरह के बदलाव किये गये और कंटेनमेंट झोन का दायरा धीरे-धीरे छोटा होता गया. वहीं अब जिस परिसर में पांच या उससे अधिक संक्रमित मरीज पाये जा रहे है, उसी परिसर को कंटेनमेंट झोन घोषित करते हुए बैरिकेट लगाकर सील किया जा रहा है. इस नये तरीके के तहत शहर में इस समय कुल 38 स्थानों पर कंटेनमेंट झोन घोषित किया गया है. जहां पर 600 से अधिक एक्टिव पॉजीटीव मरीज पाये गये है. वहीं शहर की 13 इमारतों को मिनी कंटेनमेंट झोन घोषित किया गया है. जहां पर एक से अधिक संक्रमित पाये गये है.
बता दें कि, इन दिनों एसिम्टोमैटिक मरीजों को बडी संख्या में होम आयसोलेशन के तहत रखा जा रहा है और ऐसे मरीजोें के निवासस्थल के सामने प्रतिबंधित क्षेत्र का बोर्ड लगा दिया जाता है, ताकि परिसर के आम लोगबाग अगले कुछ दिनों तक संबंधित व्यक्ति व उसके परिजनों के संपर्क में न आये. किंतु देखा जा रहा है कि, पहले की तरह कंटेनमेंट झोनवाले इलाकों में प्रतिबंधात्मक नियमों का कडाई के साथ पालन नहीं हो रहा और कंटेनमेंट झोन पहले की तरह अब पुलिस कर्मी की नियुक्ती भी नहीं की जाती. जिससे लोगबाग कंटेनमेंट झोन में भी खुलेआम घुमते-फिरते दिखाई देते है.

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