जिले में करीब तीन हजार लोगों को मिला कोविड बीमा पॉलिसियों का क्लेम
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6 हजार से अधिक लोगों की ओर से आये थे क्लेम
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शेष क्लेम की चल रही पडताल
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ढाई लाख से अधिक लोगों ने खरीदी थी कोविड बीमा पॉलीसी
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सरकारी व निजी सहित 29 बीमा कंपनिया थी मैदान में
अमरावती/प्रतिनिधि दि.1 – जिले में गत वर्ष कोविड संक्रमण की महामारी फैलने के साथ ही सरकारी एवं निजी जीवन बीमा व सामान्य बीमा कंपनियों द्वारा भारतीय बीमा नियामक आयोग के दिशानिर्देश पर लोगों को कोविड संक्रमित होने की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा कवच देने हेतु बीमा पॉलिसियां शुरू की गई. जिसके तहत प्रमुख रूप से कोरोना रक्षक व कोरोना कवच नामक दो पॉलिसियां सरकारी सहित कुल 29 निजी बीमा कंपनियों द्वारा बेची गयी. एक अनुमान के मुताबिक बीते एक वर्ष के दौरान इन बीमा कंपनियों द्वारा अमरावती जिले में करीब ढाई लाख लोगों को बीमा पॉलिसिया बेची गयी. जिसमें से लगभग 6 हजार से अधिक लोगों द्वारा कोविड संक्रमित होने के बाद बीमा पॉलीसी का लाभ पाने हेतु क्लेम किया गया. जिसमें से अब तक करीब 3 हजार लोगोें को उनकी बीमा राशि का क्लेम अदा किया जा चुका है. वहीं अन्य क्लेम को लेकर संबंधित बीमा कंपनियों द्वारा कडी जांच पडताल की जा रही है.
बता दें कि, कोविड संक्रमित होने की स्थिति में लोगों को आर्थिक सुरक्षा देने हेतु आयआरडीए के निर्देश पर दो तरह की बीमा पॉलीसी शुरू की गई थी. जिसमें से कोरोना रक्षक नामक पॉलीसी बेनीफीट पॉलीसी की कैटेगिरी में थी. जिसमें जितने रूपये का बीमा कराया जाता है. बीमाधारक व्यक्ति के कोविड संक्रमित होने और आवश्यक दस्तावेज पेश करने के बाद उसे पूरी बीमा राशि का लाभ प्रदान किया जाता है. इस बीमा पॉलीसी में बीमा राशि का लाभ लेने हेतु बीमाधारक को आरटीपीसीआर रिपोर्ट, कम से कम 72 घंटे अस्पताल में भरती रहने का प्रमाणपत्र तथा आयपीडी केस पेपर अपनी बीमा कंपनी के पास पेश करना होता है. जिसके आधार पर उसके क्लेम को मंजूरी दी जाती है और पॉलीसी खत्म हो जाती है. इसमें सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि, यदि संबंधित बीमा धारक व्यक्ति द्वारा कोई अन्य मेडिक्लेम पॉलीसी पहले से ली हुई है, तो उसे मेडिक्लेम पॉलीसी के साथ-साथ कोरोना रक्षक पॉलीसी का भी लाभ मिलेगा. इसमें सबसे बडी सुविधा यह दी गई है कि, यदि संबंधित व्यक्ति द्वारा इलाज से संबंधित अपने ओरिजनल डाक्युमेंट मेडिक्लेम पॉलीसी के लिए लगाये जाते है और कोरोना रक्षक पॉलीसी के क्लेम हेतु डाक्युमेंटस् की झेरॉक्स कॉपी दी जाती है, तो इन झेरॉक्स डॉक्युमेंटस् के आधार पर भी उसे बीमा क्लेम प्रदान किया जायेगा. कोरोना रक्षक पॉलीसी 50 हजार से 2.50 लाख रूपये तक के बीमा लाभ हेतु निकाली जा सकती थी. जिसमें 18 से 25 वर्ष आयु गुटवाले व्यक्ति के लिए 2.50 लाख की पॉलीसी हेतु मात्र 1800 रूपये का वन टाईम प्रीमियम अदा करना होता था.
