अकोला-पूर्णा ब्रॉडगेज के हिस्से में फिर निराशा
मनमाड से होकर चलेगी जालना-छापरा एक्सप्रेस
अकोला/दि.3- परभणी, पूर्णा, हिंगोली, वाशिम व अकोला होते हुए प्रस्तावित रहनेवाली जालना-छापरा साप्ताहिक विशेष ट्रेन को अंतत: जालना से औरंगाबाद व मनमाड होते हुए छापरा तक चलाने का निर्णय लिया गया है. जिसके चलते ब्रॉडगेज होने के बावजूद कई वर्ष बीत जाने पर भी पूर्णा-अकोला रेलमार्ग के हिस्से में एक बार फिर निराशा व उपेक्षा ही आयी है. वहीं उत्तर भारत के लिए सीधी रेलसेवा की मांग कर रहे अकोला, वाशिम व हिंगोली जिलों से यात्री संगठनों द्वारा इस निर्णय को लेकर अपनी नाराजगी जताई जा रही है.
बता दें कि, जालना-छापरा साप्ताहिक विशेष ट्रेन को विगत 26 अक्तूबर को ही रेलवे राज्यमंत्री रावसाहब दानवे के हाथों हरी झंडी दिखाई गई. इस समय खुद केंद्रीय राज्यमंत्री दानवे ने बताया कि, यह ट्रेन जालना से निकलकर परभणी, पूर्णा, हिंगोली, वाशिम व अकोला होते हुए जानेवाली थी. चूंकि मनमाड व भुसावल होते हुए उत्तर भारत की ओर जानेवाली कई रेलगाडियां पहले से दौड रही है. ऐसे में जालना-छापरा ट्रेन को परभणी, पूर्णा व अकोला होते हुए चलाये जाने की मांग यात्री संगठनों द्वारा की जा रही थी. लेकिन औरंगाबाद से बिहार की ओर आने-जानेवाले यात्रियों की सुविधा को देखते हुए इस ट्रेन को ऐन समय पर व्हाया औरंगाबाद व मनमाड मोडा गया. ऐसा कहा जा रहा है. लेकिन इस फैसले का फायदा केवल औरंगाबाद जिले को हुआ है. वहीं परभणी, हिंगोली, वाशिम व अकोला के यात्रियों को इस फैसले की वजह से काफी नुकसान व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. क्योंकि इन जिलों में बडे पैमाने पर उत्तर भारतीयों की रिहाईश है और इन क्षेत्र के लोगों को मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश व बिहार की ओर जाने के लिए भुसावल, खंडवा या नागपुर जाकर ट्रेन पकडनी पडती है. ऐसे यात्रियों के लिए जालना-छापरा ट्रेन काफी सुविधाजनक हो सकती थी. लेकिन खुद रेल्वे राज्यमंत्री रावसाहब दानवे ने ऐन समय पर इस ट्रेन के रूट को बदल दिया. जिसके चलते इन जिलों में रहनेवाले यात्रियों की ओर से अच्छी-खासी संतप्त प्रतिक्रिया सामने आ रही है.