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विदर्भ से गुजरात चला गया बड़ा प्रकल्प

टाटा-एयरबस परियोजना

* राजनेताओं के आरोप-प्रत्यारोप
* उद्यमियों ने कहा- बड़ा झटका
नागपुर/दि.28- नागपुर के मिहान में प्रस्तावित टाटा-एयरबस का बड़ा प्रकल्प प्रदेश के हाथ से निकल गया. अब यह 22 हजार करोड़ की परियोजना गुजरात के वडोदरा में स्थापित होने की संभावना बताई जा रही है. विदर्भ के औद्योगिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रकल्प हाथ से चले जाने की भावना यहां के उद्योगजगत के जानकारों ने व्यक्त की, वहीं राजनेताओं में इस मुद्दे को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है. उद्योगमंत्री उदय सामंत ने दावा किया कि एयरबस प्रकल्प पिछले वर्ष सितंबर में ही नागपुर से छिटक गया था. वहीं राकांपा प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने यह कहते हुए शिंदे-फडणवीस सरकार पर हमला बोला कि सीएम और उपमुख्यमंत्री मूकदर्शक बने बैठे हैं. उधर शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने भी प्रकल्प के गुजरात चले जाने पर उद्योगमंत्री से इस्तीफा मांगा है.
* रक्षा सचिव द्वारा जानकारी
टाटा-एयरबस का प्रकल्प नागपुर के मिहान में स्थापित होना था. मगर रक्षा सचिव अजय कुमार की घोषणा के अनुसार अब सी 295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बनाने की जिम्मेदारी टाटा-एयरबस को दी गई है. यह विमान भारतीय वायुसेना के लिये बनाये जाएंगे. कंपनी ने वडोदरा स्थित प्लांट में इसका निर्माण करने की घोषणा की है. इस घोषणा से खासतौर पर विदर्भ के सपने चकनाचूर हो गए हैं. माना जा रहा था कि एयरबस प्रकल्प से न केवल नागपुर बल्कि पूरे विदर्भ में विकास के गति पकड़ने की संभावना थी. लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा. वेदांता-फॉक्सकॉन पश्चात महाराष्ट्र से गुजरात जाने वाला यह दूसरा प्रकल्प हो गया है. हालांकि विदर्भ डिफेन्स इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष दुष्यंत देशपांडे ने खुलासा किया कि वडोदरा में ढांचागत सुविधाओं को देखते हुए टाटा ने वहां प्रकल्प स्थापित करने का निर्णय किया है. देशपांडे ने यह भी कहा कि नागपुर में स्कील डेवलपमेंट सेंटर लाने की संभावना है.
* गडकरी ने किया था अनुरोध
टाटा-एयरबस परियोजना नागपुर मिहान में स्थापित करने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बड़ा आग्रह था. उन्होंने टाटा सन्स के अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखर को पत्र लिखा था. पत्र में नागपुर परिसर में टाटा समूह के विस्तार का बड़ा स्कोप रहने और इससे समूह को लाभ होने का भी उल्लेख था. गडकरी ने नागपुर को टाटा समूह का हब बनाने की विनती भी की थी. गडकरी के प्रकल्प हेतु पत्राचार और प्रयासों के बावजूद यह प्रकल्प गुजरात जाने पर तर्क वितर्क लगाये जा रहे हैं.
* सामंत का मांगा इस्तीफा
एक और प्रकल्प के गुजरात चले जाने से विपक्ष बिफर उठा है. शिंदे सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए आदित्य ठाकरे ने उद्योगमंत्री सामंत से त्यागपत्र की मांग की है. उधर राकांपा के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने भी सवाल उठाया कि क्या महाराष्ट्र के प्रकल्प गुजरात स्थानांतरित करने के लिए ही प्रदेश में खोके देकर सत्तांतर किया गया? इस बीच विदर्भ के उद्योग जगत के जानकार प्रदीप माहेश्वरी ने बड़ी परियोजना नागपुर के हाथ से निकल जाने पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकल्प आने पर यहां और भी उद्योगों को बढ़ावा मिल सकता था.

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