वैक्सीन लगाने के बाद किसी के आंखों की रोशनी लौटी, किसी की जान गई
‘जितने मुंह, उतनी बातें’ वाली स्थिति
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अलग-अलग लोगों के अलग-अलग दावे
अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – इस समय कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन को लेकर ‘जितने मुंह, उतनी बातें’ वाली स्थिति देखी जा रही है और वैक्सीन लगाने के बाद होनेवाले परिणामों को लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही है. इसमें सर्वाधिक चर्चा वैक्सीन लगाने के बाद होनेवाली मौतों को लेकर है. वहीं अब एक नई चर्चा भी सामने आयी है, जिसके मुताबिक वाशिम जिले के रिसोड तहसील अंतर्गत एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला के आंखों की रोशनी वैक्सीन लगाने के बाद लौट आने की बात कही जा रही है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक वाशिम जिले के रिसोड तहसील अंतर्गत बेंदरवडी गांव निवासी 70 वर्षीय मथुराबाई बिडवे को विगत 9 वर्षों से कुछ भी दिखाई नहीं देता था. किंतु विगत 26 जून को वैक्सीन लेने के बाद कुछ ही दिनों के भीतर धीरे-धीरे उन्हें दिखाई देना शुरू हो गया है और उनके आंखों की रोशनी अपने आप लौट आयी है. ऐसा उनका कहना है. किंतु डॉक्टरों के मुताबिक इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता. पता चला है कि, मूलत: जालना जिले के परतूर की निवासी मथुराबाई को दस वर्ष पूर्व मोतियाबिंद की शिकायत हुई थी. जिसके बाद उन्हें धीरे-धीरे दिखाई देना बंद हो गया था. घर पर पति व बाल-बच्चे नहीं रहने के चलते उनके रिश्तेदार ने उन्हें आसरा देने हेतु उन्हें अपने यहां लाकर रखा. जहां पर मथुराबाई ने विगत 26 जून को कोविड टीकाकरण केंद्र पर जाकर कोविशिल्ड वैक्सीन का टीका लगवाया और अब उन्हें एक आंख से थोडा-थोडा दिखाई देने लगा है.
वहीं दूसरी ओर नागपुर के हंसापुरी परिसर में रहनेवाले 58 वर्षीय दौलत साहु नामक व्यक्ति ने विगत 3 जुलाई को मनपा के हंसापुरी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगवायी. किंतु दो घंटे के भीतर ही दौलत साहु के सीने में तेज दर्द उठना शुरू. जिसके बाद उन्हें तुरंत मेयो के कैज्युल्टी विभाग में लाकर भरती किया गया. किंतु तब तक उनकी मौत हो गई थी. मेयो के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक विगत तीन-चार दिनों से साहु को सीने में दर्द की शिकायत थी. जिसके बारे में उन्होंने अपने परिजनों को जानकारी दी थी. लेकिन अपना इलाज नहीं कराया था. वहीं शनिवार को अपरान्ह 12 बजे के दौरान उन्होंने हंसापुरी केंद्र पर जाकर वैक्सीन लगवायी. जिसके दो घंटे बाद उनकी तबियत बिगडने लगी और अस्पताल में भरती कराये जाने तक उनकी मौत हो चुकी थी. चूंकि कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगाये जाने के बाद 72 घंटों के भीतर यह मौत हुई है. ऐसे में नियमानुसार पॅथॉलॉजी विशेषज्ञों की उपस्थिति में वीडियो शूटींग करते हुए मृतक का पोस्टमार्टम किया गया.
जानकारी के मुताबिक कोविड वैक्सीन का टीका लगाये जाने के बाद 24 घंटे के भीतर अब तक करीब 8 मौतें हुई है. जिसके बारे में डॉक्टरों का कहना है कि संबंधित लोगों की मौत अलग-अलग गंभीर बीमारियों की वजह से हुई है और इसका वैक्सीनेशन से कोई संबंध नहीं है, बल्कि वैक्सीन लगवाना और मौत होना यह अपने आप में महज एक संयोग है.