यवतमाल/ दि.23 – मामुली बात को लेकर जान से मार डालने की प्रवृत्ति लगातार बढते जा रही है. मर्डर की घटनाओं से यवतमाल जिले में सनसनी फैली हुई है. इस नवंबर माह में 12 दिनों में 5 मर्डर की घटनाएं यवतमाल में सामने आयी हैैं. पुलिस ने हत्यारों को गिरफ्तार भी किया है. फिर भी चिंता की बात बढ गई है. बढ रही हत्याओं की वारदातों से सामाजिक चिंताएं भी बढ गई है. इसमें यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ तो और भी गंभीर रुप धारण करने की संभावना है.
यहां बता दें कि नवंबर महिने में हत्याओं का सिलसिला 10 नवंबर से शुरु हुआ. वसंतराव नाईक शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय के छात्र की कोई भी वजह न रहते हुए चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई. जैसे इस हत्या के आरोपी को गिरफ्तार किया गया वेैसे ही शहर के आर्णी मार्ग पर एक वकील पर जानलेवा हमला किया गया. इस हमले में वकील हर्षवर्धन देशमुख बाल बाल बच गए, लेकिन आरोपी अब भी पुलिस के हत्थे नहीं चढा. उनकी तलाश अब भी जारी है. वहीं आरोपी गिरफ्तारी पूर्व जमानत पाने के लिए भागदौड कर रहे हैं. इन दो घटनाओं के बाद दिग्रस शहर से सटे सावंगी बु. में पूजा कावले नामक महिला का शव क्षत-विक्षत शव मिला. पूजा की शिनाख्त कर पुलिस ने उसके पति सहित चार लोगों को हिरासत में लिया. उसके बाद कलंब तहसील के तिरझडा में विवाहित युवती का घर से अपहरण किया गया. उसका दो दिनों बाद वडकी परिसर के वर्धा नदी पात्र में शव मिला. कलंब, वडकी और स्थानीय अपराध शाखा की टीम ने मामले की जांच कर आरोपियों को ढुंढ निकाला. इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया. लडकी को छेडने के चलते यह हत्या की गई.
घंटी बाबा यात्रा में भी हुई थी जबर्दस्त मारपीट
दिग्रस शहर में 14 नवंबर को घंटी बाबा यात्रा के दौरान दो समुहों में जबर्दस्त मारपीट हुई थी. उनमें से पुलिस थाने में गंभीर अपराध दर्ज रहने वाले शिनू गंभीर रुप से घायल हुआ. उसका नागपुर में उपचार किया गया. अस्पताल से घर आने के बाद तीसरे दिन ही उसकी मौत हो गई. इस मामले में दिग्रस पुलिस ने हत्या का अपराध दर्ज किया है. इस मामले में आरोपियों को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार किया है. पुसद शहर में पुराने विवाद को लेकर युवक की हत्या की गई. चार महिने पहले ही हत्यारों ने मृतक को धमकी दी थी. यह घटना रविवार की रात सामने आयी. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. हत्याओं की वारदातों से फिलहाल नवंबर माह गुंज रहा है. जिले में शुरु रहने वाले हत्या के सत्र को रोकने कि लिए पुलिस के पास कोई ठोस उपाय नजर नहीं आ रहे है.