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बोगस पीआर कार्ड मामले में बढ सकते है आरोपी

 आर्थिक अपराध शाखा कर रही मामले की जांच

अमरावती/प्रतिनिधि दि.12 – शहर में बेहद संभ्रांत व आलिशान माने जाते कैम्प परिसर में करोडों रूपयों के मूल्यवाले 7 हजार 98 वर्ग फुट भूखंड का बोगस पीआरकार्ड तैयार कर उसकी ‘परभारे’ बिक्री किये जाने की बात चार दिन पहले सामने आयी थी. इस मामले को लेकर गाडगेनगर पुलिस में भुमि अभिलेख कार्यालय के दो लिपीकों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था. वहीं अब इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही है. जिसमें पता चला है कि, इस मामले में इन कनिष्ठ लिपीकों सहित अन्य कुछ आरोपियों के नाम भी सामने आ सकते है.
बता दें कि, भुमि अभिलेख कार्यालय में कार्यरत दो कनिष्ठ लिपीकों स्वप्नील उंबरकर व योगेश शिरभाते के खिलाफ बोगस पीआर कार्ड बनाने के मामले को लेकर खुद भुमि अभिलेख कार्यालय के उपअधीक्षक द्वारा शिकायत दर्ज करायी गयी थी. जिसके आधार पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ अपराध दर्ज किया था. वहीं इस मामले की व्यापकता को देखते हुए इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई है. जिसके चलते आर्थिक अपराध शाखा द्वारा इस मामले के विभिन्न पहलुओं को जांचने के साथ ही इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि, इन दोनों लिपीकोें ने खुद ही यह पीआर कार्ड तैयार किया, या फिर इसके पीछे कार्यालय अथवा किसी बाहर के व्यक्ति का कोई सहभाग है. साथ ही इस बात की भी जांच की जा रही है कि, इस भूखंड का बोगस पीआर कार्ड बनाने हेतु दोनों लिपीकों ने फर्जी दस्तावेज कहां से लाये.
ज्ञात रहे कि यह भूखंड शहर के जिस परिसर में स्थित है, वहां इस समय बाजारमूल्य के मुताबिक जमीन के दाम सात से आठ हजार प्रति चौरस फुट है. ऐसे में इस महंगे भूखंड का फर्जी पीआर कार्ड तैयार करने के रैकेट में कौन-कौन लोग शामिल है. इसकी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है. इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा से वास्ता रखनेवाले प्रकाश विठोबा ठाकरे की भी जांच की जायेगी, क्योंकि ठाकरे के नाम पर ही बोगस पीआर कार्ड तैयार करते हुए इस भूखंड को परस्पर बेचा गया. जिसकी वजह से भूखंड खरीदनेवाले व्यक्ति के साथ इस व्यवहार में काफी बडी जालसाजी व धोखाधडी हुई है.

इस मामले में बेहद गहराई के साथ जांच जारी है. साथ ही नामजद किये गये दो लिपीकों के अलावा इस मामले में और कौन-कौन शामिल है, इसकी पडताल की जा रही है.
शिवाजी बचाटे
पुलिस निरीक्षक, आर्थिक अपराध शाखा

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