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विनयभंग के आरोपी को 4 साल का कारावास

शासकीय अभियोक्ता जामनेकर की सफल पैरवी

अमरावती/दि.20 – स्थानीय प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी कोर्ट नं.5 के न्यायाधीश जे.जी.वाघ ने विनयभंग के आरोपी स्वप्नील सुभाष पाठक को चार साल की कारावास की सजा सुनाई है.
इस्तेगासे के अनुसार घटना 8 मई 2013 की है. शिकायतकर्ता अपनी स्कूटी से कॉलेज जा रही थी. तभी राजहील नगर निवासी आरोपी स्वप्नील पाठक ने उसका पीछा कर गाडी को कट मारा व ठिकठाक तरीके से वाहन चलाने की बात कही. जिसपर शिकायतकर्ता ने कोई भी जवाब नहीं दिया. कुछ दूरी पर जाकर आरोपी ने शिकायतकर्ता के सनकोट की कॉलर पकडकर खिचा और उसे नीचे गिराया. उसके बाद पूछा की वह जेल कब गया था. जिसके बाद आरोपी ने चिडकर शिकायतकर्ता को थप्पड व मुक्कों से पीटा. शिकायतकर्ता ने राजापेठ थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिसपर पुलिस ने धारा 341, 354, 294, 323, 506 के तहत अपराध दर्ज किया. मामले की जांच राजापेठ थाने की पीएसआई सुषमा बाविस्कर ने पूर्ण की. इसके बाद आरोपी के खिलाफ दोषारोपपत्र न्यायालय में पेश किया. इस मामले में प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी कोर्ट नं.5 के न्यायाधीश जे.जी.वाघ ने आरोपी के खिलाफ अपराध साबित होने पर स्वप्नील पाठक के खिलाफ धारा 354 के तहत 3 वर्ष कैद व 2 हजार रुपए जुर्माना, धारा 323 में 1 साल की कैद व 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से जे.पी.जामनेकर ने युक्तिवाद किया. वहीं पुलिस हेडकाँस्टेबल संजय डहाके, सतिश चौधरी ने पैरवी अधिकारी के रुप में काम संभाला.

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