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आघाडी ने की दूसरी नोट बंदी की आलोचना

पवार से लेकर चव्हाण, ठाकरे, राउत सभी नाराज

मुंबई/दि.20- रिजर्व बैंक व्दारा 2 हजार वर्गमूल्य की करंसी कुछ माह बाद चलन से बाहर करने की घोषणा की आघाडी नेताओं ने कडी आलोचना की है. अजीत पवार से लेकर आदित्य ठाकरे, पृथ्वीराज चव्हाण, संजय राउत सभी ने मोदी सरकार का बडा फेलिवर बताया है. नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने अपनी खास शैली में केंद्र की आलोचना की. कोल्हापुर में पवार ने कहा कि, पीछे एक बार 500 और 1000 के नोट बंद का फतवा निकाला था. फिर 2 हजार की नोट चलन में लाई थी. अब 2 हजार की नोट भी बदलकर देने कहा जा रहा है. देश में इंदिरा गांधी, वापपेयी, मनमोहन का दौर देखा है. किसी ने नकली नोट की समस्या से निपटने आम जनों को दिक्कत में कभी नहीं लाया. सरकार को बार-बार ऐसा क्यों करना पडा रहा है. इस पर अंर्तमुख होकर विचार करना चाहिए.
आदित्य ठाकरे ने कुपरेज फुटबॉल मैदान पर आयोजित वर्कशॉप दौरान कहा कि, पिछले 5-6 वर्ष में रिजर्व बैंक सतत आगे-पीछे कर रही है. देखा जाए तो नोटबंदी से देश की आर्थिक स्थिति पर क्या परिणाम हुआ, इसका अध्ययन होना चाहिए. शिवसेपना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि, मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था से खिलवाड कर रही है. नांदेड में मीडिया से बातचीत में राउत ने कहा कि, बहुत गाजे-बाजे से 2 हजार की नोट लाई गई थी अब उसे भी बंद करना पड रहा है. यह सरकार की नाकामी है.
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि, सरकार के एक निर्णय से 120 करोड जनता को तकलीफ हुई थी. अब 2 हजार की करंसी बंद करने का निर्णय बचपना है. चव्हाण ने कहा कि, पहली नोटबंदी का भी कोई उद्देश्य साध्य नहीं हुआ.

* फडणवीस ने कहा-इमानदार को चिंता नहीं
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, अक्तूबर तक आप नोट बदल सकते हैं. जिनके पास कानूनन नोट है, सफेद धन है उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं. कालाधन किसी ने जमा किया है तो उसे निश्चित ही दिक्कत होगी. उन्हें बताना पडेगा कि, इतनी नोट उनके पास कहां से आई. फडणवीस ने कहा कि जाली नोटो पर पाबंदी के लिए फैसला लिया गया है. इनपुट मिले होंगे. उधर राकांपा ने नागपुर में रिजर्व बैंक के सामने प्रदर्शन किया.

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