शीतसत्र की तैयारी पर खर्च होंगे 50 करोड
लोकनिर्माण ने मंगायी निविदा, कोविड संक्रमण का भी खतरा
नागपुर/प्रतिनिधि दि.21 – आगामी 7 दिसंबर से नागपुर में शुरू होने जा रहे राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की तैयारी पर करीब 50 करोड रूपये खर्च होंगे. इस हेतु सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग द्वारा निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. विधान मंडल की कामकाज सलाहकार समिती की बैठक में शीतकालीन अधिवेशन नागपुर में ही होने का निर्णय लिये जाने के बाद पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रत्यक्ष काम शुरू करने की तैयारी की जा रही.
बता दें कि, विगत सोमवार को विधान मंडल के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद इस बार विधान मंडल का शीतकालीन अधिवेशन नागपुर में ही होने के संकेत दिये थे. इसके बाद से अधिवेशन से संबंधित तैयारियों ने गति पकडी और करीब 30 करोड रूपयों के कामों की निविदा जारी की गई. वहीं 20 करोड रूपये के कामों की निविदा प्रक्रिया शुरू हो गई. ये सभी निविदा जल्द ही वितरित की जायेगी, ऐसी जानकारी पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंता जर्नादन भानुसे द्वारा दी गई. उन्होंने बताया कि, नवंबर के अंतिम सप्ताह तक अधिकांश कामों को पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया है. कोविड संक्रमण की संभावना के मद्देनजर वर्ष 2019 की तुलना में कुछ नये कामों को लेकर निविदा जारी की गई है. जिसमें लिक्वीड सैनिटाईजर की आपूर्ति एवं किटनाशकों की फवारणी जैसे कामों का भी समावेश है.
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नाराजगी के बावजूद काम करने के लिए तैयार हैं ठेकेदार
वर्ष 2019 के शीतकालीन सत्र में किये गये करीब 50 करोड रूपयों की लागतवाली कामों के बिल अब तक पेंडिंग रहने के चलते कई ठेकेदार काफी हद तक नाराज है. ठेकेदारों के मुताबिक नागपुर प्रदेश में ठेकेदारों के करीब 500 करोड रूपयों के बिल सरकार की ओर पेंडिंग है. यह पैसा मिलने हेतु उन्होंने आंदोलन भी किया था तथा इसके बावजूद वे आगामी शीतकालीन सत्र के लिए काम करने हेतु तैयार है. ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष नितीन सालवे के मूताबिक दीपावली से पहले बकाया भुगतान सहित फिलहाल जारी काम का पैसा मिल जायेगा. इस आशा पर ठेकेदारों द्वारा नाराजगी के बावजूद काम करने की तैयारी दिखाई गई है.
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खाली कराया जा रहा है 160 खोली परिसर
विधान मंडल के अधिवेशन के मद्देनजर 160 खोली परिसर को रिक्त कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस परिसर में सरकारी कर्मचारियों का निवास रहता है और प्रत्येक सत्र के समय इस परिसर को खाली कराया जाता है. पीडब्ल्यूडी के मुताबिक इस परिसर में रहनेवाले कई सरकारी कर्मचारियों ने अपने निवासस्थान खाली कर दिये है.