अविनाश भुसारी हत्याकांड के 5 आरोपी धरे गए
उत्तर प्रदेश से हुई गिरफ्तारी

* दादी के पैसे चुराकर खरीदी थी पिस्तौल
* आईस्क्रिम खाते समय चलाई थी गोली
* भुसारी का किसी गैंग से से कोई लेना-देना नहीं था
नागपुर/दि.28 – अंबाझरी पुलिस थाना क्षेत्र के गोकुलपेठ परिसर में घटित सोशा कैफे के संचालक अविनाश राजू भुसारी (28) की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में पुलिस को काफी बडी सफलता मिली है. इस मामले में नागपुर पुलिस की अपराध शाखा ने विशेष अभियान चलाकर मुख्य आरोपी बंटी उर्फ शैलेश विनोद हिरणवार सहित बाबू हिरणवार, आदर्श वालके, दिपू मेश्राम व शिबू यादव को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की.
बता दें कि, 14 अप्रैल आधी रात अविनाश भुसारी पर गोली दागकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया था. जांच के दौरान पता चला कि, इस समय पुलिस की पकड से फरार रहनेवाले शेखू नामक अपराधि की गैंग के साथ शुरु रहनेवाले विवाद के चलते बंटी व बाबू हिरणवार ने अपने साथिदारों की मदद लेते हुए अविनाश भुसारी पर जानलेवा हमला किया था. जबकि अविनाश भुसारी का उस झगडे से सीधे तौर पर कोई संबंध नहीं था. बल्कि वे शेखू गैंग के सदस्य रहनेवाले अविनाश भुसारी के रिश्तेदार रहने की वजह से उन्हें निशाना बनाया गया था.
जानकारी के मुताबिक पवन हिरणवार की हत्या का बदला लेने हेतु शेखू खान गैंग के खिलाफ साजिश रची गई थी. जिसके तहत प्रवेश गुप्ता व धीरज बांबूर्डे को निशाना बनाया जाना था और आरोपियों ने आंबेडकर जयंती पर पांढराबोरी परिसर में निकलनेवाले जुलूस के दौरान इन दोनों पर हमला करने की योजना बनाई थी. ताकि रैली में शामिल होनेवाली भीडभाड की आड लेकर बचा जा सके. परंतु गुप्ता व बांबुर्डे इस रैली में शामिल ही नहीं हुए. जिसके चलते वे दोनों बाल-बाल बच गए. जानकारी यह भी सामने आई है कि, हत्या में प्रयुक्त हथियार खरीदने के लिए बंटी की दादी की अलमारी से 1 लाख 20 हजार रुपए शिबू यादव ने चुराए थे. जिसके जरिए बंटी ने मध्यप्रदेश से रिवा से तीन पिस्तौल खरीदे थे और राहुल ने उत्तर प्रदेश से 20 कारतूस लाए थे. जिसके बाद जंगल में शराब पार्टी आयोजित कर शेखू टोली के सदस्यों की हत्या करने की योजना बनाई गई थी.
अविनाश भुसारी की हत्या के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए थे और लगातार अपने ठिकाने बदल रहे थे. जिसके चलते पुलिस को आरोपियों की खोज करने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड रहा था. इसी बीच पुलिस ने बंटी के नजदिकी रहनेवाले वृषभ वानखडे व सिमरन लोखंडे को धरदबोचा और आरोपियों को भी धरदबोचा. जिसके बाद पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ.