कुणबी जाति प्रमाणपत्र को लेकर मिले 68 हजार अभिलेख
सन 1967 से पहले के साक्ष्यों की चल रही खोजबी
* लगातार छुट्टी आने से समिति का कामकाज हुआ प्रभावित
अमरावती/ दि. 18– सेवा निवृत्त न्यायमूर्ति संदीप शिंदे समिति के समक्ष कुणबी, मराठा-कुणबी व कुणबी-मराठा के अभिलेख की जानकारी प्रस्तुत करने हेतु प्रशासन काम पर लग गया है. जिले के 7 उपविभागों में विगत 5 वर्ष के दौरान कुणबी जाति प्रमाणपत्र हेतु प्राप्त हुए करीब 68 हजार 477 आवेदनों में इससे संबंधित साक्ष्य प्राप्त हुए है. इसके अलावा 13 प्रशासनिक विभागों द्बारा भी अभिलेखों की खोजबीन की जा रही है. जिसके चलते जल्द ही साक्ष्यों व अभिलेखों की संख्या बढेगी. हालांकि दीपावली पर्व के चलते लगातार अवकाश रहने की वजह से समिति का कामकाज प्रभावित हुआ है. ऐसे में अब अवकाश खत्म होने के बाद समिति द्बारा दुबारा इस काम को शुरू किया जायेगा.
मराठा समाज को कुणबी, मराठा-कुणबीे व कुणबी-मराठा जाति प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया में अक्तूबर 1967 से पहले के पुराने दस्तावेज व साक्ष्य अनिवार्य हैं. जिनमें निजामकालीन दस्तावेज व साक्ष्य, वंशावली, शैक्षणिक दस्तावेज, राजस्व दस्तावेज, संस्थानिको द्बारा दी गई सनद व राष्ट्रीय दस्तावेज आदि साक्ष्यों की वैधानिक व प्रशासकीय जांच पडताल की जा रही है. जिसके लिए जिलाधीश की अध्यक्षता में गठित 15 सदस्यीय समिति द्बारा दस्तावेजों, साक्ष्यों व अभिलेखों की खोजबीन 13 महकमों के जरिए जिले में की जा रही है. साथ ही संकलित सभी दस्तावेजों की स्केनिंग कर उन्हें संरक्षित किया जा रहा है और इन सभी साक्ष्यों को न्या. संदीप शिंदे समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा. सर्वाधिक सबूतों के दस्तावेज रहनेवाले व 5 वर्ष के दौरान कुणबी जाति प्रमाणपत्र आवेदन में अक्तूबर 1967 से पहले का कुणबी जाति से संबंधित दस्तावेज जोडना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है.
* उपविभाग निहाय प्राप्त आवेदन
अमरावती उपविभाग में 16 हजार 779, अचलपुर में 8 हजार 300, चांदुर रेलवे में 10 हजार 140, दर्यापुर में 10 हजार 34, मोर्शी में 16 हजार 289 तथा तिवसा व भातकुली विभाग में 6 हजार 866 ऐसे कुल 7 नवंबर 2023 की स्थिति के अनुसार 68 हजार 477 आवेदन कुणबी, मराठा कुणबी व कुणबी मराठा जाति प्रमाणपत्र हेतु मंजूर किए गये.
* कुणबी जाति प्रमाणपत्र हेतु आवेदन
5 वर्ष में कुल 68477
2018-19 10725
2019-20 14710
2020-21 15177
2021-22 11740
2022-23 16083
* आवेदन मंजूर करने हेतु ग्राहय साक्ष्य
जिस व्यक्ति के नाम पर जातिप्रमाणपत्र निकाला गया है. उस व्यक्ति का शाला छोडने का प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाणपत्र व बोनाफाइड प्रमाणपत्र.
पिता व दादा का शाला छोडने का प्रमाणपत्र, कोतवाली बुक की नक्कल, अधिकार पंजीयन, जन्मप्रमाणपत्र रजिस्टर की प्रतिलिपि, निवासी प्रमाणपत्र.
सेवा पुस्तक के पहले पन्ने की प्रतिलिपि, पुराने खरीदी खत में से किसी एक की प्रतिलिपि, तथा 1 सितंबर 2012 के जीआर नुसार वर्ष 1967 से पहले जाति दर्ज रहनेवाला साक्ष्य.