खामगांव/दि.12 – बेटे की दुर्घटना में मौत न होकर उसके साथ घातपात होने की पिता की शिकायत की अनदेखी करने वाले लोणार के थानेदार प्रदीप खंडू ठाकुर और हेड कॉन्स्टेबल गजानन धोंडगे को राज्य मानवाधिकार आयोग ने कसूरवार माना है. दोनों को 2 लाख रुपए का जुर्माना करने के साथ उनकी खाता अर्थात विभाग अंतर्गत जांच के भी आदेश आयोग के अध्यक्ष के. के. तातेड ने दिये है. गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सहित बुलढाणा एसपी को आदेश का पालन करने कहा गया है. आयोग के सचिव रवींद्र शिसवे का गत 10 नवंबर को पत्र जारी होने की जानकारी दी है. खबर है कि, कार्रवाई की रिपोर्ट भी शिसवे ने तलब की है.
* 5 मार्च को शिकायत
लोणार तहसील के चिंचोली सांगले निवासी अभिमन्यु श्रीराम जाधव ने गत 5 मार्च को शिकायत दी थी कि, उनके 22 वर्ष के बेटे पवन की मृत्यु दुर्घटना न होकर घातपात से हुई है. शिकायत में कहा गया था कि, घटना के दिन अर्थात 1 मार्च को पवन गांव के ही मुकेश पांडुरंग जाधव के साथ बाहर गया था. कुंडलस का दत्ता नामदेव डफाडे भी उनके साथ था. 2 मार्च को पवन की मृत्यु की खबर दी गई. ऐसे में जब शिकायतकर्ता अभिमन्यु जाधव ने उनसे पूछा, तो दोनों दत्ता और मुकेश जवाब नहीं दे सके थे. जाधव ने जांच की मांग की थी.
* कोर्ट के आदेश पर अपराध दर्ज
अभिमन्यु जाधव ने अपनी बेटे की मौत के विषय में आगे कार्रवाई न होने पर प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की अदालत में याचिका दायर की. उसी प्रकार मानवाधिकार आयोग को भी शिकायत दी. एड. अशोक राउत ने उनका पक्ष मजबूती से प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी के सामने रखा. पुलिस की लापरवाही अदालत की ध्यान में ला दी. कोर्ट ने धारा 156 अंतर्गत जांच कर अपराध दर्ज करने का आदेश दिया. पुलिस ने गत 25 जून को पवन जाधव की मौत में हत्या का अपराध दर्ज किया.
* एसडीओ की जांच रिपोर्ट
इस मामले में मानवाधिकार आयोग के पास शुरु सुनाई दौरान मेहकर के उपविभागीय पुलिस अधिकारी विलास यामावार ने जांच अहवाल प्रस्तुत किया. इस रिपोर्ट में लोणार के थानेदार ठाकुर और हेड कॉन्स्टेबल को कर्तव्य में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष ने हुक्म दिया.