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शालेय समस्याओं का जल्द समाधान निकाले प्रशासन

क्षत्रिय मराठा समाज ने सौंपा जिलाधीश को ज्ञापन

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१५ – इस समय कोरोना के संकट को देखते हुए सभी शालाएं विगत लंबे अर्से से बंद पडी है. जिसकी वजह से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही है, जिनका प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द समाधान निकाला जाना चाहिए, ताकि शालेय शिक्षा पहले की तरह पटरी पर लौट सके. इस आशय की मांग क्षत्रिय मराठा समाज की ओर से जिलाधीश शैलेश नवाल को सौंपे गये ज्ञापन में की गई है.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, ऑनलाईन शिक्षा की वजह से बच्चों की आंखों में विकार पैदा हो रहे है. साथ ही उनकी मानसिकता पर विपरित परिणाम पड रहा है और वे चिडचिडेपण का शिकार हो रहे है. इसी तरह ऑनलाईन शिक्षा में प्रत्यक्ष कक्षाओं की तरह शिक्षा का प्रभाव गंभीरतापूर्वक नहीं काम करता है. साथ ही शिक्षकों की बजाय पालकों पर ही विषय को पढाने की पूरी जिम्मेदारी आन पडती है. वहीं यद्यपि इस समय सभी शालाएं बंद है, लेकिन शालेय शिक्षा के नाम पर बच्चों से पूरी फीस वसूली जा रही है. जबकि लॉकडाउन की वजह से कई अभिभावकों के आय के साधन बंद हो गये है. लेकिन शिक्षा संस्था संचालकों द्वारा फिस भरने को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है और फिस भरने में असफल रहनेवाले विद्यार्थियों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया जा रहा. अत: जारी शैक्षणिक सत्र में 50 फीसदी शुल्क माफी मिलनी चाहिए और शेष 50 फीसदी फीस के लिए भी आसन किश्त की सुविधा मिलनी चाहिए.
ज्ञापन सौंपते समय क्षत्रिय मराठा समाज के जिलाध्यक्ष नितीन देशमुख, महिला जिलाध्यक्ष शितल वाघमारे, विद्यार्थी प्रदेश अध्यक्ष गौरव पवार व अमरावती शहर अध्यक्ष संदीप बेहरे सहित पल्लवी मुंडे, लीना दीडिये व हर्षा मोंढे आदि उपस्थित थे.

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