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जिले में 770 आर्म्स लाईसेन्स

धीरे-धीरे हथियार रखने का चलन और शौक बढ रहा

  • अकेले अमरावती शहर में 392 के पास परवाने

अमरावती/प्रतिनिधि दि.8 – शहर सहित जिले में पुलिस महकमे द्वारा आत्मरक्षा एवं खेती के संरक्षण इन दो प्रमुख कारणों के चलते हथियारों के लाईसेन्स दिये जाते है. जिसमें खेत परिसरों में जंगली जानवरों से बचाव हेतु सर्वाधिक आर्म्स लाईसेन्स निकाले गये है. अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय सहित जिले के 14 तहसील क्षेत्रों में कुल 770 लाईसेन्स नागरिकों द्वारा निकाले गये है. जिसमें से अकेले अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय द्वारा 392 आर्म्स लाईसेन्स जारी किये गये है.
बता दें कि, आग्नेयास्त्र यानी बंदूक व पिस्तौल के लिए लाईसेन्स प्राप्त करना काफी मुश्किल काम है. साथ ही इन हथियारों तथा लाईसेन्स को संभालकर रखना उससे भी अधिक मुश्किल काम है. प्रशासन द्वारा खेती की सुरक्षा से संबंधित कामोें के लिए 12 बोअर की बंदूक हेतु लाईसेन्स दिया जाता है. वहीं आत्मरक्षा के लिए रिवॉल्वर व पिस्तौल के लिए लाईसेन्स दिये जाते है. इन हथियारों को सार्वजनिक स्थानों पर यूं ही नहीं निकाला जाता सकता, बल्कि आत्मरक्षा के लिए अंतिम पर्याय के तौर पर इन हथियारों का प्रयोग करने की अनुमति रहती है.
पुलिस अधीक्षक अथवा शहर पुलिस आयुक्त, उपविभागीय अधिकारी व जिलाधीश कार्यालय की रिपोर्ट तथा आवश्यक जांच-पडताल करने के बाद हथियारों का लाईसेन्स देने के बारे में जिलाधीश द्वारा निर्णय लिया जाता है. जिस व्यक्ति को हथियार का लाईसेन्स दिया जाता है, उसे अपना लाईसेन्स और लाईसेन्सशुदा हथियार को पूरी तरह संभालकर रखना होता है और इसका गुम जाना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होता है. साथ ही ऐसे लाईसेन्सशुदा हथियारों का प्रयोग दहशत फैलाने के लिए नहीं किया जा सकता.
जानकारी के मुताबिक विगत पांच वर्ष के दौरान प्रशासन के पास हथियारों के लाईसेन्स हेतु अनेकोें आवेदन आये है और प्रशासन द्वारा तमाम बातों की पडताल करने के बाद इसमें से अधिकांश आवेदनों को खारिज कर दिया गया है और बेहद गिनती के लोगों को ही हथियारों के लाईसेन्स दिये गये है. इसमें भी खेती के संरक्षण हेतु अधिकांश लाईसेन्स जारी किये गये.

  • कैसे निकाला जाता है आर्म्स लाईसेन्स

आर्म्स लाईसेन्स निकालने हेतु जिलाधीश कार्यालय में ठोस वजह बतानी पडती है. जिसके बाद संबंधित व्यक्ति के पास हथियार होना क्या वाकई आवश्यक है, इसे लेकर सुनवाई होती है और बेहद सघन विचार-विमर्श के बाद ही हथियार का लाईसेन्स देने का निर्णय लिया जाता है.

  •  अधिकारी वर्ग में भी बढ रहा क्रेझ

आर्म्स लाईसेन्स के लिए इन दिनों राजस्व महकमे के अधिकारी भी आवेदन कर रहे है. रेती माफियाओं द्वारा किये जानेवाले उत्पात व उपद्रव की वजह से वे खुद को असुरक्षित मानते है. इसकी वजह वे जिला प्रशासन के पास हथियार के लाईसेन्स हेतु आवेदन कर रहे है.

  • कठोर नियमों से नये लाईसेन्स रूके

आत्मरक्षा के लिए हथियार का लाईसेन्स प्राप्त करने हेतु आवेदन करनेवाले लोगों द्वारा अमूमन अपनी जान के लिए खतरा रहने की बात कही जाती है. जिसके चलते सबसे पहले यह देखा जाता है कि, क्या सही में संबंधित व्यक्ति पर इससे पहले जानलेवा हमला हुआ है. इसकी तस्दीक पुलिस विभाग द्वारा किये जाने के बाद जिलाधीश द्वारा हथियार का लाईसेन्स देने का निर्णय लिया जाता है.

  •  धारणी में सबसे अधिक लाईसेन्स

जिले के अमरावती, चांदूर रेल्वे, अचलपुर, दर्यापुर, मोर्शी, भातकुली व धारणी इन सात विभागों में बडे पैमाने पर लोगों द्वारा हथियार के लिए आवेदन किये गये है तथा सभी आवश्यक बातों का अवलोकन करने के बाद नियमानुसार प्रशासन द्वारा आर्म्स लाईसेन्स जारी किये गये है. हालांकि विगत कुछ वर्षों में नये आर्म्स लाईसेन्स का वितरण करना बंद कर दिया गया है. इस समय जिले में आर्म्स लाईसेन्स प्राप्त करने में धारणी उपविभाग सबसे आगे है. वहीं अचलपुर उपविभाग इस मामले में दूसरे नंबर पर है.

  •  उपविभागनिहाय लाईसेन्स की संख्या

अमरावती – 4
भातकुली -10
चांदूर रेल्वे – 20
दर्यापुर – 48
मोर्शी – 71
अचलपुर – 80
धारणी – 110

  •  शस्त्र संभालना ही कठिन

– लाईसेन्स मिलने के बाद उसके आधार पर लिये गये हथियार का सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शन नहीं होगा. इसका खयाल रखना होता है. साथ ही हथियार का गलत उपयोग नहीं होगा, इसे लेकर भी कडे निर्देश जारी किये जाते है.
– लाईसेन्स प्राप्त व्यक्ति को बंदुक, पिस्तौल या रिवाल्वर की जितनी गोलियां दी जाती है, उन्हें उन सभी गोलियों का हिसाब-किताब देना होता है.
– प्रत्येक तीन वर्ष में आर्म्स लाईसेन्स का नूतनीेकरण किया जाता है. इस समय यदि पाया गया कि, इस दौरान हथियार का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है, तो संबंधित व्यक्ति का लाईसेन्स रद्द कर दिया जाता है और उसे दोबारा कभी हथियार का लाईसेन्स प्राप्त नहीं होता.

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