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बेसिरपैर के आरोप लगाना राणा दम्पत्ति की फितरत

  •  शिवसेना के महानगर प्रमुख पराग गुडधे का कथन

  •  सांसद राणा से आरोपों की नौटंकी के बदले जिले के विकास पर ध्यान देने कहा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.23 – जिले की सांसद नवनीत राणा की कास्ट व्हैलेडीटी मामले का फैसला बहुत जल्द आनेवाला है. ऐसे में वे अपनी सांसदी बचाने और भाजपा की सहानुभूति पाने के लिए बेवजह की नौटंकी कर रही है. साथ ही देश की सर्वोच्च संवैधानिक संस्था संसद में खडे रहकर अमरावती जिले के विकास पर बात करने की बजाय आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रही है. जिसके तहत उन्होंने सांसद अरविंद सावंत जैसे शिवसेना के बडे नेता पर झूठा आरोप लगाया है, ताकि उन्हें समूचे देश में प्रसिध्दी मिल सके. इस आशय का प्रतिपादन शिवसेना के महानगर प्रमुख पराग गुडधे ने किया है.
पराग गुडधे के मुताबिक सांसद नवनीत राणा तथा उनके पति व विधायक रवि राणा की फितरत ही बेवजह के आरोप लगाने की रही है और वे अब तक कई लोगों के खिलाफ एट्रोसिटी के फर्जी मामले भी दर्ज करा चुके है. जबकि खुद उनका एट्रोसिटी से कोई लेना-देना नहीं है. क्योंकि वे एससी या एसटी प्रवर्ग से वास्ता नहीं रखते, बल्कि आरक्षित सीट से चुनाव लडने हेतु उन्होंने फर्जी जाति प्रमाणपत्र पेश किया था. जिसे लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है और बहुत जल्द इस मामले में दूध का दूध व पानी का पानी हो जायेगा. सांसद नवनीत राणा द्वारा शिवसेना को लेकर लगाये गये आरोपों के संदर्भ में पराग गुडधे ने कहा कि, शिवसेना प्रमुख स्व. बालासाहब ठाकरे का सच्चा शिवसैनिक कभी किसी महिला पर तेजाब फेंकने या उसे किसी भी तरह की धमकी देने का काम नहीं कर सकता. ऐसे में सांसद नवनीत राणा को चाहिए कि, वे भाजपा और मीडिया की नजरों में उंचा उठने के लिए इस तरह की नौटंकी करने की बजाय संसद में अमरावती जिले के किसानों, युवाओं व बेरोजगारों के हक की आवाज उठाये, क्योंकि जिले की जनता ने उन्हें इसी काम के लिए सांसद चुना है.

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