वहीं इसके अलावा कोरोना कवच के नाम से इंडेमनिटी पॉलीसी भी उपलब्ध करायी गयी थी. जहां कोरोना रक्षक व्यक्तिगत तौर पर ली जानेवाली पॉलीसी थी. वहीं कोरोना कवच में पूरे परिवार की आर्थिक सुरक्षा को कवर किया जाता था. इसके अलावा एक फर्क यह भी है कि, जहां कोरोना रक्षक में बीमा धारक को पूरी बीमा राशि का एकमुश्त लाभ दिया जाता था, वहीं कोरोना कवच के तहत पॉलीसी कवर में रहनेवाले परिवार के किसी व्यक्ति के कोविड संक्रमित होने के बाद उसके इलाज में जितना पैसा खर्च किया गया, उतनी रकम का क्लेम अदा किया जाता था. इस हेतु संबंधित व्यक्ति को दवाई के बिल, अस्पताल के बिल तथा पैथोलॉजी रिपोर्ट के साथ ही पैथोलॉजी के बिल अदा करने होते थे. परिवार के किसी एक व्यक्ति के कोविड संक्रमित होने और बीमा लाभ हासिल करने के बाद भी अन्य व्यक्तियों के लिए यह पॉलीसी शुरू रहती थी. यह पॉलीसी 50 हजार से 5 लाख रूपये तक के बीमा लाभ हेतु निकाली जा सकती थी. जिसमें 5 लाख रूपयों की पॉलीसी हेतु प्रति परिवार करीब 4 हजार रूपये का प्रीमियम अदा करना होता था.
जानकारी के मुताबिक आईआरडीए के निर्देश पर न्यु इंडिया इंशोरन्स, ओरिएंटल इंशोरन्स, युनायटेड इंशोरन्स जैसी सरकारी नियंत्रणवाली बीमा कंपनियों के साथ ही इफ्को टोकियो, स्टार इंशोरन्स, टाटा एआईजी व फ्युचर जनरली जैसी निजी बीमा कंपनियों ने कोरोना रक्षक व कोरोना कवच बीमा पॉलीसी का बडे पैमाने पर व्यवसाय किया. एक अनुमान के मुताबिक जिले में करीब 2.50 लाख लोगों द्वारा कोविड बीमा पॉलिसियां खरीदी गई. जिसमें ओरिएंटल इंशोरन्स द्वारा 10 हजार व इफ्को टोकियो कंपनी द्वारा करीब 6 हजार पॉलिसियां बेची गयी. इसमें से सर्वाधिक 600 क्लेम इफ्को टोकियो कंपनी के पास पहुंचे. जिसमें से अब तक लगभग 300 लोगों के बीमा क्लेम मंजूर करते हुए संबंधितों को बीमा राशि का लाभ दिया जा चुका है. वहीं शेष पॉलिसियों का क्लेम मंजूर करने से पहले उनकी आवश्यक पडताल की जा रही है. वहीं एक अनुमान के मुताबिक समूचे जिले में अलग-अलग कंपनियों के पास लगभग 6 हजार बीमा धारकों द्वारा बीमा राशि के लाभ हेतु क्लेम किया गया है. इसमें से करीब 3 हजार लोगों को उनका क्लेम मिल चुका है और अन्य लोगों के क्लेम इस समय पडताले जा रहे है.
उल्लेखनीय है कि, कोरोना रक्षक नामक पॉलीसी की ही जिले में सर्वाधिक बिक्री हुई है, क्योंकि इसमें प्रीमियम बेहद कम था और केवल 3 तरह के दस्तावेज प्रस्तुत करने पर पूरी बीमा राशि का लाभ मिलना था. ऐसे में अधिकांश लोगों ने कोरोना रक्षक पॉलीसी को ही खरीदने में रूचि दिखाई थी. हालांकि बाद में इसी पॉलीसी को लेकर काफी हद तक हंगामा मचा था. जिसके बाद जिलाधीश ने सभी बीमा कंपनियों से कोरोना रक्षक व कोरोना कवच पॉलीसी खरीदनेवाले लोगों की सुची सहित अब तक इन पॉलीसियों के तहत बीमा लाभ ले चुके लोगोें की सुची भी मंगवायी थी. जिनकी जिला प्रशासन द्वारा भी आवश्यक जांच पडताल जारी है. वहीं यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस समय किसी भी बीमा कंपनी द्वारा कोविड बीमा पॉलीसी नहीं बेची जा रही और विगत दिसंबर माह के अंत तक सभी बीमा कंपनियों ने कोविड बीमा पॉलीसी बेचना बंद कर दिया था.