सेंट्रल बैंक में डेढ करोड रूपयों की अफरातफरी
ब्रांच मैनेजर सहित पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
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भंडारा जिले की आसगांव शाखा का मामला
भंडारा/प्रतिनिधि दि.21 – जिले की पवनी तहसील अंतर्गत सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की आसगांव शाखा में करीब डेढ करोड रूपयों की अफरातफरी उजागर हुई है. जिसे लेकर 5 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. जिनमें मुख्य आरोपी प्रमोद पडोले (मांगली) सहित शाखा शाखा व्यवस्थापक उमेश कापगते, सह व्यवस्थापक आशीष आटे व कमलाकर धार्मिक तथा सीएससी कंपनी के विभाग व्यवस्थापक दुर्गेश भोंगाडे का समावेश है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक सीएससी कंपनी द्वारा प्रदीप पडोले की सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की बाचेवाडी शाखा में वर्ष 2018 से नियुक्ति की गई थी और नियुक्ती होने के बाद उसने बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर बायोमेट्रिक मशीन के जरिये ग्राहकों के पैसे बैंक में जमा करने व निकालने का काम शुरू किया था. उसके आर्थिक व्यवहार हेतु बैंक शाखा द्वारा उसे एक स्वतंत्र ओडी क्रमांक बनाकर दिया था. इसी बीच बैंक के एक खातेदार ने अपने खाते से 2 लाख 49 हजार रूपये की रकम निकाले जाने को लेकर शिकायत दर्ज करायी. जिसकी सघन जांच और लेखा परीक्षण करने पर पता चला कि, प्रदीप पडोले द्वारा बैंक में करीब 1 करोड 50 लाख रूपयों की रकम इधर से उधर की गई है. यह बात ध्यान में आते ही सेेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के व्यवस्थापक हर्षकुमार हरिदास जामगंडे ने तुरंत पवनी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी. जिसके आधार पर प्रदीप पडोले सहित अन्य चार लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है. पता चला है कि, सीएससी कंपनी की ओर से बैंक में बैठनेवाले प्रदीप पडोले ने ग्राहकों के समक्ष खुद को बैंक का कर्मचारी बताना शुरू किया था. साथ ही वह एक ही समय कई विड्रॉल फॉर्म पर ग्राहकों के हस्ताक्षर व अंगूठे के निशान लिया करता था. जिसके जरिये बाद में ग्राहकों के खाते से अपने खाते में पैसे ट्रान्सफर करता था. इसी तरह उसने बायोमेट्रिक मशीन का भी दुरूपयोग करते हुए कई ग्राहकों के खातों से अपने अकाउंट में पैसे ट्रान्सफर किये थे. वहीं इन तमाम बातों पर नियंत्रण रखने की जिम्मेदारी रहने के बावजूद बैंक कर्मचारी उमेश कापगते, आशिष आटे, कमलाकर धार्मिक तथा सीएससी कंपनी के दुर्गेश भोंगाडे ने अपने काम में लापरवाही बरती. जिसकी वजह से यह आर्थिक गडबडी हुई.