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जरासी बारिश ने डूबो दिया शहर को

सीमेंट सडकों व पेविंग ब्लॉक का दुष्परिणाम आया सामने

अमरावती/प्रतिनिधि दि.12 – विगत 48 घंटों के दौरान हुई झमाझम बारिश की वजह से शहर सहित जिले के कई इलाके जलमग्न होते दिखाई दिये और आम जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया. अकेले अमरावती शहर के राजकमल चौक, ऑटो गली व मोची गली जैसे प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में सडकों सहित दुकानोें के भीतर जलजमाव की स्थिति रही. ऐसे में हर कोई इस सोच में डूबा दिखाई दिया कि, इतनी कम बारिश के बावजूद हर तरफ घुटने जितना पानी कैसे जमा हो गया है, इस सवाल का बेहद सीधा और स्पष्ट जवाब यह है कि, इन दिनों अमरावती शहर सहित जिले के कई तहसीलस्तरीय शहरों में सिमेंट की सडकें बना दी गई है और सडकों के किनारे पेविंग ब्लॉक लगा दिये गये है. समूचे शहर में जमीन पर एक तरह से सिमेंट की चादर बिछा दी गई है. जिसकी वजह से बारिश का पानी जमीन में रिसकर भूगर्भ में जाने हेतु जगह उपलब्ध नहीं है. ऐसे मेें आसमान से बरसनेवाला पानी इसी सिमेंट की चादर पर जलजमाव के तौर पर इकठ्ठा हो जाता है. जिससे हल्की-फुल्की बारिश में भी बाढ सदृश्य हालात बन जाते है.

  • हर किसी को अपने मकान-दूकान के दरवाजे तक चाहिए पेविंग ब्लॉक

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जब से शहर में सिमेंट की सडकें बनाना शुरू किया गया और सडकों के दोनों ओर पेविंग ब्लॉक लगाने शुरू किये गये, तब से हर व्यक्ति चाहता है कि, उसके मकान अथवा दुकान के मुख्य दरवाजे पर सिमेंट की सडक बन जाये या पेविंग ब्लॉक लग जाये. लेकिन इस चक्कर में लोगबाग यह भूल गये कि, अगर कहीं पर भी कच्ची और खुली मिट्टी नहीं रहेगी, तो आसमान से गिरनेवाला पानी भूगर्भ में कैसे पहुंचेगा और अब इसी प्रवृत्ति की वजह से आसमान से बरसनेवाला पानी जलजमाव के रूप में तकलीफें पैदा कर रहा है.

  • भूमिगत गटर योजना का शुरू होना बेहद जरूरी

यहां यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती शहर में वर्ष 2004 के बाद से ही भूमिगत गटर योजना का काम शुरू किया गया था और अधिकांश रिहायशी व व्यापारी क्षेत्रों में इस योजना के तहत भूमिगत पाईप लाईन डाली जा चुकी है. किंतु अब तक इस योजना को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित नहीं किया गया है. यदि भूमिगत गटर की पाईपलाईन से जलनिकासी का काम शुरू कर दिया जाता है, तब, शायद अमरावती शहर को जलजमाव की समस्या से कुछ हद तक निजात मिल सके.

  • ग्रामीण इलाकों में भी बढ रहा सिमेंटीकरण

इन दिनों शहरी क्षेत्र की तरह ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुविधाओं के नाम पर सिमेंट की चकाचक सडके बनायी जा रही है. गत रोज दर्यापुर शहर एवं आसपास के ग्रामीण इलाकों में जलजमाव की जो स्थिति बनी, उसके लिए भी कहीं न कहीं सिमेंट की यही चादर जिम्मेदार है और शहरी क्षेत्र में आसमान से बरसा पानी इन्हीं सिमेंट की सडकों से होकर बहते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के खेत-खलिहानो में जा घुसा. जिससे काफी बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है.

  •  मोची गली व ऑटो गली बने तालाब

सोमवार की दोपहर में अचानक शुरू हुई झमाझम बारिश के तहत बडी मुश्किल एक घंटा ही आसमान से पानी बरसा, लेकिन इस अत्यल्प वर्षा ने ही मोची गली व ऑटो गली जैसे प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों तथा राजकमल जैसे शहर के मध्यस्थल को तालाब बना दिया. इन सभी इलाकों में सडक किनारे मौजूद दुकानों के भीतर भी बारिश का पानी जा घूसा और दुकानदारों सहित यहां पर आनेवाले ग्राहकों और परिसर से गुजरनेवाले आम नागरिकों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडा.

  • झडी लगने पर क्या होगा?

इस समय सबसे बडा सवाल यह है कि, महज आधे-पौन घंटे की बारिश ने जलजमाव की यह स्थिति है, तो अगर कहीं दो-तीन दिन तक लगातार बारिश की झडी लगती है और मूसलाधार बारिश होती है, तो शहर सहित जिले में सिमेंटीकरण की वजह से क्या हालत होगी? ऐसे में लगातार होते सिमेंटीकरण पर दोबारा विचार किये जाने की जरूरत है.

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