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पांच माह में 40 नाबालिग लडकियां ‘फुर्र’

पुलिस ने 38 को बरामद किया

  • सोशल मीडिया ने बढाया आकर्षण

  • प्रेेम संबंधों के चलते सर्वाधिक मामले

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२९ – जारी वर्ष के पहले पांच माह दौरान अमरावती शहर के अलग-अलग इलाकों में रहनेवाली 40 अल्पवयीन लडकियां अपने घर-परिवार को छोडकर भाग निकली. पश्चात मामले की शिकायत मिलने पर जांच-पडताल और कार्रवाई करते हुए शहर पुलिस द्वारा इनमें से 38 लडकियाेंं को खोजने व बरामद करने में सफलता हासिल की थी. इसमें से अधिकांश लडकियां प्रेम संबंधों के झांसे में आकर अपने घर से भाग निकली थी.
उल्लेखनीय है कि इन दिनों जवानी की दहलीज पर खडे लडके-लडकियों के लिए सोशल मीडिया काफी खतरनाक साबित हो रहा है. इससे पहले खुद को व्यक्त करने के लिए इतनी सहजता उपलब्ध नहीं थी. ऐसे में शारीरिक बदलाव होते समय भी लडके लडकियों में उस समय आज की तरह आकर्षण का प्रमाण नहीं था. जिसके चलते अब अल्पवयीन लडकियों को आकर्षण और प्रेम जाल में फांसकर भगा ले जाने की घटनाएं बढ रही है. शरीर में हार्मोन्स की वजह से होनेवाले बदलाव के चलते भिन्न व्यक्ति के बारे में आकर्षक बढता है. यह अपने आप में एक नैसर्गिक प्रक्रिया है. ऐसे में अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखते हुए उनकी भावनाओं को समझा जाना चाहिए. क्योंकि इस कच्ची उम्र में लडकियां अक्सर आकर्षण को प्रेम समझकर जोखिमपूर्ण कदम उठा लेती है. जिसके बाद उन्हें कई बार धोखेबाजी का सामना भी करना पडता है.

  • कहां होती है चूक?

उदाहरण – 1 – शारीरिक आकर्षक को ही प्रेम समझकर लडकियां उस झांसे में आ जाती है और उनकी इस भावनात्मकता का फायदा उठाकर उन्हें फंसाया जाता है. जब तक असलियत समझ में आती है, तब तक मामला हाथ से बाहर जा चुका रहता है.
उदाहरण – 2 – केवल दोस्ताना संबंध रखना भी कई बार भारी पडने के मामले सामने आये है. ऐसी दोस्ती का गलत मतलब निकालते हुए लडकों द्वारा लडकियों पर दबाव बनाया जाता है और लडकियां भी बदनामी के भय की वजह से गलत कदम उठा लेती है.
– उदाहरण – 3 – खुद अपने घर से भागने हेतु एक लडकी ने लडके को आत्महत्या कर लेने की धमकी दी और उसके साथ भाग गई. पश्चात संसार की हकीकत से सामना होने के बाद उसी लडके पर झांसा देकर भगा ले जाने का आरोप भी लगाया.

  • अभिभावक दे ध्यान

– इन दिनों माता-पिता अपने खुद के कामों में काफी अधिक व्यस्त होते है. ऐसे में वे अपने बच्चों को समय नहीं दे पा रहे. साथ ही उनकी भावनाओं को भी नहीं समझ पा रहे. जिसकी वजह से बच्चों में काफी हद तक अकेलापन बढ रहा है.
– अपने मन की भावनाएं व्यक्त करने हेतु बच्चों के पास घर का कोई सदस्य नहीं रहने की वजह से वे अपनी भावनाएं व्यक्त करने हेतु घर के बाहर सहारा ढूंढते है. यहां से वे किसी के साथ भावनात्मक तौर पर जुडते है और धीरे-धीरे शारीरिक बदलाव की वजह से आकर्षण का शिकार होते है.

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