नौ माह में ४५९ रिश्वतखोर धरे गये
सर्वाधिक घुसखोर राजस्व, भुमि अभिलेख एवं पंजीयन कार्यालयों में
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२ – सर्वसामान्य लोगों की सेवा में रहनेवाले विविध सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा रिश्वत लेने के मामले दिनोंदिन बढते जा रहे है. जारी वर्ष के नौ माह दौरान महाराष्ट्र राज्य में ४५९ लोगोें द्वारा रिश्वत लिये जाने के मामले सामने आये है. इसमें भी राजस्व विभाग सहित भुमि अभिलेख व पंजीयन कार्यालयों से संबंधित है. ज्ञात रहे कि, इन दिनोें एन्टी करप्शन ब्यूरो के पास नागरिकों द्वारा बडे पैमाने पर उनसे रिश्वत मांगे जाने से संबंधित शिकायतें प्राप्त हो रही है और एसीबी द्वारा हर एक शिकायत को बेहद गंभीरता से लेते हुए आवश्यक जांच पडताल के बाद संबंधित सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत जारी वर्ष २०२० में जनवरी से सितंबर इन नौ माह के दौरान ४५९ घुसखोरों के खिलाफ कार्रवाई की गई. जिसमें सर्वाधिक मामले राजस्व, भुमि अभिलेख व पंजीयन कार्यालय से संबंधित है. जिसके बाद पुलिस, पंचायत समिती, वनविभाग, महानगरपालिका व नगर परिषद जैसे विभागों का नंबर लगता है.
अपसंपदा की १० व अन्य २० कार्रवाई
राज्य में आय से अधिक संपत्ति (अपसंपदा) तथा अन्य भ्रष्टाचारों को लेकर मिली शिकायतों पर भी एसीबी पथकोें द्वारा कार्रवाई की गई. जिसके तहत अपसंपदा से संबंधित दस मामलों में २१ आरोपियों के खिलाफ तथा भ्रष्टाचार से संबंधित २० मामलोें में १०९ आरोपियोें के खिलाफ अपराध दर्ज किये गये.
लॉकडाउन में घटी रिश्वतखोरी
कोरोना की वजह से राज्य में मार्च माह से लॉकडाउन लागू किये जाने के चलते अत्यावश्यक सेवाओें को छोडकर बाकी सबकुछ बंद कर दिया गया था. जिसका परिणाम घुसखोरी जैसे मामलों पर भी हुआ,क्योंकि तमाम सरकारी कामकाज बंद पडे थे. इस दौरान मार्च माह में ५८, अप्रैल माह में ७, मई माह में ३०, जून माह में ६४, जुलाई माह में ५६, अगस्त माह में ४८ तथा सितंबर माह में ५६ घुसखोर अधिकारी व कर्मचारी एसीबी के जाल में फंसे. जिसके मद्देनजर कहा जा सकता है कि, कडा लॉकडाउन रहते समय अप्रैल व मई माह में भ्रष्टाचार के मामले बेहद नगण्य थे.
संभागनिहाय भ्रष्टाचारियों की संख्या
संभाग मामले आरोपी
अमरावती ६६ ९०
नागपुर ५८ ८१
पुणे १०६ १५३
नासिक ६७ ८३
औरंगाबाद ५८ ८१
नांदेड ५७ ८०
ठाणे ३२ ५०
मुंबई १० १६