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एक माह से खडे है 5 हजार ट्रक

पहले किसान आंदोलन ने, अब लॉकडाउन ने तोडी कमर

  •  फैक्ट्री, मार्केट और एपीएमसी बंद रहने से जिलांतर्गत व्यवसाय ठप्प

  •  चालक की आरटीपीसीआर टेस्ट का विरोध करेंगे ट्रान्सपोर्टर

अमरावती/प्रतिनिधि दि.15 – लॉकडाउन में केंद्र और राज्य सरकार ने ट्रान्सपोर्ट को यातायात की अनुमति दी है, लेकिन देश के अधिकांश राज्य में और महाराष्ट्र में दुकानें बंद है और उद्योगों में उत्पादन ठप्प है, कृषि उपज मंडी समिति बंद है. इस कारण समूचे देश में 80 प्रतिशत माल यातायात बंद है. इसका झटका अमरावती के ट्रान्सपोर्ट व्यवसाय को भी लगा है. 14 अप्रैल की रात 8 बजे से पहले कडे निर्बंध और बाद में अमरावती जिले में कडा लॉकडाउन घोषित हो जाने से लगभग 5 हजार ट्रक यहां के वलगांव रोड पर स्थित ट्रान्सपोर्ट नगर में खडे है. रोजाना 20 से 24 लाख का नुकसान सहना पड रहा है, इस तरह की जानकारी ट्रान्सपोर्ट संगठन के इमरान खान ने दी है.
उन्होंने बताया कि पहले दिल्ली की बॉर्डर पर चलने वाले किसान आंदोलन के चलते ट्रान्सपोर्टरों को राजस्थान होते हुए ट्रक लाने पड रहे थे. जिससे माल देरी से पहुंचता था और लंबी दूरी से ट्रैवलिंग में डीजल खर्चा भी ज्यादा लगता था. इस कारण ट्रान्सपोर्टर आर्थिक संकट में घिर गए थे. उससे उभरने का प्रयास किया तो अप्रैल महिने से फिर लॉकडाउन की घोषणा की गई और उसके बाद अमरावती जिले में कडा लॉकडाउन घोषित होने के बाद सभी व्यवसाय ठप्प पड गए. ट्रान्सपोर्टर इमरान खान के अनुसार फिलहाल लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री बंद है. इस कारण अधिकतर कारखानों में आवश्यक माल का उत्पादन बंद पडा है. उसी में उत्पादित वस्तुओं की बिक्री नहीं होने से माल का लाना-ले जाना बंद किया गया है. केवल जीवनावश्यक वस्तु, लोहा, सिमेंट आदि की यातायात शुरु है. कुछ ट्रान्सपोर्टरों का व्यवसाय कृषि उपज मंडी पर निर्भर था, लेकिन कृषि उपज मंडी भी बंद है. इस कारण लगभग 5 हजार ट्रक पिछले एक महिने से ट्रान्सपोर्ट नगर में खडे है. वहीं दूसरी ओर डीजल की दरों में भी भारी वृध्दि हुई है. उसमें राज्य सरकार ने अब ट्रान्सपोर्ट व्यवसाय में सबसे बडी बाधा चालक के आरटीपीसीआर टेस्ट ने लायी है. चालक की एक कोरोना निगेटीव रिपोर्ट 7 दिन ग्राह्य मानी जाती है. चालक ने आरटीपीसीआर टेस्ट करने के बाद तीसरे दिन उसकी रिपोर्ट प्राप्त होती है. यह रिपोर्ट लेकर अगर ट्रक चालक पर प्रांत में गया तो और वहां उसे वापसी में ट्रक भरने और लाने में 2 या 3 दिन वहां मुक्काम करना पडा, और उसके आरटीपीसीआर टेस्ट की अवधि खत्म हुई तो उसे महाराष्ट्र में प्रवेश नहीं मिलेगा, इस डर से अधिकतर ट्रक चालक घरों में बैठना पसंद कर रहे है. क्योंकि सरकार ने राज्य के बाहर जाने और आने के लिए 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर टेस्ट जरुरी कर दी है. इमरान खान के अनुसार वे सरकार से चालक की आरटीपीसीआर टेस्ट रद्द करने की मांग करेंगे. इमरान खान के अनुसार एक ट्रक 40 से 50 लाख का होता है. लॉकडाउन के कारण अनेकों की बैंक की किश्तें फिलहाल बंद है. उसपर ब्याज चढ रहा है. ट्रक व्यवसाय में पहले ही रोड टैक्स देना पडता है, इसके अलावा ट्रक का बीमा पहले ही निकाला जाता है, इस स्थिति में सरकार ने माल यातायातदारों को ट्रक का रोड टैक्स में इंश्युरन्स में छुट देनी चाहिए.

 

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पिछले एक माह से लगभग 5 हजार ट्रक जगह पर खडे है, बैंक की किश्तें फिलहाल बंद है, लेकिन उसपर ब्याज लग रहा है. उसी में सरकार ने चालक की आरटीपीसीआर टेस्ट की शर्त दूसरे राज्य में जाने से पहले जरुरी कर दी है. ट्रक चालक टेस्ट कराने से कतराते है. कुल मिलाकर ट्रान्सपोर्टरों का रोजाना 20 से 25 लाख का नुकसान हो रहा है. ट्रान्सपोर्ट व्यवसाय को राहत देने के लिए सरकार ने हमारे लिये भी पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.
इमरान खान, ट्रान्सपोर्टर अमरावती

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