अमरावती प्रतिनिधि/ दि. 23 – विगत वर्ष मार्च माह से शुरू हुए कोरोना संक्रमण के चलते जारी शैक्षणिक सत्र का अधिकांश हिस्सा लॉकडाऊन की भेंट चढ़ गया और पूरा समय स्कूल कॉलेज बंद रहे. इस दौरान पढ़ाई लिखाई का काम ऑनलाईन तरीके से चलता रहा, जिसके प्रभावी और कारगर होने पर कई तरह के सवालिया निशान भी लगते रहे. पश्चात विगत नवंबर माह में 9 वीं से 12 तथा जनवरी माह में 5 वीं से 8 वीं की कक्षाओं में प्रत्यक्ष पढ़ाई-लिखाई यानि ऑफलाईन शिक्षा का काम शुरू हुआ ही था कि अब अमरावती शहर सहित जिले में एक बार फिर कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह सलॉकडाऊन लगाने की नौबत आन पड़ी है. ऐसे में पढ़ाई लिखाई का काम एक बार फिर ऑनलाईन मोड पर चला गया है, क्योंकि लॉकडाऊन की वजह से सभी स्कूलों व कॉलेजों को दोबारा पूरी तरह से बंद करवा दिया गया है.
बता दें कि जारी फरवरी माह में कोरोना संक्रमितों की संख्या में अकस्मात इजाफा होने लगा है और संक्रमण की स्थिति अनियंत्रित होती दिखाई दे रही है. ऐसे में हालात को संभालने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अमरावती व अचलपुर तहसील क्षेत्र में 22 फरवरी की शाम 8 बजे से 1 मार्च की सुबह 6 बजे तक आठ दिनों का कडा लॉकडाऊन लगा दिया गया है. वहीं जिले के अन्य तहसील क्षेत्रों में भी कड़े प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये हैं. जिसके तहत अगले आदेश तक सभी स्कूल, कॉलेज व निजी ट्यूशन क्लासेस को पूरी तरह से बंद करवा दिया गया है. ऐसे में अब सभी विद्यार्थी एकबार फिर अपने अपने घरों में कैद होकर रह गये हैं तथा एक बार फिर सभी को पढ़ाई लिखाई के लिए ऑनलाईन तरीकों का सहारा लेना पड़ रहा है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि शालाओं व कॉलेजों में प्रत्यक्ष पढ़ाई-लिखाई का काम बंद करवाने के साथ ही प्रशासन ने शिक्षा संस्थाओं में उत्तरपुस्तिकाओं की जांच, परीक्षाओं की तैयारी जैसे काम जारी रखने की अनुमति दी है. ऐसे में माना जा सकता है कि शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों को पहले की तरह ही अपने काम पर हाजिर होना होगा. हालांकि प्रशासन ने इसके लिए भी अधिकतम 15 फीसद कर्मचारियों को ही उपस्थित रहने की अनुमति प्रदान की है. ऐसे में कहा जा सकता है कि पिछले लॉकडाऊन से उबरने के बाद धीरे धीरे पटरी पर लौट रहा शैक्षणिक कामकाज एकबार फिर बेपटरी हो गया है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि इस समय आगामी मार्च व अप्रैल माह को देखते हुए अधिकांश स्कूलों व कॉलेजों में वार्षिक परीक्षाओं की तैयारियों का काम चल रहा था. किंतु अब दोबारा लॉकडाऊन लग जाने और भविष्य की अनिश्चितता को देखते हुए सालाना परीक्षाओं के संदर्भ में भी संभ्रम देखा जा रहा है.