शौचालय घोटाला मामले में अतिरिक्त एफआईआर दर्ज होगी
निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने आमसभा को किया आश्वस्त
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२१ – गत रोज अमरावती मनपा की आमसभा में शौचालय घोटाला मामला जमकर गूंजा और इस मामले को लेकर पार्षदों ने मनपा प्रशासन को घेरते हुए जानना चाहा कि, जिन ७ लोगों के बैंक खातों में मनपा के तिजोरी से ढाई करोड रूपये की निधी ट्रान्सफर की गई, उन सात लोगों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई. साथ ही जिस ठेका कंपनी के कर्मचारियों द्वारा मनपा अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर व मूहर लगाकर फर्जीवाडा करने का प्रयास किया गया, अब तक उस कंपनी के खिलाफ भी कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया. इसके अलावा जिन अधिकारियों की लापरवाही व मिलीभगत से यह घोटाला अंजाम दिया गया, अब तक उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई या शिकायत क्यों नहीं की गई. ऐसे ही अन्य तमाम सवालों से कल की आमसभा पूरा समय गूंजती रही. जिसके चलते निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने बताया कि, इस शौचालय घोटाला मामले में मनपा द्वारा अपने स्तर पर भी जांच की जा रही है और जांच की रिपोर्ट के आधार पर बहुत जल्द अतिरिक्त एफआईआर दर्ज की जायेगी.
बता दें कि, जून माह के अंतिम सप्ताह में यह शौचालय घोटाला उजागर हुआ था और तब से यह मामला लगातार सूर्खियों में बना हुआ है. इस मामले में मनपा द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने मनपा के बडनेरा झोन में कार्यरत डेटा एंट्री ऑपरेटर संदीप राईकवार व लेखा विभाग के लिपीक अनुप सारवान को हिरासत में लिया था. जिनसे की गई पूछताछ में योगेश कावरे नामक व्यक्ति का नाम सामने आया था. आर्थिक अपराध शाखा पुलिस द्वारा की जा रही जांच के संदर्भ में मनपा पार्षदों ने कहा कि, पुलिस की जांच केवल फर्जी बिलों की फाईल पेश करते हुए मनपा के साथ फर्जीवाडा करने के प्रयास को लेकर है, लेकिन इससे पहले जिस तरह से आपसी मिलीभगत करते हुए शौचालय निर्माण को लेकर सात लोगों के बैंक खातों में रकम ट्रान्सफर की गई है, उसमें अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मनपा प्रशासन ने अपहार का पता चल जाने के बावजूद उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, यह अपने आप में सबसे बडा सवाल है. इसी विषय को लेकर सदन में उपस्थित विपक्षी गुटनेताओं ने काफी देर तक हंगामा मचाये रखा. जिस पर प्रशासन की ओर से कहा गया कि, पूरे मामले की बेहद सघनतापूर्वक जांच की जा रही है और जिन-जिन लोगोें पर संदेह है, उन्हें विभागांतर्गत जांच के दायरे में लिया गया है तथा दोषी पाये जानेवालों के खिलाफ जल्द ही इस मामले में अतिरिक्त एफआईआर दर्ज करवायी जायेगी.
इस बैठक में मनपा के सभी स्वास्थ्य सेवकोें को समान वेतन देने पर भी चर्चा हुई. जिसके तहत कहा गया कि, इस समय कोई भी व्यक्ति अपनी जान की जोखिम लेने हेतु तैयार नहीं है और मनपा को विज्ञापन जारी करते हुए स्वच्छता एवं स्वास्थ्य कर्मियों को ठेके पर नियुक्त करना पड रहा है. ऐसे में जो लोग कोरोना काल के दौरान अच्छा काम कर रहे है, उन्हें बेहतरीन वेतन देते हुए उनका सम्मान किया जाना चाहिए. जिस पर प्रशासन की ओर से बताया गया कि, स्वास्थ्य सेवकों को समान वेतन देने हेतु निधि का प्रावधान कर लिया गया है.
इसके अलावा गणेशोत्सव पर्व के मद्देनजर सभागृह में इस बात को लेकर भी चर्चा की गई. पीओपी से निर्मित मूर्तियों के लिए प्रशासन द्वारा मूर्ति विक्रेताओं पर कार्रवाई करने की जल्दबाजी न की जाये. इस काम के लिए पहले सभी मूर्ति विक्रेताओं को नोटीस जारी की जाये और अगले वर्ष से कार्रवाई करना शुरू किया जाये, ताकि पहले से आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे मूर्ति विक्रेताओें को कुछ राहत मिले. जिस पर प्रशासन की ओर से कहा गया कि, इस वर्ष पीओपी निर्मित गणेश प्रतिमाओं को लेकर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी. इसके साथ ही इस आमसभा में भूखंड वितरण से संबंधित ७-८ प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई. जिस पर सदस्यों का कहना रहा कि, संस्थाओं को जिस उद्देश्य के लिए भूखंड दिये जाते है, उन उद्देशों की पूर्ति हो रही है अथवा नहीं, इसकी भी जांच की जानी चाहिये.
जिसके लिए भूखंड वितरण नीति में संशोधन करने की भी जरूरत है. इसके अलावा मनपा में विगत लंबे समय से पदोन्नति नहीं होने के चलते कई वरिष्ठ पद रिक्त पडे है. साथ ही मनपा में लंबे समय से पद भरती ही नहीं हुई. ऐसे में यहां के कई विभागों में मनुष्यबल की कमी देखी जा रही है और इसका असर प्रशासनिक कामकाज पर हो रहा है. ऐसे में मनपा में पदभरती व पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू किये जाने की जरूरत है.