मुख्य समाचारयवतमाल

यवतमाल में पकडा गया 71 लाख का गुटखा

विदर्भ क्षेत्र में अब तक की सबसे बडी कार्रवाई

* यवतमाल पुलिस व एफडीए ने संयुक्त रुप से मारा छापा
* ट्रान्स्पोर्ट के जरिए अमरावती भेजी जा रही थी खेप
* इंदौर से लाया गया था माल, बाभुलगांव से चल रहा था सप्लाई नेटवर्क
यवतमाल/दि.25 – यवतमाल जिले के बाभुलगांव नामक छोटे से गांव से गुटखा तस्करी का एक बडा नेटवर्क चलाया जा रहा था. जहां पर मध्यप्रदेश के इंदौर से गुटखे की आयात की जाती थी और फिर यहां से किराणा दुकान की आड लेकर पूरे विदर्भ क्षेत्र के प्रतिबंधित गुटखे की खेप को विक्री हेतु भेजा जाता था. जिसके लिए निजी वाहनों का प्रयोग करने की बजाय ट्रान्स्पोर्ट को उपयोग में लाया जाता था. ताकि इस पर किसी की नजर न पडे. इस पूरे गोरखधंधे की गोपनीय जानकारी मिलते ही यवतमाल पुलिस की स्थानीय अपराध शाखा तथा अन्न व औषध प्रशासन विभाग द्बारा संयुक्त रुप से कार्रवाई करते हुए छापा मारा गया और 71 लाख रुपए का प्रतिबंधित गुटखा बरामद किया गया. यह यवतमाल जिले सहित विदर्भ क्षेत्र में गुटखे को लेकर अब तक की सबसे बडी कार्रवाई है. साथ ही इस जरिए गुटखा तस्करों द्बारा अमल में लाया जा रहा नया तरीका उजागर हुआ है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक यवतमाल जिले मेंं एहफाज मेमन (30) नामक व्यक्ति द्बारा गुटखा तस्करी का काम किया जा रहा है और उसने कोविड काल के बाद 2 वर्ष के भीतर ही ग्रामीण क्षेत्र में गुटखा विक्री का नेटवर्क तैयार कर लिया. इसके तहत प्रतिमाह डेढ से 2 करोड रुपयों का आर्थिक लेन-देन किया जाने लगा. ऐसी जानकारी पुलिस सहित एफडीए को मिली थी. जिसके आधार पर दोनों महकमों के अधिकारियों ने इस नेटवर्क पर अपना शिकंजा कसना शुरु कर दिया और गत रोज जैसे ही पक्की खबर मिली वैसे ही बाभुलगांव में छापा मारकर 71 लाख रुपए का प्रतिबंधित गुटखा बरामद किया गया. जिसमें पानबहार, पानपराग व जाफरानी जर्दा तंबाखू सहित अन्य कई छोटे-मोटे ब्रांड वाले गुटखों का समावेश था.
* गुटखा तस्करों ने बदला अपने काम का तरीका
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक इससे पहले गुटखा तस्करों द्बारा गुटखे की खेप को चोरी-छीपे इधर से उधर करने के लिए अपने व्यक्तिगत वाहनों को उपयोग में लाया जाता था. जिसके तहत कुछ अन्न तरह के सामानों की आड लेकर गुटखे की खेप को एक स्थान से दूसरे स्थान भेज दिया जाता था. परंतु ऐसे वाहनों पर ऐसे वाहनों पर पुलिस सहित एफडीए की नजर रहा करती थी और अक्सर ही माल पकड लिया जाता था. ऐसे में गुटखा तस्करों ने अपने काम करने के तरीके में थोडा बदलाव लाया और उन्होंने निजी वाहनों का प्रयोग करने की बजाय टान्स्पोर्ट सर्विस से अपना माल भेजना शुरु किया. जिसके तहत ट्रान्स्पोर्ट से भेजे गये माल को शहर से बाहर किसी गोदाम या फिर दूर दराज के किसी गांव में उतार दिया जाता है. जहां से इस माल को छोटे-छोटे वाहनों के जरिए आगे भेजा जाता है. ताकि माल को पुलिस की नजरों में आने से बचाया जा सके.
* पूरे नेटवर्क के पीछे अमरावती के गुटखा किंग विक्की का हाथ
जानकारी के मुताबिक गुटखा तस्करी के इस पूरे नेटवर्क के पीछे अमरावती से वास्ता रखने वाले विक्की पिंजानी नामक गुटखा किंग का हाथ है. जिसके द्बारा विगत लंबे समय से गुटखा तस्करी व अवैध विक्री का व्यवसाय किया जा रहा है. यह बात इससे पहले भी कई बार उजागर हुई है, जब पुलिस सहित एफडीए ने विक्की द्बारा मंगाई जाने वाली गुटखे की खेप को कई बार पकडा. लेकिन हर बार खुद गुटखा तस्कर विक्की बच निकलता है. पता चला है कि, विक्की नामक इस गुटखा माफिया द्बारा मध्यप्रदेश के इंदौर सहित पडौसी राज्यों के अन्य कई शहरों से अलग-अलग ब्रांड वाले गुटखे का माल अलग-अलग रास्तें से होते हुए मंगाया जाता है और अपने नेटवर्क के जरिए इसकी धडल्ले के साथ विक्री की जाती है. पता चला है कि, यवतमाल के बाभुलगांव में पकडा गया गुटखा भी विक्की नामक गुटखा तस्कर का ही है. जो यवतमाल के बाभुलगांव से धामणगांव रेल्वे व चांदूर रेल्वे तथा नेर व नांदगांव खंडेश्वर होते हुए अमरावती भेजा जाना था. साथ ही इसमें से ही कुछ माल धामणगांव रेल्वे व चांदूर रेल्वे से होते हुए तलेगांव व तिवसा के लिए भिजवाया जाना था. परंतु इससे पहले ही पुलिस व एफडीए ने संयुक्त रुप से कार्रवाई करते हुए 71 लाख रुपए मूल्य के गुटखे की खेप को पकड लिया.

Related Articles

Back to top button