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पुलिस और सट्टा बुकियों के बीच चल रहा आंखमिचौली का खेल

  • सट्टा बुकी डाल-डाल, तो पुलिस चल रही पात-पात

  • गिरफ्तारी सत्र के बावजूद आयपीएल सट्टा थमा नहीं

  • धरे गये आरोपियों को भी मिल गयी जमानत

  • ‘अंडर स्ट्रीम‘ में सबका काम चल रहा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१३  – विगत दिनों अकोली रोड स्थित म्हाडा कालोनी के निकटविश्राम नगर में चल रहे आयपीएल क्रिकेट सट्टा अड्डे पर अमरावती शहर पुलिस द्वारा छापा मारकर चार लोगोें को गिरफ्तार किये जाते ही पूरे विदर्भ क्षेत्र में जबर्दस्त खलबली मच गयी और विदर्भ क्षेत्र के कई सट्टेबाजों और बुकियों ने अपने-अपने ठिकाने और मोबाईल व सीमकार्ड भी बदल डाले. बता दें कि, अमरावती शहर पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गये चारों आरोपियों को कल ही जमानत मिल गयी है और अब वे जेल से छूटकर बाहर आ गये है. लेकिन उनके पास से जो मोबाईल जब्त किये गये थे, वह अब भी क्राईम ब्रांच के पास है. और इन मोबाईल फोन के जरिये जिन ९० लोगोें से करीब ४५० बार बातचीत हुई थी, उसकी ऑडिओ रिकॉर्डिंग के साथ ही क्रिकेट सट्टे के लिए मोबाईल में इंस्टॉल किये गये सॉफ्टवेअर भी पुलिस के पास है. जिसकी पुलिस द्वारा बडी सघनता के साथ जांच की जा रही है. ऐसे में जिन-जिन सट्टेबाजों ने इन चार बुकियों से संपर्क किया था, अब उन सभी में जबर्दस्त हडकंप व्याप्त है और वे पुलिस जांच के दायरे में आने से बचने का प्रयास कर रहे है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जुआ या सट्टा खेलना कोई आजकल की बात नहीं है, बल्कि यह अलग-अलग दौर में अलग-अलग तरीके से खेला जाता रहा है. इसके तहत ताश के जरिये खेले जानेवाले रमी को जुए का सबसे पुराना खेल माना जाता है. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी जुआ मानने से इन्कार कर दिया है और इस समय तो रमी का खेल बाकायदा मोबाईल पर रमी एॅप के जरिये खेला जाता है. वहीं दूसरी ओर सट्टे के साथ ही वरलीमटका के जरिये भी बडे पैमाने पर विगत अनेक वर्षों से जुआ खेला जाता रहा है और अब इन दिनों क्रिकेट मैचों की हार-जीत के साथ ही हर गेंद, चौके-छक्के और हर विकेट पर दांव लगाये जाने शुरू हो गये है. इस आयपीएल सट्टे को जुए का नया संस्करण कहा जा सकता है. जहां पारंपारिक सट्टे या वरली मटका में पूरे व्यवहार की ‘कागदोपत्री लिखा-पढी‘ होती है, वहीं आयपीएल सट्टे के तहत होनेवाले व्यवहारों को दर्ज करने के लिए सॉफ्टवेअर विकसित कर लिये गये है. जो पुलिस के लिए आरोपियों के पकडे जाने पर सबूत का काम करते है. लेकिन हकीकत यह है कि, किसी भी तरह के सट्टे अथवा जुए में पकडे जाने के बाद आरोपी दो-चार दिन में जमानत प्राप्त कर पुलिस हिरासत से बाहर आ जाता है और एक बार फिर पहले की तरह अपने ‘काम-धंधे‘ पर लग जाता है. साथ ही जुए और सट्टे जैसे अपराध में होनेवाली सजा का प्रमाण भी काफी अत्यल्प होता है. इसकी वजह से कानून व पुलिस द्वारा लाख प्रयास किये जाने के बावजूद जुआ और सट्टा कभी बंद नहीं हो पाये.
ताजा मामले में भी अमरावती से पकडे गये चारों बुकियों को सोमवार की दोपहर स्थानीय अदालत से जमानत मिल गयी और उनकी निशानदेही पर नागपुर से जो दो अन्य आरोपी पकडकर लाये गये है, उन्हें भी दो-चार दिन में जमानत मिल जाने के पूरे आसार है. हालांकि अमरावती में पकडे गये चार आरोपियों का जो गॉडफादर यवतमाल में रह रहा है, उसकी तलाश करने हेतु यवतमाल पुलिस ने वहां के कई ठिकानों पर छापे मारे, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा. वहीं नागपुर पुलिस ने भी अपने कार्यक्षेत्र में अमरावती पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बाद हडबडाकर जागते हुए नागपुर के १३ बुकियों व सट्टेबाजों से सोमवार को रातभर पूछताछ की. इस समय समूचे विदर्भ क्षेत्र में पुलिस पूरी सतर्कता के साथ अपना काम कर रही है. लेकिन यदि पिछले चार दिनों के दौरान हुई आयपीएल मैचों को देखा जाये तो लगता है कि, अब भी आयपीएल सट्टे का काम नहीं रूका है.
बल्कि इस समय अमरावती सहित अकोला, यवतमाल व नागपुर के सभी बुकी और सट्टेबाज पुलिस द्वारा उठाये जानेवाले कदमों पर पैनी नजर रखते हुए पुलिस सतर्कता के साथ अपना काम कर रहे है. जिसके लिए सभी ने अपने सीमकार्ड और ठिकाने बदल लिये है, और कुछ ने तो कुछ दिनों के लिए अपना शहर ही बदल दिया है, लेकिन सभी अपना ‘काम-धंधा‘ बदस्तूर जारी रखे हुए है. जहां तक अमरावती शहर का मसला है, तो पिछले तीन दिनों में तीन-चार बडे बुकियों के अलावा अन्य १०-१५ बुकी ‘अंडरग्राउंड‘ हो गये है या फिर अपने ही घरों पर छिपकर बैठे है और बडे चूपचाप ढंग से सट्टे का काम कर रहे है. पुलिस द्वारा की जा रहीं जांच के समय जब चार आरोपियों के पास से जब्त किये गये मोबाईल का डेटा और कॉल की ऑडिओ रिकॉर्डिंग खंगाली गयी, तो कुछ ऐसे नाम भी सामने आये. जिन्हें सुनकर सहसा विश्वास नहीं होता कि, ऐसे लोग भी क्रिकेट सट्टे के साथ जुडे होंगे. बता दें कि, यूएई के तीन स्टेडियम पर आयपीएल के अब तक २६ मैच हो गये है और आज २७ वां मैच होने जा रहा है. इस मैच की हर एक गेंद और हर एक विकेट सहित हार-जीत पर लगनेवाले दांव पर पुलिस द्वारा बडे गहन तरीके से नजर रखी जायेगी. लेकिन अब सभी बुकी भी पूरी तरह से सतर्क हो गये है. अब बडी चालाकी के साथ अपना काम कर रहे है, ताकि वे पुलिस की पकड में न आ सके.

