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मेहमान की तरह आओ और रहो अडसूल साहेब, हमें अपने घर में रहना मत सीखाओ

  • युवा स्वाभिमान ने पूर्व सांसद आनंद अडसूल पर किया पलटवार

  • राणा दम्पत्ति के पहले युवा स्वाभिमानियों का रास्ता रोक कर दिखाने की चेतावनी दी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१३ – पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल अमरावती जिले के लिए बाहरी व्यक्ति थे. जिन्हें अमरावती जिले की जनता ने वर्ष २०१९ के चुनाव में अमरावती जिले से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इससे पहले १० वर्ष तक अमरावती जिले का सांसद रहने के दौरान भी आनंदराव अडसूल यहां अमावस-पूर्णिमा को ही दिखाई देते थे और जिले के सांसद होने के बावजूद अमरावती जिले में मेहमान की तरह रहते थे और अब तक उनका अमरावती से कोई वास्ता भी नहीं बचा, लेकिन इसके बावजूद लंबे समय बाद अमरावती आये आनंदराव अडसूल ने अमरावती जिले की बहू व सांसद नवनीत राणा तथा अमरावती के भुमिपूत्र विधायक रवि राणा को अमरावती जिले में कहीं पर भी घुमने नहीं देने की बात कही है, जो अपने आप में बेहद हास्यास्पद है. अत: आनंदराव अडसूल को चाहिए कि, वे मेहमान की तरह अमरावती आये है, तो यहां मेहमान की तरह रहें और अमरावती के लोगों को न सिखाये की अपने घर में कैसे रहा जाता है. इस आशय का पलटवार सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा के नेतृत्ववाली युवा स्वाभिमान पार्टी की ओर से किया गया है. उल्लेखनीय है कि, गत रोज पूर्व सेना सांसद आनंदराव अडसूल का लंबे समय बाद अमरावती आगमन हुआ. साथ ही शिवसेना के महानगर प्रमुख प्रवीण हरमकर ने एक पत्रवार्ता लेते हुए आरोप लगाया कि, विगत दिनों मेलघाट का दौरा करने के नाम पर राणा दम्पत्ति ने मेलघाट परिसर में अपनी पिकनिक मनायी थी. साथ ही शिवसेना की ओर से यह भी कहा गया कि, राणा दम्पत्ति द्वारा जिले व शहर के विकास के लिहाज से कोई काम नहीं किया गया और यदि ऐसे ही चलता रहा तो राणा दम्पत्ति का अमरावती जिले में बाहर निकलना मुश्किल हो जायेगा. इस बात पर पलटवार करते हुए युवा स्वाभिमान की ओर से जारी पत्रक में कहा गया कि, बीते नौ वर्षों से राणा दम्पत्ति द्वारा प्रतिवर्ष मेलघाट जाकर वहां के आदिवासियों के बीच होली का त्यौहार मनाया जाता है. साथ ही आदिवासियों के सुख-दु:ख वाले समय में राणा दम्पत्ति हमेशा मेलघाट के साथ खडे रहते है. ऐसे में आदिवासियों से मुलाकात को पर्यटन का नाम देना एक तरह से आदिवासियों का अपमान है. साथ ही इस विज्ञप्ती में सवाल पूछा गया कि, कोरोना जैसी महामारी के समय जब राणा दम्पत्ति द्वारा पुरे जिले में जरूरतमंदों की सहायता की जा रहीं थी, उस समय आज अमरावती के लिए नकली प्रेम दिखानेवाले पूर्व सांसद अडसूल कहां थे.
इस समय युवा स्वाभिमानियों ने पूर्व सांसद अडसूल को अपने गिरहबान में झांकने की सलाह देते हुए कहा कि, जिस कांग्रेस को शिवसेना द्वारा हमेशा विरोध किया जाता था, आज उसी कांग्रेस के गले में हाथ डालकर शिवसेना अपनी सरकार चला रही है. ऐसे में शिवसेनावालों को सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. इस विज्ञप्ति में पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल पर विधायक रवि राणा द्वारा लाये गये विकासकामों का श्रेय लूटने का आरोप लगाते हुए कहा गया कि, पूर्व सांसद अडसूल ने अपने दस वर्ष के संसदीय कार्यकाल में अमरावती जिले के विकास और भलायी के लिए एक भी काम नहीं किया है, जबकि सांसद नवनीत राणा ने अपने महज एक साल के कार्यकाल के दौरान ही संसद में अमरावती जिले से संबंधित कई मसलों को बडे प्रखर तरीके से उठाया है और राष्ट्रीय स्तर से संबंधित कई मसलों को लेकर संसद में होनेवाली चर्चा में हिस्सा लिया. जबकि पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल अपने द्वारा खरीदे गये संसदरत्न पुरस्कार का टूनटूना बजाने में ही व्यस्त थे. इस परिपत्रक में युवा स्वाभिमान के मार्गदर्शक निलकंठ कात्रे, जयंत वानखडे, शैलेंद्र कस्तुरे, जिलाध्यक्ष जीतू दुधाने, संजय qहगासपुरे, पार्षद आशिष गावंडे व सुमति ढोके सहित ज्योति सैरिसे, नितीन बोरेकर, अनुप अग्रवाल, अयुब खान, निलेश भेंडे व अभिजीत देशमुख आदि ने पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल को चेताया है कि, सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा तो बहुत दूर की बात है, वे युवा स्वाभिमान के किसी पदाधिकारी या कार्यकर्ता का रास्ता भी रोककर दिखा दें.

सांसद नवनीत की ‘नो कमेंटस्‘

वहीं युवा स्वाभिमान की ओर से प्रेस विज्ञप्ती जारी होने के पहले जब मंगलवार की सुबह जिले की सांसद नवनीत राणा से दैनिक अमरावती मंडल ने गत रोज शिवसेना द्वारा प्रेस वार्ता में कही गयी बात पर प्रतिक्रिया लेने हेतु संपर्क किया, तो सांसद नवनीत राणा का स्पष्ट तौर पर कहना रहा कि, वे ऐसी बातों पर बिल्कूल भी ध्यान नहीं देती और उन्हें इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी है. अलबत्ता उन्होंने बातों ही बातों में यह इशारा जरूर दिया था कि, ऐसे लोगोें को जवाब देने के लिए युवा स्वाभिमान पार्टी के कार्यकर्ता ही काफी है. इसके बाद दोपहर के आसपास युवा स्वाभिमान की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ती जारी हो ही गयी.

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