लगातार बढती ताकत के चलते अजित पवार को बनाया गया था निशाना
सांसद सुनील तटकरे ने 70 हजार करोड के आरोप पर दिया बयान
मुंबई/दि.30 – अजित पवार की वजह से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बडी तेजी के साथ विस्तारित होने के साथ ही मजबूत हो रही थी. यही वजह है कि, उस समय विपक्षी दलों द्वारा अजित पवार पर निशाना साधने हेतु उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए और सन 2014 में पहली बार 70 हजार करोड के घोटाले का शब्द प्रयोग किया गया. जबकि हकीकत यह है कि, सन 1952 से 2012 की कालावधि के दौरान राज्य के विभिन्न सिंचाई प्रकल्पों पर 70 हजार रूपए करोड का खर्च हुआ है. लेकिन इस पूरी रकम के लिए केवल अजित पवार को निशाना बनाया गया. इस आशय का प्रतिपादन अजित पवार गुट वाली राकांपा के सांसद सुनील तटकरे ने किया.
कर्जत में अजित पवार गुट की ओर से पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के आयोजित शिविर में उपरोक्त प्रतिपादन करते हुए सांसद सुनील तटकरे ने कहा कि, वर्ष 2014 में अजित पवार व छगन भुजबल सहित खुद उन पर 70 हजार करोड के सिंचाई घोटाले का आरोप लगाया गया था. जबकि हकीकत यह है कि, इस रकम से जायकवाडी, उजनी, गोसीखुर्द सहित महाराष्ट्र के अन्य बांधों पर पैसा खर्च किया गया. जिससे लाखों हेक्टेअर जमीन के लिए सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई और महाराष्ट्र में कृषि उत्पादन बढा. परंतु इसके बावजूद भी अजित पवार पर निशाना साधा गया. क्योंकि अजित पवार की वजह से ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ताकत बढ रही थी.
इसके साथ ही सांसद तटकरे ने यह भी बताया कि, वर्ष 2014 में विधानसभा का चुनावी नतीजा घोषित होने से पहले ही भाजपा को बाहर से समर्थन घोषित करने के संदर्भ में उनसे व प्रफुल्ल पटेल से कहा गया था. जबकि भाजपा ने राकांपा से कोई समर्थन नहीं मांगा था. उस समय महाराष्ट्र में सरकार स्थापित होने के बाद खुद शरद पवार के कहने पर अलीबाग में राकांपा के विजयी व पराजीत उम्मीदवारों का शिविर आयोजित किया गया था. जिनमें राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार को समर्थन देने का निर्णय लिया गया था.