तिवसा पीएचसी से 61 रेमडेसिविर इंजेक्शन गायब
इर्विन से तिवसा कोविड सेंटर को दिये थे 709 इंजेक्शन
-
सभी इंजेक्शन सिपला और कैडिला कंपनी के
-
कितने मरीजों को इंजेक्शन लगाए जांच करेगा एफडीए
अमरावती/प्रतिनिधि दि. 24 – कोेरोना की बीमारी पर प्रभावी साबित होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला उजागर होेने की बात पुलिस और अन्न व औषधि प्रशासन विभाग की ओर से इस मामले की स्वतंत्र जांच शुरु की गई थी. अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के निरीक्षक मनीष गोटमारे की जांच में यह सत्य सामने आया है कि जिला सरकारी अस्पताल के भांडार विभाग से तिवसा ग्रामीण अस्पताल को कुल 709 रेमडेसिविर इंजेक्श की आपूर्ति हुई थी. उनमें से केवल 648 इंजेक्शन का ही इस्तेमाल मरीजों के लिए किया गया. इसका मतलब यह कि 61 रेमडेसिविर इंजेक्शन गायब थे. यह सभी इंजेक्शन सिपला और कैडिला कंपनी के रहने की बात एफडीए के निरीक्षक गोटमारे ने कही है. उनके अनुसार जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट उन्होंने जिलाधिकारी को सौंप दी है, लेकिन अभी तक जांच पूर्ण नहीं हुई. इर्विन अस्पताल के भांडार विभाग से उठाए गए इंजेक्शन कालाबाजारी करने वाले डॉक्टरों ने मरीजों को सही मायने में लगाए है या नहीं इसकी जांच अभी बाकी है और जल्द ही इस दिशा में जांच शुरु की जाएगी.
निजी कोविड व सरकारी कोविड अस्पताल को इस दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की कितनी आपूर्ति हुई और उनमें से इस्तेमाल कितना हुआ, इस बाबत का ऑडिट एफडीए ने किया तब 61 रेमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर संभ्रम कायम है. यह स्टॉक भी शेष नहीं है, ऐसा इस विभाग के निरीक्षक मनीष गोटमारे ने बताया. उल्लेखनीय है कि कोरोना का बढता प्रादुर्भाव ध्यान में रखते हुए समूचे राज्यभर इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी और कालाबाजारी शुरु हुई थी. उनमें से ऐसे ही घोटाले का एक मामला अमरावती शहर में भी अपराध शाखा पुलिस ने उजागर किया था. 12 मई को तिवसा ग्रामीण अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी डॉ.पवन दत्तात्रय मालुसरे, कंत्राटी डॉक्टर अक्षय मधुकर राठोड, परिचारिका पूनम भीमराव सोनोने, शुभम प्रमोद सोनटक्के व शुभम शंकर किल्लेकर, अनिल गजानन पिंजरकर, विनित अनिल फुटाणे आदि 7 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था. वहीं इसमें से एक आरोपी कोरोना पॉजिटीव पाये जाने से उसे क्वारेंटाइन में रखा है. 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें से पांच अंतरिम जमानत पर बाहर छोडा गया था. न्यायालयीन हिरासत के तहत एक आरोपी जेल में है. क्राईम ब्रांच के बाद आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने जांच की शुरुआत की है. उल्लेखनीय है कि अमरावती शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला प्रकाश में आने के बाद जिले के वैद्येकीय क्षेत्र में सनसनी मची थी.
-
जमानत पर छुटे आरोपियों को न्यायालय में पेश होने के आदेश
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में स्थानीय न्यायालय से अंतरिम जमानत पर बाहर आये हुए डॉ.पवन मालुसरे, डॉ.अक्षय राठोड समेत सभी 6 आरोपियों को स्थानीय अदालत ने न्यायालय में पेश होने के आदेश दिये है. इन सभी 6 आरोपियों के नाम से न्यायालय ने इस तरह की नोटीस भी जारी की है, ऐसा पुलिस की ओर से बताया गया है. विशेष यह कि इस मामले की व्याप्ती को ध्यान में रखकर फिर से संबंधितों को ताबे में लेकर जांच करने की आवश्यकता रहने की बात पुलिस ने न्यायालय में कही.