* उनके पति ही देखते हैं काम
सोलापुर दि.20– प्रहार संस्थापक अध्यक्ष, चार बार के विधायक ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू ने महिला आरक्षण विधेयक पर प्रतिक्रिया में कह दिया कि महिला जनप्रतिनिधि क्रियाशील नहीं हैं. उनके पति ही पूरा काम देखते हैं. कडू ने कहा कि 75 प्रतिशत विधायक, सांसद महिला क्रियाशील नहीं हैं. कडू ने शासन आपके द्वार उपक्रम पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ तो किसानों को क्षतिपूर्ति मिलती है. इसलिए अलग से सूखा घोषित करने की क्या आवश्यकता है?
कडू ने कहा कि कानून और व्यवस्था में बड़ा फर्क है. गुलामी में रहने वाली महिलाएं आज भी धर्म तथा जाति की चौकट से बाहर नहीं आयी हैं. कडू ने कहा कि यहां तिरंगे के लिए दंगे नहीं होते. बल्कि नीले, हरे, केसरिया का अपमान हुआ कि लोग तिरंगा भूल जाते हैं और सड़कों पर आ जाते हैं. उन्होंने केवल कानून बनाकर नहीं होगा, संस्कार भी बदलने पर जोर दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि कर्तृत्व से चुनकर आयी महिला और आरक्षण की सीढ़ी से आगे आयी महिला में बड़ा फर्क रहता है. उसके परिणाम निर्वाचन क्षेत्र में दिखाई देते है. आरक्षण की हड़बड़ी ठीक है, किन्तु वह लोगों में रची-बसी जानी चाहिए. यहां कानून का पालन कौन करता है? कडू ने कहा कि कानून बनाना राजकीय आवश्यकता हो सकती है.
कडू ने कहा कि पिछले 75 वर्षों से दिव्यांग अनेक सुविधाओं से वंचित थे. विधायक निधि से 30 लाख रुपए खर्च करना आवश्यक रहने पर भी वह कोई नहीं करता. सेवा हमी कायदा अंतर्गत सात दिनों में टेबल की फाइल क्लीअर होना आवश्यक है. किन्तु पैसे की फाइल आगे बढ़ाई जाती है. बगैर पैसे रखे आगे नहीं होती. इसके विरुद्ध आंदोलन करने से मुझ पर 350 केसेस दर्ज है.