मनपा कर्मचारी की आत्महत्या करने के प्रयास के बाद जागा प्रशासन
मनपा कर्मचारियों के मई और जून का वेतन खाते में जमा
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अब भी पांच कर्मचारियों के वेतन की फाइल अकाउंट सेक्शन में अटकी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.2 – अमरावती मनपा के अतिक्रमण विभाग में कार्यरत कर्मचारी व्दारा रविवार को मनपा के जोन क्रमांक 3 हमालपुरा में आत्महत्या की कोशिश की गई. फिलहाल कर्मचारी दिनेश ढवले की हालत चिंताजनक बताई जा रही है. वहीं सोमवार को इस घटना के बाद अतिक्रमण विभाग के कर्मचारियों ने मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे से मुलाकात की और बकाया वेतन का भुगतान करने की बात उठाई. उसके बाद आयुक्त ने तत्काल सभी कर्मचारियों के वेतन देने के निर्देश दिये. जिसके बाद बीते मई और जून माह का वेतन 1 घंटे के भीतर ही कर्मचारियों के खाते में जमा किया गया है. हालांकि पांच कर्मचारी अब भी ऐसे है, जिनके अप्रैल, मई, जून और जुलाई के वेतन की फाइल अकाउंट सेक्शन में अटकी पडी हुई हेै. यही नहीं तो आत्महत्या की कोशिश करने वाले दिनेश ढवले के वेतन की भी फाइल पेंडिंग में है.
यहां बता दे कि मनपा अंतर्गत आने वाले अतिक्रमण विभाग के कर्मचारी दिनेश ढवले ने रविवार की रात बीते तीन माह से वेतन नहीं मिलने के चलते आत्महत्या करने की कोशिश की. पता चला है कि मनपा के लेखा परिषद विभाग के अधिकारी व्दारा जानबूझकर अतिक्रमण विभाग के कर्मचारियों का वेतन रोकने के चलते उसने यह कदम उठाया है. फिलहाल दिनेश ढवले का इर्विन अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं उसकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है. मनपा कर्मचारी व्दारा आत्महत्या का प्रयास करने के बाद प्रशासन भी हडबडी में जाग गया हेै. वहीं आज सोमवार को अतिक्रमण विभाग के कर्मचारियों का दल मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे से मिला. इस समय उन्होंने बकाया वेतन का भुगतान करने की मांग की. इस संबंध में बता दे कि राजेश गव्हाणे, सुरेंद्र वानखडे, मिथुन वनवे, पुुंडलिक बायस्कर, वासुदेव काठोले, मो.जामीर मो.फकिर, दिनेश ढवले, मजहब हुसैन, मोहित साहू, अब्दुल सलमान, बबलू यादव, हेमंत जयस्वाल, राजू मसराम, अमित मानक, राजेंद्र चौधरी, कोमलसिंग आडे, मनीष काकडे, आदेश अढाउ, मो.जावेद सलीम शेख, गोलू पाल, गजानन चांगोले, सागर तोराम, गजानन राठोड, सुनील यादव, गणेश जाधव आदि कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर उन्हें ठेकेदारी पध्दति से नियुक्तियां दी गई थी, लेकिन न्यायालय में आवाज उठाने के बाद उक्त आदेश को स्थगित कर दिया गया. इसके बाद अतिक्रमण विभाग के कर्मचारियों को अंतिम आदेश प्राप्त होने तक पूर्ववत जैसे थे वैसे काम पर रखने के निर्देश दिये गए ओैर 2017 की रिपोर्ट सामान्य प्रशासन के पास भेजने के निर्देश दिये गए. लेकिन मनपा प्रशासन की लापरवाही के चलते रिपोर्ट भेजी नहीं गई है. जिसके चलते अतिक्रमण विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन बकाया है. यह वेतन देने की मांग उठाई गई. इस समय आयुक्त ने तत्काल संबंधित विभाग के अधिकारी को बकाया वेतन देने के निर्देश दिये और साल 2017 की रिपोर्ट भी तत्काल भेजने के आदेश दिये. जिसके बाद 1 घंटे के भीतर ही मई ओर जून माह का वेतन कर्मचारियों के बैंक खाते में जमा किया गया है.
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अब भी पांच कर्मचारियों के वेतन अटके
अतिक्रमण विभाग में कार्यरत 25 कर्मचारियों में से अब भी पांच कर्मचारियों के वेतन की फाइल अकाउंट सेक्शन में अटकी पडी है. अप्रैल, मई, जून और जुलाई का वेतन अब भी कर्मचारी गजानन चांगोले, सागर तोराम, गजानन राठोड, सुनील यादव, गणेश जाधव के बैंक खाते में जमा नहीं हो पाया है. उनके वेतन को लेकर भी पत्राचार किया गया है.