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तीन साल बाद इतने जल्दी खोलने पडे अप्पर वर्धा बांध के दरवाजे

लगातार हो रही बारिश से बांध में जलस्तर बढने के चलते लिया गया निर्णय

  • गत वर्ष २६ सितंबर को खोले गये थे बांध के सभी गेट

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१४ – अमूमन अगस्त माह के खत्म होने के खत्म होते-होते या सितंबर अप्पर वर्धा बांध के पूरी तरह भर जाने की स्थिति में इस बांध के कुछ दरवाजों को खोलकर यहां से जलनिकासी शुरू की जाती है, ताकि बांध ओवरफ्लो न हो. लेकिन इस बार बुधवार १४ अगस्त को ही इस बांध के ११ दरवाजों को ३५ सेंटीमीटर तक खोलते हुए यहां से प्रति सेकंड ६२० घनमीटर पानी का विसर्ग किया जा रहा है.  यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, करीब तीन वर्ष के दौरान अगस्त माह के मध्य में इस बांध के दरवाजों को खोलने की नौबत आयी है. इससे पहले गत वर्ष २६ सितंबर को इस बांध के सभी १३ दरवाजों को १५ सेंटिमीटर खोला गया था. वहीं इस बार अगस्त माह में ही इस बांध के दरवाजों को ३५ सेंटीमीटर खोलना पडा है. ज्ञात रहे कि, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश की सीमा में पांडुरना जिला अंतर्गत सतपुडा पर्वतमाला में झमाझम बारिश होने पर पहाडों का पानी बहकर वर्धा नदी से होते हुए अप्पर वर्धा बांध तक पहुंचता है. इन दिनों सतपुडा पर्वत श्रृंखला में जबर्दस्त बारिश हो रही है और बांध के जलसंग्रहण क्षेत्र में प्रति सेकंड २४० घनमीटर पानी की आवक हो रही है. जिसके चलते ५६४.०५ दलघमी की जलसंग्रहण क्षमता रहनेवाले इस बांध में इस समय ५३६.७४ दलघमी यानी ९५.१६ फीसदी जलसंग्रहण हो चुका है. इस बांध में ४४२.५० मीटर के अधिकतम स्तर तक जलसंग्रहण हो सकता है और इस समय यहां पर ३४२.२० मीटर तक जलस्तर पहुंच चुका है. ऐसे में अप्पर वर्धा प्रकल्प के अधिकारियों ने यहां से जलनिकासी करने का निर्णय लेते हुए बांध के ११ दरवाजों को ३५ सेंटीमीटर तक खोल दिया. जिसके बाद यहां से प्रति सेकंड ६२० घनमीटर पानी का विसर्ग किया जा रहा है.  बता दें कि, इससे पहले वर्ष २०१६ में १४ अगस्त को इस बांध में ५१०.६४ दलघमी  यानी ९०.५३ फीसदी जलसंग्रहण होने के चलते यहां के पांच दरवाजों को १० सेंटीमीटर खोला गया था और प्रति सेकंड ८० घनमीटर पानी छोडा गया था. साथ ही वर्ष २०१६ में हुई जबर्दस्त बारिश की वजह से लगातार बढते जलस्तर को देखते हुए इस बांध के सभी १३ दरवाजों को १६ सेंटीमीटर खोलकर यहां से जलविसर्ग किया गया था. वहीं गत वर्ष सितंबर माह में लगातार बढते जलसंग्रह के चलते इस बांध के सभी दरवाजे १५ सेंटीमीटर खोलकर जलनिकासी की गई थी. किन्तु हाल-फिलहाल के वर्षों में पहली बार ऐसी स्थिति बनी है, जब अगस्त माह के मध्य में इस बांध के ११ दरवाजों को खोलने की नोबत आयी है. बता दें कि, महज एक दिन पूर्व ही इस बांध के केवल एक दरवाजे को खोलकर यहां से जलनिकासी शुरू की गई थी. वहीं विगत २४ घंटों के दौरान लगातार हो रहीं बारिश और बांध में पानी की जबर्दस्त आवक के चलते २४ घंटे के भीतर इस बांध के अन्य १० दरवाजे भी खोल दिये गये है.  इस संदर्भ में अप्पर वर्धा सिंचाई प्रकल्प कार्यालय से हासिल की गई जानकारी के मुताबिक गत वर्ष १४ अगस्त को इस बांध में मात्र ४३.१९ फीसदी यानी २४३.६२ दलघमी जलसंग्रहण हो पाया था. वहीं १४ अगस्त २०१८ को बांध में २५७.२१ यानी ४५.६० फीसदी तथा १४ अगस्त २०१७ को २४५.३७ यानी ४३.५० फीसदी जलसंग्रहण की स्थिति थी. ऐसे में विगत तीन वर्षों के दौरान अगस्त माह में बांध के दरवाजे खोलने की नौबत ही नहीं आयी थी, क्योंकि विगत तीन वर्षों के दौरान अगस्त माह में यह बांध आधा भी नहीं भर पाया था.वहीं इस बार गर्मी के मौसम से ही बांध में जलसंग्रहण की स्थिति काफी अच्छी रही, क्योंकि कोरोना की वजह से लॉकडाउन जारी रहने के चलते सभी औद्योगिक इकाईयां पूरी तरह से बंद है और पानी का नागरी व व्यवसायिक उपयोग काफी घट गया. ऐसे में बांध में जलसंग्रहण की स्थिति काफी अच्छी रहीं और बारिश भी समाधानकारक रहने के चलते बांध में जलस्तर लगातार बढने लगा. अगस्त माह आते-आते बांध में जलस्तर अपने अधिकतम स्तर तक जा पहुंचा और बांध में ९५ फीसदी जलसंग्रह हो गया है. जिसे देखते हुए प्रकल्प अधिकारियों ने इस बांध से जलविसर्ग शुरू करने का निर्णय लिया और अगस्त माह के मध्यान्ह में ही इस बांध से पानी छोडना शुरू किया गया.

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