नेत्रदान सप्ताह में ५४ मरीजों को मिला नेत्रलाभ
जिलाधिकारी ने कहा नेत्रदान अभियान को चहुंओर पहुंचाए
अमरावती/दि.१९ – मोतियाबिंदू शल्यक्रिया नहीं करानेवाले मरीजों को काचबिंदू होने की संभावना रहती है. इसीलिए जिले के प्रत्येक जरूरतमंद मरीज को नेत्र शल्यक्रिया का लाभ दिलवाना चाहिए. इसके अलावा मरणोत्तर नेत्रदान के लिए अधिकाधिक लोगों के आगे आने के लिए अभियान को जिले में चहुंओर पहुंचाने के निर्देश जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने दिए.
कर्मयोगी द़ृष्टिदाता डॉ. रामचंद्र भालचंद्र की स्मृति दिन निमित्त राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण व द़ृष्टीक्षीणता कार्यक्रम में द़ृष्टीदानल सप्ताह का आयोजन किया गया था. इस दौरान जिलाधिकारी ने जिला सामान्य अस्पताल के नेत्र विभाग का निरीक्षण किया. इस समय जिला शल्यचिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम, जिला नेत्रचिकित्सक डॉ. नम्रता सोनोने, राजेंद्र फसाटे आदि उपस्थित थे.
नेत्रदान सप्ताह में ५३ मरीजों पर मोतियाबिंदू शल्यक्रिया व एक मरीज पर कांचबिंदू शल्यक्रिया कर कुल ५४ मरीजों को नेत्रलाभ हुआ. बीते अप्रैल माह से अब तक २८९ मरीजों पर सफलतम शल्यक्रिया हुई है. यह कार्य निरंतर रखने के अलावा मरणोत्तर नेत्रदान के लिए अधिकाधिक लोगों द्वारा संकल्प करना आवश्यक है. इसके लिए अलग-अलग उपक्रम नियोजित करने के निर्देश जिलाधिकारी नवाल ने दिए.
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नेत्रदाताओं का सॉफ्टवेयर तैयार करें
द़ृष्टीदान दिननिमित्त सेल्फी पाईंट का उपक्रम नेत्र विभाग की ओर से चलाया गया. जिसमें ५१ लोगों ने नेत्रदान का संकल्प किया. जिलाधिकारी ने कहा कि एहसास करें नेत्रहीन का दर्द जैसे अनेक उपक्रम चलाए जाने चाहिए और नेत्रदाताओं का सॉफ्टवेयर तैयार करना चाहिए.
ब्लैक फंगस को लेकर भी उन्होंने कोविड मरीजों में जनजागृति करने के निर्देश दिए.
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कैदियों को चष्मों का वितरण
जिला अंधत्व नियंत्रण समिति की ओर से जिला कारागृह में कैदियों की नेत्र जांच की गई और उनको निशुल्क चष्मों का वितरण किया गया. तहसीलस्तर पर नेत्र चिकित्सा अधिकारियों ने मोतियाबिंदू शल्यक्रिया करा चुके मरीजों को निशुल्क चष्मों का वितरण करने की जानकारी जिला नेत्रचिकित्सक डॉ. नम्रता सोनोने ने दी.