रिमोट कंट्रोल से बिजली चुराने वाले 93 चोरों पर कार्रवाई
महावितरण ने टोली का किया पर्दाफाश, 43 लाख का जुर्माना वसुला
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७ – बिजली तारों पर हुक डालकर बिजली की चोरी करने, मीटर में छेड़छाड़ कर मीटर की गति कम करने के अलावा रिमोट कंट्रोल से बिजली की चोरी करने का नया फंडा अपनाने वाले बिजली चोरों पर महावितरण विभाग की ओर से कार्रवाई करना शुरु किया है. महावितरण शहर विभाग की ओर से रिमोट कंट्रोल सेट कर बिजली चुराने वालों पर 43 लाख रुपए का जुर्माना वसुलने से अन्य बिजली चोरों में सनसनी मची है.
यहां बता दें कि शहर में मीटर की गति धीमी करने वालों के अलावा मीटर में रिमोट कंट्रोल किट बिठाने वाली टोली सक्रिय होने से शहर में बिजली चोरी का प्रमाण बढ़ गया है. महावितरण की ओर से बिजली की चोरी पकड़ने के लिए मुख्य अभियंता सुचित्रा गुजर के मार्गदर्शन में और अधीक्षक अभियंता दिलीप खानदे के नेतृत्व में विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत 93 बिजली चोरों व्दारा 2 लाख 32 हजार 500 युनिट बिजली चोरी करने की बात सामने आयी है. जिसके बाद इन बिजली चोरों पर 43 लाख रुपए की दंडात्मक कार्रवाई की गई है. वहीं उनसे 39.89 लाख रुपए जुर्माना वसुला है. महावितरण के इस विशेष अभियान में रिमोट कंट्रोल के अलावा मीटर की गति धीमी करने वाली टोली पकड़ने जाल बिछाया जा रहा है. वहीं उनके खिलाफ सीधे कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बिजली चोरी जुर्माने की रकम का भुगतान नहीं करने वाले ग्राहकों पर कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया भी महावितरण ने शुरु की है. इसके अलावा बिजली चोरी की दंडात्मक रकम का भुगतान नहीं करने वाले ग्राहकों की बिजली आपूर्ति हमेशा के लिए खंडित की जाएगी. कार्रवाई किये गये 93 बिजली चोरों में से 24 बिजली चोर शहर उपविभाग-1, 47 बिजली चोर उपविभाग -2 और 22 बिजली चोर उपविभाग-3 के है. सरेआम बिजली चोरी करने वाले इन ग्राहकों के बिजली मीटर जांचने पर बिजली चोरी का मामला सामने आया है. मीटर में रिमोट किट फीट कर दूर से ही मीटर बंद करने, मीटर में चीप बिठाकर मीटर धीमा करने, मीटर के पीछे होल कर मीटर में रेजिस्टंट तैयार करने के अलावा मीटर बायपास कर बिजली आपूर्ति लेने का मामला सामने आया है. 93 में से 10 ग्राहक रिमोट के जरिए बिजली चुराते पाये गये है. इसके अलावा तीन ग्राहक सीधे बिजली तारों पर हुक डालकर बिजली चोरी करते पाये गये. कार्यकारी अभियंता आनंद काटकर के नेतृत्व में और शहर के तीनों उपविभाग के अतिरिक्त कार्यकारी अभियंता प्रदीप अंधारे, संजय कुटे और संजय गिरी के प्रयासों से यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है.