मुंबई./दि.20- देश का 90 प्रतिशत भूभाग तीव्र उष्ण लहर की चपेट में आ गया है. अधिकांश हिस्से में पारा 40 डिग्री पार हो गया है. जिससे लोगों से सावधान रहने कहा गया है. विशेषकर बुजुर्गो और बच्चों की खास देखरेख और सावधानी बरतने की सलाह शासन-प्रशासन दे रहा है. अप्रैल माह में गर्मी की तीव्रता बढी और कहर बरपा रही, वहीं मौसम का मिजाज अनेक मायनों में हैरान भी कर रहा है. दिनभर तेज धूप के बाद शाम को अचानक बेमौसम बरसात की रिपोर्ट कई भागों से मिली है. ग्लोबल वार्निग के कारण भारत को उष्ण लहर का सामना करना पड रहा.
क्रेब्रिज विद्यापीठ के रामित देबनाथ, कमलजी रे, एसएस रे, आर के गिरी और एपी डिमरी इन वैज्ञानिकों ने संशोधन कर भारत के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है. जिसके अनुसार देश का 90 प्रतिशत हिस्सा उष्मघात के डेंजर झोन में है. 50 वर्षो में 17 हजार लोगों की जान हीट वेव के कारण चली गई. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम. राजीवन की रिपोर्ट में बताया गया कि 1971 से 2019 के दौर में देश में उष्ण लहर की 706 घटनाएं हुई.
नवी मुंबई में महाराष्ट्र सरकार के पुरस्कार समारोह में उष्मघात से एक ही समय 13 लोगों की जान चली गई. देश के इतिहास में यह उष्ण लहर से संबंधित घटना ने मृत्यु का सबसे बडा आंकडा है. हीट वेव घोषित करने के अपने मापदंड है. मैदानी भागों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री और तटीय भागों में 37 एवं पर्वतीय क्षेत्र में 30 डिग्री रहने पर हीट वेव कहा जाता है. औसत से कम से कम 4.5 डिग्री तापमान अधिक रहने पर उष्णलहर रहती है. 1901 से भारत में हीट वेव के बारे में जानकारी संकलित है. इस बार का अप्रैल माह अब तक सबसे गर्म रहनेवाला तीसरा अप्रैल है. बारिश भी हो रही है और हीट वेव कई हिस्सों में कायम है.