अबतक 96 शिक्षक आ चुके कोरोना की चपेट में
शहरी क्षेत्र में 34 व ग्रामीण क्षेत्र में 62 शिक्षकों की रिपोर्ट आई पॉजीटिव
अमरावती प्रतिनिधि/ दि.१२ – विगत कुछ समय से कोरोना संक्रमण की स्थिति को नियंत्रण में आता देख सरकार व प्रशासन द्वारा दो चरणों में कक्षा 5 वी से 8 वीं तथा कक्षा 9 वीं से 12 वीं की ऑफलाईन पढ़ाई-लिखाई का काम शुरू करवाया गया था, जिसके लिए एहतियात के तौर पर सभी शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों की कोविड टेस्ट करना अनिवार्य किया गया था. जानकारी के मुताबिक विगत 23 जनवरी के बाद कक्षा 5 वीं से 8 वीं के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों हेतु शुरू की गई कोविड टेस्ट में अब तक कुल 96 शिक्षकों की रिपोर्ट पॉजीटिव आने की जानकारी है. जिसमें से मनपा क्षेत्र में 34 तथा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 62 शिक्षकों के पॉजीटिव पाये जाने की जानकारी है.
बता दें कि राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा विगत नवंबर माह से कक्षा 9 वीं से 12 वीं की कक्षाओं को शुरू कर दिया गया था. वहीं जनवरी माह के अंत में कक्षा 5 वीं से 8 वीं की कक्षाओं को शुरू करते हुए पढ़ाई -लिखाई का काम शुरू किया गया. ऐसा करने से पहले ऐहतियात के तौर पर एवं विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों की कोविड टेस्ट करना अनिवार्य किया गया है. इसके तहत विगत 23 जनवरी से शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों की कोविड टेस्ट करना शुरू किया गया और जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आ रही है, उन्हें आयसोलेट करते हुए शाला में आने से मना किया गया है. वहीं इस कोविड टेस्ट अभियान में अब तक अमरावती शहर के 34 तथा ग्रामीण इलाकों के 62 शिक्षक कोविड पॉजीटिव पाये गये हैं, जिनमें सरकारी व निजी शालाओं के शिक्षकों का समावेश है.
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विद्यार्थियों की उपस्थिति अत्यल्प
इस समय चहुंओर कोरोना का जिस तरह से संक्रमण फैल रहा है, उसे देखते हुए आम जनमानस में जबरदस्त भय की लहर देखी जा रही है. साथ ही पहले ही भय व चिंता के साए में रहनेवाले अभिभावक अब अपने बच्चों को स्कूल भेजने से घबरा रहे हैं. यही वजह है कि अब 5 वीं से 12 वीं की कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति बेहद अत्यल्प देखी जा रही है. ज्ञात रहे कि विगत नवंबर माह में 9 वीं से 12 वीं की कक्षाएं खुलने केे बाद धीरे-धीरे शालाओं में उपस्थिति का प्रमाण बढऩे लगा था, लेकिन 5 वीं से 8 वीं की कक्षाएं शुरू होने के साथ ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार में अचानक की तेजी आ गई, जिसकी वजह से अब कक्षाओं में उपस्थिति का प्रमाण फिर से घट गया है.