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पूर्णा बांध के रात में खोले गए ९ गेट सुबह कर दिए बंद

नदी तट पर रहनेवाले लोगों को सर्तकता के निर्देश

चांदुरबाजार/दि.6 – पूर्णा बांध क्षेत्र में आनेवाले मध्यप्रदेश के सावलमेंठा में शनिवार को १२० मीमी बारिश होने के बाद बांध में अचानक पानी की आवक बढ गई. जिसके बाद पूर्णा बांध के सभी ९ दरवाजे २० सेमी व रात १० बजे ३० सेमी से खोले गए थे. जिसके चलते नदी तट के गांवों को सर्तकता की चेतावनी दी गई थीं. वहीं नदी तट पर रहनेवाले लोगों को सुरक्षित स्थलों पर ले जाने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन इसके बाद बांध क्षेत्र में होनेवाली बारिश रूक गई व रविवार को धूप खिलने के बाद चार दरवाजे सुबह और दो दरवाजे ११ बजे बंद कर दिए गए. पानी का बहाव कम होने से नदी तट पर रहनेवाले ग्रामीण इलाकों के नागरिकों को राहत मिली है.
बता दें कि चांदूरबाजार तहसील के विश्रोली स्थित पूर्णा बांध के जलसंग्रह में बीते कुछ दिनों से तेजी से इजाफा हो रहा है. जिससे बांध का जलसंग्रह भी बढ गया है. बांध की क्षमता सितंबर माह के अंत तक ९० फीसदी होती है. लेकिन इस बार ४ सितंबर को ९५.३६ फीसदी जलसंग्रह रहा. जिसके चलते शनिवार की रात १० बजे बांध के ९ गेट ३० सेमी से खोले गए. जिनमें से प्रति सेकंद २४५ घनमीटर पानी छोडे जाने से रातभर पूर्णा नदी उफान से बह रही थीं. इसीलिए नदी तट पर रहनेवाले ग्रामीणों को सतर्कता की चेतावनी दी गई थीं.
विगत जुलाई माह में भी यहीं हालात निर्माण हुए थे. इसके बाद बांध स्थल के आस-पास के क्षेत्रों में बारिश रुक गयी थीं. जिसके बाद बांध का जलसंग्रह सीमित था. सितंबर माह की शुरूआत में बांध स्थल पर बारिश नहीं हुई. फिर भी मध्यप्रदेश के सावलमेंठा में एक ही दिन में १२० मीमी बारिश होने से बांध क्षेत्र में पानी की आवक बढ़ गयी. पूर्णा बांध में शनिवार की रात ४१.७५ दलघमी जलसंग्रह था. जबकि इसकी संकल्पित क्षमता ३५.३७ दलघमी है. हाल की स्थिति में बांध का जलस्तर ४५१.६५ मीटर है. आनेवाले चार दिनों में मूसलाधार बारिश होने का अनुमान मौसम विभाग ने जताया है. जिससे बांध के जलसंग्रह में फिर से इजाफा होने की संभावानाएं रहने से पुन: गेट खोले जा सकते है.

  • अभी ८३ फिसदी जलसंग्रह

शनिवार की रात ९ बजे खोले गए पूर्णा बांध के गेट में से चार गेट रविवार की सुबह और दो गेए ११ बजे बंद किए गए. बांध क्षेत्र में बारिश रुक चुकी है. जिससे पानी का बहाव भी रुका हुआ है. शनिवार रात तक ९५ फीसदी जलसंग्रह था जो अब ८३ फीसदी है. मौसम विभाग के अनुमान को देखते हुए नदी तट पर रहनेवाले लोगों से सर्तक रहने का आह्वान किया गया है.
अक्षय ईरजकर, अभियंता पूर्णा प्रकल्प

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