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अचलपुर मंडी सहसचिव मंगेश भेटालू फरार

  •  अपराध दर्ज होते ही भुमिगत

  •  पदभरती घोटाले में है नामजद

अचलपुर/प्रतिनिधि दि. २५ – अचलपुर फसल मंडी में उजागर हुए कर्मचारी पद भरती घोटाला मामले में परतवाडा पुलिस ने विगत सोमवार को मंडी के सहायक सचिव मंगेश भेटालू सहित मंडी में चपरासी के तौर पर कार्यरत एक महिला व एक पुरूष के खिलाफ अपराध दर्ज किया है. किंतु मामला दर्ज होने से पहले ही सहसचिव मंगेश भेटालू सहित अन्य दो आरोपी फरार हो गये. जिनकी पुलिस द्वारा सरगर्मी से तलाश की जा रही है.
उल्लेखनीय है कि, अचलपुर फसल मंडी में करोडों रूपयों के अनाज का व्यवहार होता है. जिससे फसल मंडी को बडे पैमाने पर सेस की प्राप्ती होती है. यहां पर चलनेवाले कामकाज के लिए विभिन्न पदों को मंजूरी दी गई है. जिस पर कर्मचारियों की नियुक्ती करने हेतु समय-समय पर पद भरती प्रक्रिया चलायी जाती है. इसी के तहत विगत दिनों यहां पर विभिन्न पदों के लिए पदभरती प्रक्रिया चलायी गयी. जिसमें बडे पैमाने पर गडबडियां करते हुए नियमबाह्य तरीके से कुछ लोगों को नियुक्त किया गया. यह बात जांच के दौरान उजागर होते ही फसल मंडी सभापति अजय टवलारकर व सचिव पवन सारवे ने विगत 17 दिसंबर को परतवाडा पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी. यह बात पता चलते ही इस पदभरती घोटाले में शामिल आरोपी तुरंत फरार हो गये.

‘एकछत्री राज’ पर लगेगा अंकुश !

ज्ञात रहें कि, विगत अनेक वर्षों से अचलपुर फसल मंडी का पूरा आर्थिक व्यवहार सहसचिव मंगेश भेटालू द्वारा ही संभाला जा रहा था. किसी समय रोजंदारी कर्मचारी के तौर पर कंप्यूटर क्लर्क के रूप में फसल मंडी की सेवा में आये मंगेश भेटालु ने देखते ही देखते सहायक सचिव पद तक अपना सफर पूर्ण किया. जिसकी चर्चा विगत अनेक दिनों से कृषि एवं सहकार क्षेत्र में चल रही थी. साथ ही अब पद भरती घोटाले में नाम आने के बाद सभी संबंधितों द्वारा मंगेश भेटालू द्वारा अर्जीत की गई संपत्ति की भी जांच करने की मांग की जा रही है.

संचालकों में खलबली, मंडी में सन्नाटा

गत वर्ष हुई कर्मचारी पद भरती के लिए संचालक मंडल ने पुणे की एक कंपनी को ठेका दिया था. जिसमें सहायक सचिव मंगेश भेटालू ने आवेदन की अंतिम तिथि के बाद मंडी में कार्यरत चपरासी की बहन का परीक्षा शुल्क भरवाया था. साथ ही उसे पद भरती में शामिल करते हुए नियुक्ती भी दी थी. ऐसे में इस पूरे मामले में सहायक सचिव मंगेश भेटालू के साथ और कौन संचालक शामिल है, इसकी जांच करना बेहद जरूरी है. जिस पर पुलिस द्वारा ध्यान दिया जा रहा है. जिसकी वजह से संचालकों में जबर्दस्त खलबली व्याप्त है. वहीं फसल मंडी में इस मामले को लेकर निरव शांतता देखी जा रही है.

1255 आवेदकोें ने दी थी परीक्षा

अचलपुर फसल मंडी में पदभरती के लिए 18 अगस्त 2019 को अमरावती स्थित दो परीक्षा केंद्रों पर ऑनलाईन स्पर्धा परीक्षा ली गयी थी. जहां पर निरीक्षण हेतु अचलपुर बाजार समिती की सेवक उपसमिती के आदेशानुसार सहायक सचिव व लेखापाल पहुंचे थे. इस भरती प्रक्रिया में 1 हजार 775 प्रत्याशी पात्र ठहराये गये थे. जिसमें से 1 हजार 255 आवेदकों ने परीक्षा दी थी, वहीं 520 आवेदक अनुपस्थित थे. इस भरती प्रक्रिया में 30 जुलाई 2019 तक कुल 5 हजार 549 उम्मीदवारों ने अपने ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत किये थे. जिनकी सूची बाजार समिती सचिव के पास 1 अगस्त तक प्रस्तुत की गई थी. वहीं पात्र व अपात्र उम्मीदवारों की सुची बाजार समिती की वेबसाईट पर 8 अगस्त 2019 को प्रकाशित की गई थी.

गलत प्रक्रिया का किया अवलंब

तत्कालीन प्रभारी जिला उपनिबंधक राजेंद्र पालेकर ने अचलपुर कृषि उत्पन्न बाजार समिती के नाम 31 अक्तूबर 2019 को लिखे पत्र में साफ किया था कि, चपरासी पद पर नियुक्त की गई लता बाजपेयी की नियुक्ती को लेकर केएनके टेक्नालॉजी प्रा. लि. (पुणे) नामक कंपनी द्वारा गलत प्रक्रिया अमल में लायी गयी है. अत: लता बाजपेयी की नियुक्ती को रद्द किया जाये. किंतु पालेकर का पत्र मिलने के बावजूद बाजार समितीने इस नियुक्ति को रद्द नहीं किया, यहीं बात बाजार समिती पर भारी पड गयी. क्योंकि यदि बाजार समिती ने पालेकर के पत्र के आधार पर इस नियुक्ति को रद्द किया होता, तो आज बाजार समिती को पुलिस जांच का सामना नहीं करना पडता. साथ ही सहकार क्षेत्र में अचलपुर फसल मंडी की किरकिरी भी नहीं होती.

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