अमरावती पुलिस की कार्रवाई से खुली नागपुर पुलिस की नींद

  • सीपी अमितेशकुमार ने गंभीरता से लिया मामला
  • दस से बारह बडे बुकियों को उठाया गया

विगत दिनों अमरावती शहर पुलिस ने नागपुर जाकर क्रिकेट सट्टा मामले की जांच करते हुए वहां से दो बुकियों को गिरफ्तार किया था और उन्हें अमरावती लाया गया था. अमरावती पुलिस द्वारा क्रिकेट सट्टा मामले में नागपुर जाकर कार्रवाई करने और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर अमरावती ले जाने की खबर फैलते ही नागपुर शहर सहित वहां के पुलिस महकमे में हडकंप मच गया और पूरे मामले को नागपुर के शहर पुलिस आयुक्त अमितेशकुमार ने बेहद गंभीरता से लेते हुए नागपुर में क्रिकेट सट्टा चलानेवाले बुकियों और सट्टेबाजों के खिलाफ कडे कदम उठाने के निर्देश दिये है. जिसके बाद सोमवार की रात नागपुर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी के कार्यालय में आठ से दस बडे बुकियों को पकडकर लाया गया. उल्लेखनीय है कि, अमरावती शहर पुलिस ने खोलापुरी गेट परिसर में कार्रवाई करते हुए यवतमाल व अकोला के चार बुकियों को गिरफ्तार किया था. जिनके द्वारा दिये गये बयान के आधार पर नागपुर के जरिपटका परिसर में रहनेवाले सुमित शंकर नागवानी व रॉकी रमेशलाल अलवानी इन दो बुकियों को अमरावती पुलिस ने नागपुर जाकर गिरफ्तार किया था. अमरावती पुलिस द्वारा नागपुर में की गई इस कार्रवाई की खबर वहां की मीडिया के जरिये प्रकाशित और प्रसारित होते ही सबसे पहला सवाल यहीं उठा कि, सीपी अमितेश कुमार जैसे तेजतर्रार अफसर के रहते नागपुर से क्रिकेट सट्टे का कारोबार संचालित हो रहा है और उसकी खबर नागपुर पुलिस को कैसे नहीं है. जबकि इन्हीं अमितेशकुमार ने किसी समय नागपुर का डीसीपी रहते हुए मैच फ्निसींग के मामले का पर्दाफाश किया था. ऐसे में अब नागपुर के पुलिस आयुक्त अमितेशकुमार ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और उनके निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी के कार्यालय में सोमवार की रात आठ से दस बडे बुकियों को पकडकर लाया गया. जिनसे देर रात तक कडी पूछताछ की गई. इस संदर्भ में अनेकों बार प्रयास किये जाने के बावजूद नागपुर शहर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी.

देश के सबसे बडे बुकी को भी उठाया

यदि सूत्रों से मिली जानकारी पर यकिन किया जाये, तो पता चला है कि, नागपुर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के निर्देश पर बीती रात जिन १०-१२ बुकियों को पूछताछ के लिए उठाया गया है, उनमें एक ऐसा व्यक्ति भी शामिल है, जिसे नागपुर अथवा विदर्भ का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का सबसे बडा क्रिकेट सट्टा बुकी माना जाता है. इस व्यक्ति के साथ ही अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कार्यालय में पूरी रात पूछताछ की गई और इस व्यक्ति को पुलिस द्वारा पूछताछ हेतु उठा लिये जाने की वजह से क्रिकेट सट्टा व्यवसाय के क्षेत्र में काफी हद तक हडकंप व्याप्त है.

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